Updated: 23/02/2022 at 9:03 AM
आप सभी ने रामायण अवश्य ही देखी होगी जितनी प्रभु राम के जन्म से लेकर उनके सरयू में जल समाधि लेने की लीला टीवी में दिखाया गया था लेकिन आपको बता दें कि इसके अलावा भी रामायण में बहुत से रहते हैं रहस्य थे जो टीवी पर नहीं दिखाए गए। आज हम आपको रामायण से जुड़ी कुछ ऐसे ही में रोचक बातों के बारे में बताने जा रहे है जिनके बारे में शायद ही आपको पता होगा1 क्या आपको पता है पहले हनुमान जी ने लिखी थी रामायण जैसे की आप सभी को पता है कि वाल्मीकि जी ने रामायण की रचना की थी लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि वाल्मीकि जी से पहले प्रभु श्री राम जी के अनन्य भक्त हनुमान जी ने रामायण की रचना एक शीला पर अपने नाखूनों से की थी। इस बात का पता जब बाल्मीकि जी को चला तब उन्होंने उस शिला को जाकर देखा जिसमें हनुमान जी द्वारा राम कथा का वर्णन देख वह हैरान रह गए फिर उन्होंने हनुमान जी से कहा हे पवनसुत आपसे अच्छा राम कथा का वर्णन कोई कर ही नहीं सकता और आपकी रचना के सामने मेरा लेखन कुछ भी नहीं है। यह सुन हनुमान जी ने सोचा कि वाल्मीकि जी कवि है और प्रभु श्री राम के भक्त हैं उनके अनुसार उनकी रचना मेरी रचना के समान सुंदर नहीं है तो भी क्या हुआ उसमें भी तो मेरे प्रभु श्री राम की महिमा की वर्णन हैं उसके बाद हनुमान जी ने अपनी लिखी शीला को समुंदर में फेंक दिया। और इतिहास में रामायण लिखने के लिए वाल्मीकि जी का नाम अमर हो गया।2 रामायण में ही हुई थी गायत्री मंत्र की रचना क्या आप जानते हैं कि रामायण में लिखे हुए श्लोकों से ही गायत्री मंत्र की रचना हुई है महर्षि वाल्मीकि द्वारा रामायण में 24000 श्लोक हैं हर 1000 श्लोक के बाद आने वाले पहले अक्षर से ही गायत्री मंत्र बनता है इन्हीं 24 अक्षरों से ही गायत्री मंत्र की रचना हुई है।3- किसके अवतार थे भगवान राम के भाई यह तो सभी जानते हैं कि भगवान श्री राम विष्णु जी के अवतार थे। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि उनके तीनों भाई किसके अवतार थे लक्ष्मण जी को विष्णु जी की सैया शेषनाग जी का अवतार माना जाता है। जो कि भरत और शत्रुघ्न को क्रमशः विष्णु जी के हाथों में धारण किए जाने वाले सुदर्शन चक्र और शंख का अवतार माना जाता है।4- राम की बहन शांता की कथा आमतौर पर लोग यही जानते हैं कि राजा दशरथ के चार पुत्र थे। राम, लक्ष्मण भरत और शत्रुघ्न परंतु यह सच पूरा नहीं है राजा दशरथ के चार पुत्रों के अलावा एक पुत्री भी थी जो आयु में इन चारों भाइयों से बड़ी थी इनका नाम शांता था। और इनकी माता कौशल्या थी अपनी इस पुत्री को राजा दशरथ ने अंग देश के राजा रोमपतिऔर उनकी रानी वर्शदी को गोद दे दिया था। क्योंकि उनको कोई संतान नहीं थी इन दोनों ने बड़े ही स्नेह के साथ उसका लालन-पालन किया । और माता-पिता की सभी कर्तव्य को निभाया और बाद में राजा रोमपति ने शांता का विवाह ऋषि शृंग ऋषि के साथ कर दिया जिससे जुड़ी कथा बड़ी ही रोचक है। कथा के अनुसार एक बार राजा रोमपति अपनी पुत्री शांता से बातें कर रहे थे उसी समय उनके द्वार पर एक ब्राह्मण आये और उन्होंने राजा से प्रार्थना की वर्षा के दिनों में खेतों में जुताई के लिए राज दरबार की आय से मदद करें। परंतु ब्राह्मण की बात राजा रूम को सुनाई नहीं दी और वे पुत्री के साथ बातचीत करते रहे। जब काफी देर बाद भी ब्राह्मण को कोई उत्तर नहीं मिला। तब वह दुखी हो गये और राजा रोमपति का राजदरबार छोड़ कर चले गए। वे ब्राह्मण इंद्र के भक्त थे अपने भक्तों की ऐसे अनदेखी पर इंद्रदेव राजा रूम पर क्रोधित हो गए और उन्होंने उनकी राज्य में पर्याप्त वर्षा नहीं की जिससे खेतों में खड़ी फसलें सूखने लगी अपनी अपनी प्रजा की यह हालत देख राजा रोमपति ऋषि शृंग ऋषि के पास गए। और उनकी सलाह पर एक यज्ञ किया जिसके बाद उनकी राज्य में पर्याप्त वर्षा हुई और उनके राज्य के खेत खलिहान पानी से भर गए। इसके बाद राजा रामपति ने अपनी पुत्री का विवाह ऋषि से करा दिया और वह दोनों सुख पूर्वक रहने लगे। बाद में ऋषि शृंग ने ही अयोध्या नरेश दशरथ के लिए पुत्र कविस्टि यज्ञ किया था जिसके बाद उन्हें चारों पुत्र की प्राप्ति हुई।5 – क्या था माता सीता के स्वयंवर का कारण रामायण के अनुसार बचपन में ही एक बार माता सीता ने शिव धनुष पिनाका को उठा लिया था यह देख मिथिला नरेश राजा जनक ने यह तय कर लिया था वे अपनी पुत्री का विवाह ऐसे वीर से करवाएंगे जो इस शिव धनुष को है मेरी पुत्री की तरह आसानी से उठा सके यही कारण था सीता के स्वयंवर में यही शर्त रखी गई। और जो उस शिव धनुष को उठा पाया उसी ने सीता से विवाह किया और यह सभी जानते हैं कि श्री राम जी ने शिव धनुष को उठाकर सीता जी से विवाह किया।
First Published on: 23/02/2022 at 9:03 AM
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