Updated: 22/06/2023 at 5:29 PM
priya jha – THE FACE OF INDIA
Government Hospital
एक पब्लिक हॉस्पिटल , या Government Hospital , एक ऐसा हॉस्पिटल है जो सरकार के हक में है और पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्त पोषित है और स्वास्थ्य देखरेख के लिए करदाताओं से एकत्र किए गए धन से पूरी तरह से संचालित होता है। कुछ देशों में, इस प्रकार का हॉस्पिटल रोगियों को निःशुल्क चिकित्सा देखभाल आदि करता है, जिसमें सरकारी प्रतिपूर्ति द्वारा खर्च और मजदूरी को कवर किया जाता है।हॉस्पिटल के स्वामित्व वाले सरकार का स्थानीय, नगरपालिका अथवा राज्य, और क्षेत्रीय या राष्ट्रीय हो सकते है, और हेल्प के लिए योग्य , न केवल आपात स्थिति के लिए, गैर-नागरिक निवासियों के लिए उपलब्ध हो सकती है।AIIMS (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यह भारत के सार्वजनिक आयुर्विज्ञान तथा महाविद्यालयों का समूह है। इन समूहों में नई दिल्ली में स्थित यह भारत का सबसे पुराना एम्स संस्थान है। इसकी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स , AIIMS), भारत के सार्वजनिक आयुर्विज्ञान महाविद्यालयों का समूह है। इस समूह में नई दिल्ली स्थित भारत का सबसे पुराना उत्कृष्ट एम्स संस्थान है। इसकी नींव 1953 में रखी गयी और इसकी रचना 1956 में संसद के एक अधिनियम के माध्यम से एक स्वायत्त संस्थान के रूप में किया गया।Government HospitalGovernment Hospital
AIIMS भारत के ब्रांच ।AIIMS – नई दिल्लीAIIMS – भोपालAIIMS – भुवनेश्वरAIIMS – जोधपुरAIIMS – पटनाAIIMS – रायपुरAIIMS – ऋषिकेशAIIMS – मंगलगिरिAIIMS – नागपुर हॉस्पिटल के क्षेत्र में एनएबीएच का लाइसेंस मिलना इस बात का मंजूरी होता है कि हॉस्पिटल के अंदर जो भी सुविधा दी जा रही है, जो इंफ्रास्ट्रक्चर है वो एक मानक के अनुसार हैं। अब तक एम्स इस दिशा में सोच रहा था और न ही इसकी जरूरत महसूस कर रहा था। जबकि कई प्राइवेट अस्पताल हैं, जिनके पास एनएबीएच एक्रीडेशन का लाइसेंस है। नए डायरेक्टर ने इसकी जरूरत महसूस की और उन्होंने खुद पहल करते हुए यह आदेश जारी किया। आदेश के अनुसार, सबसे पहले एम्स ट्रॉमा सेंटर और बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग इसके लिए आवेदन करेगा। 31 अक्टूबर से इसकी शुरुआत होगी, पहले इंफ्रास्ट्रक्चर का असेसमेंट होगा। 31 मार्च तक से पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। एम्स सूत्रों का कहना है कि यह क्वॉलिटी को बेहतर करने की दिशा में एक और कदम है। इससे जहां मरीजों को पहले से ज्यादा बेहतर सुविधा मिलेगी, वहीं प्रोसेस स्टैंडर्डाइज होगा। एक तय समय पर मरीजों को इलाज, उनकी रिपोर्ट, इलाज की सुविधाएं डिसप्ले की जाएंगी। तथा एनएबीएच एक इंडिपेंडेंट एजेंसी है, इसके मानक पर खरा उतरना और उसके अनुसार चीजों में बदलाव करना जरूरी होगा। एम्स ने खुद पहल की है और इसलिए एम्स प्रशासन इस लाइसेंस को पाने के लिए पूरी कोशिश करेगा।Government Hospital ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
१)आपको सबसे पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम के वेबसाइट पर जाना होगा तथा यहां आपको बुक अपॉइंटमेंट नाउ पर क्लिक करना होगा ।२) फिर आपके पास आधार कार्ड है तो आधार नंबर वहा डालना होगा .और इन सभी के बाद आपके मोबाइल पर ओटीपी आएगा. आपको ओटीपी डालना होगा ।३) अगर आप एम्स के पहले से ही पेशेंट हैं तो उस ऑप्शन पर क्लिक कीजिए. तो एक नया विंडो खुलकर आएगा. उसमें आप अपनी डिटेल्स भरिए.४) अगर आपके पास आधार कार्ड नहीं है तो उस ऑप्शन पर क्लिक कीजिए. जहा आपसे मोबाइल नंबर पूछा जाएगा तथा फिर आपके पास फिर एक ओटीपी आएगा. आप को ओटीपी डालना होगा फिर एक नया विंडो आएगा. वहा आप अपने बारे में पूछे गए पूरी जानकारी देनी होगी । तथा इन सभी चरणों के बाद आपका इस वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन हो जाएगा.५) फर्स्ट स्टेप कंप्लीट करने के बाद आपको अपना राज्य सलेक्ट करना होगा। जैसे की आपको अपना इलाज दिल्ली में करवाना है तो दिल्ली का ऑप्शन सिलेक्ट कीजिए।.६) फिर आपको हॉस्पिटल सलेक्ट करना होगा।. जैसे की आपको AIIMS में दिखाना है तो AIIMS सलेक्ट कीजिए.७) तथा इन सभी चरणों के बाद आपको किस डिपार्टमेंट में किस बीमारी के लिए अपना इलाज करवाना है तथा उसे सेलेक्ट कीजिए.इन ऑप्शन में अलग-अलग डिपार्टमेंट की विंडो खुलकर आएगी. आपको उसमें से जिस भी बीमारी के दिखाना है उस पर क्लिक कीजिए. ८)अब इन में से कुछ बीमारियों के लिए रेफरेंस मांगा जाता है. तो जैसे कार्डियो, हार्मोंस इंबैलेंस, गैस्ट्रिक और गैस्ट्रिक सर्जरी, ब्लड रिलेटिड डिजीज़, किडनी प्रॉब्लम्स, नवर्स सिस्टम प्रॉब्लम और सर्जरी, न्यू्क्लर मेडिसिन, बच्चों में हार्ट प्रॉब्लम्स, मसल्स और ज्वॉइंट डिस्ऑर्डर, स्लिप डिस्ऑर्डर, यूरोलॉजी प्रॉब्लम. ऑर्थेपैडिक के उन्हीं मरीजों को देखा जाएगा जिनका ऑपरेशन हो चुका है. इसके अलावा बाकी बीमारियों के लिए आप एम्स में दिखा सकते हैं.९) अपनी बीमारी सलेक्ट करने के बाद आपको डेट के लिए लिस्ट आएगी. जिसमे जो भी डेट्स मौजूद होंगी उसकी लिस्ट आपके सामने आएगी. डेट सलेक्ट कीजिए.तथा इसके बाद कन्फर्मेशन विंडो आएगा । जिनसे अगर आप को अपॉइंटमेंट बुक करना चाहते हैं तो बुक अपॉइंटमेंट पर क्लिक कीजिए. आप चाहे तो अपना अपॉइंटमेंट इसी विंडो से रिशेड्यूल भी कर सकते हैं.१०)अपॉइंटमेंट बुक होने के बाद आप ने जो भी मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड किया है उस नंबर पर मैसेज आएगा और अपॉइंटमेंट बुक होने का कन्फर्मेशन होगा ।११) यह चेतावनी है । की बुकिंग के बाद अगर आप अपॉइंटमेंट वाले दिन नहीं जाते तो आपको दोबारा अपॉइंटमेंट नहीं मिलेगी. आपके अपॉइंटमेंट के एक दिन पहले तक आप अपना अपॉइंटमेंट कैंसल करवा सकते हैं.१२) इन सभी के बाद अपॉइंटमेंट के दिन आपको हॉस्पिटल जाकर अपॉइंटमेंट काउंटर से अपना ओपीडी कार्ड बनवाना होगा. वहां आपको 10 रूपए fee भी देनी होगी.१३) आपको अपॉइंटमेंट का जो टाइम दिया गया है उसी टाइम पर आप को पहुंचना होगा नही तो आपका अपॉइंटमेंट कैंसल हो जाए गा ।.१४) किन्ही कारण के वजह से आपने अपॉइंटमेंट नही लिया हो तो आप बिना अपॉइंटमेंट के सीधे हॉस्पिटल जाकर भी अपना ओपीडी कार्ड बनवा सकते हैं. ओपीडी कार्ड सुबह 8.30 से 10.30 बजे तक बनता है. डॉक्टर्स 8.30 से 1 बजे तक मरीजों का चेकअप करते हैं.First Published on: 13/10/2022 at 10:35 AM
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