बरहज, देवरिया। बरहज तहसील क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम ज्ञान छपरा में बड़े उत्साह के साथ गोवर्धन पूजा मनाया गया इसमें गांव की छोटी बड़ी लड़कियां इकट्ठा होकर बैकुंठ पांडे के दरवाजे पर भगवान गोवर्धन का उनके परिवार के साथ प्रतिमा बनाई ।गाय के गोबर से बने प्रतिमा को पुनः विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करने के बाद कुटा गया इसके बाद लड़कियों ने पीढिया व्रत उत्सव के लिए अपने सभी कार्यक्रमों को संपादित करते हुए बैकुंठ पांडे जी के यहां एक महीना के लिए व्रत की व्यवस्था की।मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से सच्चे दिल से गोवर्धन भगवान की पूजा करने से एवं गायों को गुड़ व चावल खिलाने से भगवान श्री कृष्ण की कृपा बनी रहती है। इस दिन गाय की पूजा करने से सभी पाप उतर जाते हैं और मोक्ष प्राप्त होता है। कथा एवं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार द्वापर युग में इंद्र ने कुपित होकर जब मूसलाधार बारिश की तो श्री कृष्ण ने गोकुलवासियों व गायों की रक्षार्थ और इंद्र का घमंड तोड़ने के लिए गोवर्धन पर्वत, अपने अंगुली पर उठा लिया था ।उनके सुदर्शन चक्र के प्रभाव से ब्रजवासियों पर जल की एक बूंद भी नहीं पड़ी, सभी गोप-गोपिकाएं उसकी छाया में सुरक्षित रहे। तब ब्रह्माजी ने इन्द्र को बताया कि पृथ्वी पर श्रीकृष्ण ने जन्म ले लिया है,उनसे बैर लेना उचित नहीं है। तब श्रीकृष्ण अवतार की बात जानकर इन्द्रदेव अपने इस कार्य पर बहुत लज्जित हुए और भगवान श्रीकृष्ण से क्षमा-याचना की।
इस पर्व के बाद ही हिंदू मान्यता अनुसार सभी वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न किए जाते हैं। गोधन को बनाने में अंकित पांडे, जूही पांडे, प्रीति, प्रियंका ,आर्य ब्यूटी, शालू, सोनी, नेहा, प्रगति, परी, शालिनी, खुशी, छवि, ने बहुत मेहनत किया घर-घर से गोबर इकट्ठा किया। इस व्रत उत्सव में गांव के बड़ी लड़कियां भी सम्मिलित थीं।