बरहज देवरिया | बरहज के अनंत पीठ आश्रम के पीठाधीश्वर आंज्ॹनेय दास के अध्यक्षता में काकोरी कांड की महानायक पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की समाधि स्थल श्रद्धांजलि अर्पित किया गया जिसमें मुख्य रूप से मुख्य अतिथि के रूप में बाबा राघव दास भगवान दास स्नाकोत्तर बरहज के पूर्व प्राचार्य उपेंद्र श्रीवास्तव रहे विशिष्ट अतिथि के रूप में नगर पालिका बरहज गौरा के अध्यक्ष श्वेता जायसवाल , बलभद्र त्रिपाठी, पूर्व जिला अध्यक्ष भाजपा अनिरुद्ध मिश्र ,प्रेम शंकर पाठक प्रधानाचार्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर ओमप्रकाश शुक्ला पूर्व अध्यक्ष भूगोल विभाग ने किय पीठ की परंपरा के अनुसार वेद पाठ कृष्ण मुरारी तिवारी प्रधानाचार्य संस्कृत महाविद्यालय एवं मंगलाचरण परशुराम पांडे ने किया। महाविद्यालय विद्यालय कर्मचारी प्रदीप शुक्ला ने बिस्मिल गीत को प्रस्तुत किया। कवि रमेश तिवारी अंजान ने अपने काव्य पाठ से वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित किए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व भाजपा अध्यक्ष अनिरुद्ध मिश्रा ने कहा कि कुछ समय बाद क्रांतिकारियों को नई पीढ़ी जान भी नहीं पाएगी भारत माता को सिर्फ किताबों के टुकड़ों में छोड़े जा रहे हैं और ऐसा ही समय का दौड़ चला रहा तो हम जिनके वशीभूत आज इस भारत में अन्य खा रहे हैं उन्हें ही भूलना पड़ेगा। क्योंकि आज के समय में भारत के बलिदानियों की कहानी कोई नहीं सुनता।
प्रेम शंकर पाठक ने कहा कि आज के समय में लोग अपने निहित स्वार्थ में इस तरह से बह गए हैं कि उन्हें राष्ट्र के प्रति किसी प्रकार की कहानी ना तो पढ़ाई जाती है और ना ही बताई जाती है या सिर्फ आज किताबों में सिमट कर गया है ऐसा क्यों हो रहा है कि हम भारतवासी अपने उन बलिदानियों को भूलते जा रहे हैं। प्रमोद मिश्रा ने कहा कि हमारे वंशज भारत मां की गोद में बैठकर और आराम की रोटी खाते हैं एक समय था जब पिता और पुत्र की लाशें एक साथ जलती थी लेकिन उन लोगों ने उन मौत को चुना जिससे हमारे भारत माता के अंचल पर दाग नहीं लगा और हंसते-हंसते हुए लोग मौत को अपने गले लगा लिए उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा कि आप सभी को पीड़ा होना चाहिए और हमें अपने बलिदानों को याद करना चाहिए।
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मिश्र ने बताया की लोग कहते हैं की 9 अगस्त 1925 को पंडित राम प्रसाद बिस्मिल ने डकैती किया था हम उन लोगों से पूछना चाहते हैं कि जब अपने ही घर का धन हमें भूखे और अपने गौरव को बचाने के लिए उपयोग करना पड़ता है तो क्या हम उसे लूट कहेंगे उन्होंने बताया कि हम भारत के लोगों से यह कहना चाहते हैं कि काकोरी कांड के माहानायक पंडित राम प्रसाद बिस्मिल जी के काकोरी कांड सफल अभियान को लूट का दर्जा न दिया जाए आगे उन्होंने कहा कि भारत मां के अस्तित्व को बचाने के लिए उन्होंने किसी भारतवासी के घर को नहीं लूट उन्होंने जो लोग भारत के धन को ले जाकर और भारत के लोगों पर ही हमला करते थे बंदी बनाते थे कोड़े बरसाते थे इस लोगों के धन को उन्होंने ले जाने से बचा लिया और अपना धन छीन करके वह भारत के अस्तित्व को बचाने के लिए क्रांतिकारियों में बांट दिया जिससे अंग्रेजों को सबक सिखाया जा सके। नहीं तो उसे समय भी लोग बिकते थे और खरीदने वाले खरीद लेते थे तभी भारत को आजाद होने में काफी समय लग गया लेकिन पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह राजेंद्र लाहिड़ी, राजगुरु सुखदेव, जैसे भारत के बलिदानियों को खरीद नहीं जा सका और हंसते-हंसते भारत मां की रक्षा के लिए वे लोग मौत को अपने गले लगाए। जो आज हम सभी के लिए अत्यंत ही गौरव की बात है, बलभद्र त्रिपाठी ने कहा कि राष्ट्र राष्ट्र के लिए हम अपने बच्चों को शिक्षित नहीं करते बिस्मिल पर कुछ और भी लेख आने चाहिए|
जो राष्ट्र के निर्माण एवं राष्ट्र की रक्षा के लिए मर मिटने का संकल्प लिया हो। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने कहा कि आज भी पंडित राम प्रसाद बिस्मिल जीवित है उनके कर्मों को याद कर हम सब उनके पुण्यतिथि पर श्रद्धा के साथ नमन करते हैं। आश्रम पीठाधीश्वर आंजनेयदास ने कहा कि हम सभी लोग सौभाग्यशाली हैं कीआज आजाद भारत में रह रहे हैं इसके लिए अमर शहीदों ने जो त्याग और बलिदान किया उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता महान क्रांतिकारी पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के चरणों में शत-शत नमन वंदन करता हूं और श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं कार्यक्रम के अंत में निराश्रित एवं गरीबों को कंबल भी वितरित किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से नगर प्रचारिणी सभा के मंत्री अनिल तिवारी, डॉक्टर अमित चतुर्वेदी, समाजसेवी श्री प्रकाश पाल, रमेश तिवारी अनजान, रामेश्वर यादव, मंगलमणि त्रिपाठी, रतन वर्मा, विद्यानंद पांडे, शत्रुघ्न पांडे, विजय सिंह रिंकू, रामकीशोर चौहान,, डॉ वेद प्रकाश सिंह, विनय मिश्र, ओमप्रकाश दुबे, हरिशंकर पांडे,अनमोल मिश्र, कृष्ण मुरारी मिश्र,पुष्पा पांडे, डॉ सिंधु यादव, अनुपमा सिंह, धर्मेंद्र, सुमन कुमारी, आकांक्षा सिंह, सीमा आर्य, संध्या, सरस त्रिपाठी, आदि गणमान्य मान्य लोग उपस्थित रहे।