बिरही को होती है ब्रह्म की प्राप्ति पगला नंद जी महाराज

Updated: 01/03/2024 at 6:50 PM
Pagla Nand Ji Maharaj

बरहज ,देवरिया। बरहज तहसील क्षेत्र के अंतर्गत बरौली चौराहे पर आयोजित श्री राम कथा के तीसरे दिन पागलनंद महाराज ने श्रोताओं को कथा का रसपान कराते हुए कहा कि बीरही को ही ब्रह्म की प्राप्ति होती है। उन्होंने हनुमान चालीसा के चौपाई नासे रोग हरे सब पीरा जो सुमिरे हनुमत बलबीरा का व्याख्या करते हुए कहा कि मीरा ने जिस पीरा को दूर करने की बात की वह ब्रह्म की प्राप्ति थी जो कृष्णा रूपी ब्रह्मा थे। मीरा एक राजा की बेटी थी दूसरे राजा की पुत्रवधू थी। और एक राजकुमार की पत्नी थी। किंतु मन में वैराग्य आने के बाद वे सब कुछ त्याग दी। और वह श्याम की हो गई, उन्होंने कहा। मैंने तो राम रतन धन पायो। जब तक व्यक्ति में अभिमान रहेगा ब्रह्म की प्राप्ति नहीं हो सकेगी। द्रोपदी के मन में जब तक अभिमान रहा तब तक ब्रह्म की प्राप्ति नहीं हुई जब अभिमान समाप्त हुआ । तब ब्रह्म की प्राप्ति हुई।

मन के अंदर व्याप्त बुराइयों को दूर कर प्रभु के विरह में शरणागत होने वालों का कल्याण होता है। कथा श्रद्धालुओं ने भाव विभोर होकर एकाग्र भाव से सुना। कथा का शुभारंभ वैदिक ब्राह्मण पंडित अखिलेश तिवारी ,शुभम तिवारी, ने कराया। साथ में आयोजक पंकज सिंह, रामनिवास उपाध्याय, गजेंद्र शुक्ला, प्रकाश तिवारी, बुलबुल दीक्षित, डॉ राम विश्वास पांडे, एवं हनुमान मंदिर की पुजारी उपस्थित रहे।

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First Published on: 01/03/2024 at 6:50 PM
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