
Chandra Grahan 2025 : नई दिल्ली। देशभर की निगाहें अब 7–8 सितंबर की रात लगने वाले पूर्ण चंद्र ग्रहण (ब्लड मून) पर टिकी हैं। खगोलीय दृष्टि से यह साल 2025 का सबसे बड़ा और आख़िरी पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। खगोलविदों के अनुसार, यह ग्रहण भारत समेत एशिया, यूरोप और अफ्रीका के कई हिस्सों से साफ़ दिखाई देगा।
कब और कहां दिखाई देगा?
भारतीय समयानुसार चंद्र ग्रहण 7 सितंबर की देर रात शुरू होकर 8 सितंबर की सुबह तक चलेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, ग्रहण की अधिकतम अवस्था तड़के 2:30 बजे के आसपास देखी जाएगी।
सूतक काल का समय
हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण का धार्मिक महत्व भी है। मान्यता है कि ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। इस दौरान मंदिरों के द्वार बंद कर दिए जाते हैं और धार्मिक अनुष्ठान टाल दिए जाते हैं।
गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानियाँ
विशेषज्ञों और ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि गर्भवती महिलाओं को इस दौरान विशेष सतर्कता रखनी चाहिए—
नुकीली वस्तुओं का प्रयोग न करें।
ग्रहण की छाया में बाहर निकलने से बचें।
मंत्रजप और ध्यान करना लाभकारी माना गया है।
Chandra Grahan 2025 ब्लड मून क्यों दिखता है लाल?
खगोलविदों के अनुसार, पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं, तो पृथ्वी की वायुमंडलीय परत से गुजरकर सूर्य की किरणें चंद्रमा तक पहुंचती हैं। इस दौरान लाल रंग की तरंगें अधिक परावर्तित होती हैं, जिससे चंद्रमा का रंग गहरा लाल दिखाई देता है, जिसे आम भाषा में ब्लड मून कहा जाता है।
वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से खास
यह चंद्र ग्रहण न सिर्फ खगोल विज्ञान के लिहाज़ से अहम है, बल्कि धार्मिक मान्यताओं के चलते भी लोगों की दिलचस्पी का विषय है। बड़ी संख्या में लोग इसे देखने और कैमरे में कैद करने की तैयारी कर रहे हैं, जबकि कई श्रद्धालु पूजा-पाठ और मंत्रजप के जरिए आध्यात्मिक साधना करेंगे।