के | रवि ( दादा ) ,,
अमेजॉन प्राइम वीडियो ने ‘जय भीम’ नामक चर्चित अदालती फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया है | यह फिल्म 2 नवंबर को हिंदी तमिल, और में इस दिवाली पर प्रदर्शित होने के लिए तैयार है | जय भीम यह फिल्म इस दिवाली 240 देशों और क्षेत्रों में प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम की जानी है |
इस फिल्म में लीड रोल मशहूर अभिनेता सूर्या निभा रहे हैं | फिल्म ‘जय भीम’ 1990 के दशक में तमिलनाडु में घटी सच्ची घटनाओं पर आधारित एक कहानी है | गनानावेल द्वारा संचालित यह फिल्म एक वकील की कहानी है, जो पुलिस की बर्बरता के अधीन वंचित लोगों के उद्धारकर्ता के रूप में कार्य करता है. यह फिल्म विश्वरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के मानवता के लिए स्थापित संघर्ष के आधारपर बनी है |
दक्षिण के सुपरस्टार सूर्या ने इस फिल्म में वकील की भूमिका निभाई है, जो लोगों के उत्पीड़ित वर्ग के मूल अधिकारों को वापस लाने के लिए कानून को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करता है | फिल्म ट्रेलर में हमें अन्याय, उत्पीड़न की दुनिया में ले जाती है और हमारे समाज में स्थापित रूढ़ियों का प्रतिनिधित्व करती है |
दर्शकों को आदिवासी जोड़े, सेंगेनी और राजकन्नू से परिचित कराते हुए, ट्रेलर संकेत देता है कि जब राजकन्नू को झूठे आरोपों में गिरफ्तार किया जाता है, तो उनकी दुनिया कैसे बिखर जाती है | सेंगेनी अपने पति को खोजने के अपने प्रयासों में अधिवक्ता चंद्रू की मदद लेती है, जो सच्चाई का पता लगाने और आदिवासी महिला को न्याय दिलाने के लिए सभी बाधाओं से लड़ने की चुनौती लेता है |
प्रसिद्ध अभिनेता प्रकाश राज, राव रमेश, राजिशा विजयन, मणिकंदन और लिजो मोल जोस फिल्म में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं | जय भीम 2डी एंटरटेनमेंट के बैनर तले सूर्या और ज्योतिका द्वारा निर्मित है और राजसेकर कर्पूरसुंदरपांडियन द्वारा सह-निर्मित है | संगीत शॉन रोल्डन द्वारा रचित है |
गौरतलब हो की भारत के प्रख्यात फिल्म निर्देशक पी. रणजीत ने भी इस जय भीम फिल्म के ट्रेलर की तारीफ की |
अदालती और दलित अन्यायो के खिलाफ देश में सालो से कई फिल्मे इससे पहले भी प्रदर्शित हो चुकी हैं , जिसे करोड़ो दुनियां के लोगो ने देखने के कहा जाता हैं की फिल्मे दुनियां आईना दिखाती हैं ,और उससे लोग कोई अच्छा बोध लेते हैं | पर हमारे भारत देश के यह सब सिर्फ एक मनोरंजन के भांति ही देखा जाता हैं ? ना की जाती पाती एवम समाज सुधार के दृष्टिकोण होता हैं | ये आज की 21 वि सदी में भी होता हैं जो खेदजनक हैं | जब की कई एसे फिल्मी कलाकार भी जो की आज के सोशल मीडिया पर खुले तौर पर जाती पाती को बांटते नजर आते हैं |
जब की किसी भी कलाकार की कोई जाति नहीं होती |
वह सिर्फ कलाकार ही होता हैं |
फिर भी जय भीम जैसी फिल्मे कुछ हद तक जरूर अच्छा प्रकाश डाल सकती हैं |