जानकारी

Bhojpuri Song – भोजपुरी के गाने जो आज भी उड़ा रहे हैं गर्दा

Bhojpuri Song : 1963 में प्रदर्शित विश्वनाथ शाहाबादी की फिल्म गंगा मइया तोहें पियरी चढ़इबो से भोजपुरी सिनेमा की शुरूआत होती हैं हालांकि 20वीं सदी के पांचवें दशक में भोजपुरी क्षेत्र के कई लेखक कवि कलाकार बम्बई फिल्म उद्योग में सक्रिय थे और इन भोजपुरिहों को अपने देश, गांव-जवार की बड़ी याद सताती थी। बरहज के मोती बीए को हिन्दी फिल्मों में भोजपुरी गीतों के प्रचलन का श्रेय दिया जाना चाहिए इससे हिन्दी भाषी दर्शक भोजपुरी की मिठास से परिचित हुआ। पचास के दशक में भाषाई आधार पर भारत में राज्यों का पुनर्गठन हो रहा था। वास्तव में उसी दौर में हिन्दी फिल्म उद्योग की भी तस्वीर बदल रही थी। सत्यजीत रे ने पाथेर पांचाली बनाकर प्रादेशिक अथवा आंचलिक भाषाओं में सिनेमा बनाने की संभावना और उसकी ताकत दोनों का एहसास करा दिया था। अब हिन्दी फिल्म उद्योग में भी कन्टेंट को लेकर बहस शुरू हुई थी और जिन भाषाओं में सिनेमा नहीं था उन भाषाओं में इस जन कला माध्यम को अपनाये जाने की छटपटाहट इसने पैदा की। 1961 में नितिन बोस के निर्देशन में बनी गंगा-जमुना ने पहली बार अवधी भाषा में संवादों का इस्तेमाल हुआ और भोजपुरी में गीत लिखे गये। फिल्म और उसके गीत सुपरहिट हुए इससे पहली बार यह विश्वास पैदा हुआ कि उत्तर भारतीय बोलियों में भी फिल्म बनायी जा सकती है।

डा.राजेंद्र प्रसाद ने दी थी प्रेरणा इसी साल विश्वनाथ शाहाबादी जो बिहार के एक बड़े व्यवसायी थे और जिन्हें भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डा राजेन्द्र प्रसाद ने भोजपुरी में फिल्म बनाने के लिए प्रेरित किया था; वे बम्बई पहुंचे। दादर में वे प्रीतम होटल में ठहरे जो पुरबियों का अड्‌डा था यहीं उनकी मुलाकात नजीर हुसैन से हुई जो वर्षों से एक पटकथा तैयार करके भोजपुरी फिल्म बनाने की जुगत में थे और इस तरह जनवरी 1961 में नजीर हुसैन के नेतृत्व में गंगा मइया तोहें पियरी चढ़इबो के निर्माण की योजना बनी। फिल्म का निर्देशन बनारस के कुंदन कुमार को सौंपा गया। बनारस के ही रहने वाले कुमकुम और असीम को फिल्म में नायिका और नायक बनाया गया। संगीत निर्देशन की जिम्मेदारी चित्रगुप्त को दी गई तब बकायदा 16 फरवरी 1962 को पटना के ऐतिहासिक शहीद स्मारक पर फिल्म का मुहुर्त सम्पन्न हुआ। 1963 में यह फिल्म प्रदर्शित हुई और बेहद सफल हुई। बनारस में यह फिल्म प्रकाश टाकीज में प्रदर्शित हुई थी और प्रदर्शन के एक सप्ताह के भीतर ही इसकी सूचना आसपास के गांवों में फैल गयी और लोग बैलगाड़ी इक्का और पैदल झुण्ड के झुण्ड सिनेमा देखने पहुंचने लगे। प्रकाश टाकीज के बाहर मेले जैसा दृश्य होता था और कहा जाने लगा-‘गंगा नहा विश्वनाथ जी के दरसन कर, गंगा मइया देखऽ तब घरे जा।’ सफलता का इतिहास गंगा मइया तोहे पियरी.की सफलता के बाद तो भोजपुरी फिल्मों की लाइन लग गई 1963 से लेकर 1967 के बीच सौ से ज्यादा भोजपुरी फिल्मों के निर्माण की घोषणा की गई। इनमें से जो फिल्में प्रदर्शित हुई उनमें विदेशिया, लागी नाहीं छूटे राम, नइहर छूटल जाय, हमार संसार, बलमा बड़ा नादान, कब होई गवना हमार, जेकरा चरनवा में लगलें परनवा, सीता मइया, सइयां से भइलें मिलनवा, नजीर हुसैन की हमार संसार और भौजी, आकाशवाणी पटना के विख्यात रेडियो नाटक पर आधारित लोहा सिंह, विधवा नाच नचावे, सोलह सिंगार करे दुलहिनिया और गंगा प्रमुख है।

Bhojpuri Song तीसरे दौर की सफल मूवी ससुरा बड़ा पइसा वाला

कभी क्षेत्रीय समझे जाने वाले भोजपुरी फिल्म उद्योग की तस्वीर बदलने में सबसे बड़ी भूमिका रही 2005 में प्रदर्शित फिल्म ससुरा बड़ा पइसा वाला की। इसने भोजपुरी सिनेमा के एक तीसरे दौर को जन्म दिया जो पहली बार बाजार की दृष्टि से नई संभावनाओं को जन्म दे रहा था। फिल्म व्यवसाय विश्लेषक तरन आदर्श इन संभावनाओं की पड़ताल करते हुए कहते हैं कि ज्यादातर भोजपुरी फिल्में छोटे बजट की होती हैं जिनमें 20 से 30 लाख रूपये लगाये जाते हैं और इनमें से कई एक से दो करोड़ रूपये तक का व्यापार कर लेती हैं। ज्यादातर फिल्में अपनी लागत से दस गुना ज्यादा का व्यवसाय करती हैं और एक अच्छी फिल्म दस से बारह करोड़ का मुनाफा कमा सकी. ससुरा बड़ा पइसा वाला फिलहाल इसका उदाहरण ससुरा बड़ा पइसा वाला ही है। फिल्म में तीस लाख रूपये लगे और इसने पन्द्रह करोड़ का व्यवसाय किया। इसी तरह मनोज तिवारी की दरोगा बाबू आई लव यू ने चार करोड़ और बंधन टूटे ना ने तीन करोड़ का व्यवसाय किया। इसी के चलते अब भोजपुरी फिल्मों का बजट भी बढ़ने लगा है और एक से डेढ़ करोड़ रूपये बजट की फिल्में भी बनने लगी हैं। भोजपुरी में भी मनोज तिवारी रवि किशन और निरहुआ जैसे स्टार सामने आये हैं जिनका प्रति फिल्म पारिश्रमिक 25 से लेकर 50 लाख होती है। यह दौर चकाचौंध से लबरेज है पर अधिकांश भोजपुरिहों का मानना है कि इनमें इनकी माटी की गंध और उनके सवालात अनुपस्थित हैं। व्यावसायिक सफलता निश्चित तौर पर संभावनाओं के नए द्वार खोलती हैं। निश्चय ही आने वाले दिनों में कुछ अच्छी और सार्थक भोजपुरी फिल्में सामने आएंगी क्योंकि भोजपुरी फिल्मों की यात्रा साढ़े चार दशक पुरानी है और उसने कई कालजयी फिल्में दी हैं।

भोजपुरी गाने bhojpuri gana पूरे देश में सबसे ऊर्जावान और मनोरंजक होने के लिए हैं। भोजपुरी अभिनेताओं की बढ़ती लोकप्रियता के साथ-साथ उनके गाने भी अपार लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं और दर्शकों को पसंद आ रहे हैं। भोजपुरी संगीत उद्योग वर्तमान घटनाओं जैसे निरहुआ के गीत ‘जीएसटी नियम’, ‘ट्रिपल तालक कानून’ या किसी त्योहार पर गीत बनाने के लिए प्रसिद्ध है। कुछ गाने लंबे समय से चार्ट पर राज कर रहे हैं। यूपी-बिहार में भोजपुरी के गाने ( Bhojpuri Song ) काफी पॉप्युलर हैं। अब हर पार्टी और बारात में भोजपुरी के कुछ गाने जरूर बजाए जाते हैं। तो देख लीजिए, ऐसे ही भोजपुरी के सुपरहिट गाने जो आपको पिछले काफी समय से भोजपुरी फिल्मों के गाने और ऐल्बम काफी पॉप्युलर हो रहे हैं। अब इन गानों को केवल यूपी-बिहार नहीं बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी सुना जाता है। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ सुपरहिट भोजपुरी गाने bhojpuri gana जो पार्टी में आपको झूमने को मजबूर कर देंगे।

Bhojpuri Song भोजपुरी सर्वाधिक पसंदीदा गाने

bhojpuri gana ‘लॉलीपॉप लागेलु’- ‘Lollypop Lagelu

अभिनेता, पवन सिंह का ‘लॉलीपॉप लागेलु’ भोजपुरी के सबसे प्रसिद्ध गीतों में से एक है। यह गाना रिलीज होने के तुरंत बाद हिट हो गया और बिहार और झारखंड के क्षेत्रों में गाने के लोकप्रिय होने के बाद गायक ने अपार लोकप्रियता हासिल की। उन्होंने 1997 में अपना पहला भोजपुरी संगीत एल्बम ‘ओढनिया वाली’ रिलीज़ किया, लेकिन ‘लॉलीपॉप लागेलु’ गाने को अपनी आवाज़ देने के बाद प्रसिद्धि के लिए बढ़े।

bhojpuri gana : Raja Raja Kareja Mein Samaja’- राजा राजा करेजा में समाज’

राधे श्याम रसिया परम गीत ‘राजा राजा करेजा समाज’ के पीछे की आवाज है। इस गाने को हर बैचलर पार्टी का एंथम भी माना जाता है। हर बार जब वह मंच पर परफॉर्म करते हैं तो राधे की इस गाने की बड़ी मांग होती है। गायक ने भोजपुरी उद्योग में ज्यादा लोकप्रियता हासिल नहीं की है लेकिन आज तक गाने के लिए याद किया जाता है।

bhojpuri gana :

Phulari Bina Chatani’-‘फुलारी बीना चटानी’

लोकप्रिय भोजपुरी गीत  ( bhojpuri song) ‘फुलारी बिना चटानी’ मूल रूप से सुंदर पोपो (त्रिनिदाद) द्वारा गाया गया था और 1983 में कंचन और बबला संगीत समूह (भारत) द्वारा कवर किया गया था। इस गीत का उपयोग बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान ने अपनी फिल्म ‘दबंग 2’ में भी किया था। गीत एक बड़ी सफलता थी और सुंदर को व्यापक अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के लिए लाया। मूल रूप से भारत के रहने वाले बबला और कंचन का संगीत पूरी दुनिया में मशहूर था। बबला मशहूर संगीत निर्देशक जोड़ी कल्याणजी-आनंदजी के छोटे भाई हैं। बबला शाह को लोकप्रिय रूप से डिस्को डांडिया का भारत का अग्रणी कहा जाता है।

bhojpuri gana : ‘Raate Diya Buta Ke’-. ‘रात दिया बूटा के’

‘सत्या’ का गाना ‘रात दिया बूटा के’ इस वक्त म्यूजिक लवर्स के दिलों पर राज कर रहा है. गाने को अभिनेता पवन सिंह और इंदु सोनाली ने गाया है। रिलीज होने पर यह बहुत सफल रहा, 6 मिलियन से अधिक बार देखे जाने के साथ यूट्यूब पर सबसे ज्यादा देखे जाने वाले भोजपुरी संगीत वीडियो में से एक बन गया। फिल्म में पवन सिंह और अक्षरा सिंह मुख्य भूमिका में हैं। इस गाने को छोटे बाबा ने कंपोज किया था और इसके बोल विनय बिहारी, मनोज मतलबी, सुमित सिंह, चंद्रवंशी, विभांकर पांडे, अरुण बिहारी और विनय निर्मल ने लिखे थे।

bhojpuri gana :

‘Lachke Kamariya Tohar’-लचकत कमरिया  तोहार

‘लच्छे कमरिया तोहर’ को अभिनेता-गायक खेसारी लाल यादव और प्रियंका सिंह ने गाया है, जिसे आजाद सिंह ने फिल्म ‘मैं सेहरा बंद के आउंगा’ में लिखा है। फिल्म एक्शन-रोमांटिक-ड्रामा पर आधारित थी, जिसका निर्देशन शेखर शर्मा ने किया था। प्रसिद्ध भोजपुरी अभिनेत्री काजल राघवानी ने फिल्म में खेसारी के साथ अभिनय किया। भोजपुरी सिनेमा में उनके योगदान के लिए अभिनेता को प्रतिष्ठित दादासाहेब फाल्के अकादमी पुरस्कार भी मिला है। माना जा रहा है कि सितारे भी एक दूसरे को देख सकते हैं।

bhojpuri gana :

‘Laga Ke Fair Lovely’- लगा कर फेयर लवली

‘लगा के फेयर लवली’ गाना एक रोमांटिक डीजे ट्रैक है और बिहार के युवाओं के बीच लोकप्रिय है। गाने में खेसारी लाल यादव और खुशबू जैन फिल्म ‘मेहंदी लगा के रखना’ में हैं। काजल राघवानी फिल्म में मुख्य अभिनेत्री की भूमिका निभा रही हैं। फिल्म की शूटिंग ज्यादातर उत्तर प्रदेश में की गई थी और इसका निर्देशन रजनीश मिश्रा ने किया था। फिल्म ‘लगा के फेयर लवली’ गाने से काफी लोकप्रिय हुई थी।

bhojpuri gana : Chhalakata Hamro Jawaniya- छलकत हमारो जवनिया

भोजपुरी के कुछ गाने ऐसे हैं, जिन्‍हें कभी भी सुनिए, उनका संगीत मूड फ्रेश कर देता है। फिल्‍म ‘भोजपुरिया राजा’ में ऐसा ही एक गाना है ‘छलकत हमरो जवनिया ये राजा’ (Chhalakata Hamro Jawaniya), जिसमें पवन सिंह (Pawan Singh) और काजल राघवानी (Kajal Raghwani) ने गजब का डांस किया है। इस गाने को पवन सिंह के साथ प्रियंका सिंह (Priyanka Singh) ने गाया है। संगीत दिया है मधुकर आनंद ने और बोल लिखे हैं आजाद सिंह ने।

Most Popular Bhojpuri Item Song -सबसे लोकप्रिय भोजपुरी आइटम सोंग

भोजपुरी फिल्मों ने कुछ बेहतरीन भोजपुरी गाने पेश किए, जिनमें अब तक के 10 सर्वश्रेष्ठ भोजपुरी आइटम गाने शामिल हैं। भोजपुरी सिनेमा में सीमा सिंह, संभावना सेठ और अधिक लोकप्रिय आइटम गर्ल। भोजपुरी भारत में प्रसिद्ध फिल्म उद्योग में से एक है।

यह भी देखें -Tobacco brand ambassador-अक्षय कुमार ने तंबाकू ब्रांड एंबेसडर का पद छोड़ा

भोजपुरी सिनेमा और संगीत उद्योग वास्तव में पिछले दो-तीन वर्षों में परिपक्व हो गया है। भोजपुरी फिल्मों और गानों का मनोरंजन मूल्य बढ़ गया है। मनोज तिवारी और रवि किशन जैसे नायकों ने आगे बढ़ाया है जबकि मनोज तिवारी और मनोज तिवारी जैसे गायकों ने हमें बार-बार अविश्वसनीय हिट दिए हैं। कल्पना पटवारी, इंदु सोनाली की अद्भुत आवाजों ने फिर से हमारा दिल जीत लिया है। शीर्ष 10 भोजपुरी गीतों (Bhojpuri Song) की सूची इस प्रकार है।

bhojpuri gana :

1.गाने का नाम: खटिया चरार मारार बोले पिपरवा पर के बारामी कलाकार: मेनका संग गायिका: दीपाली जोशी संगीत निर्देशक: राम प्रवेश, सुनील पाटनी गीतकार: टी.पी.ओझा संगीत लेबल: टी-सीरीज़

2. गाने का नाम: देवरा अनादि : गंगा मैया तोहे चुनरी चढाईबो गायक: कल्पना संगीत निर्देशक: अशोक घायली संगीत लेबल: टी-सीरीज़  

3-  गाने का नाम: भवरा नियम छैला : ऐ बाबुनी गायक: सपना अबस्तिक संगीत निर्देशक: शशिकांत मिश्रा गीतकार: रास बिहारी पांडे संगीत लेबल: टी-सीरीज़  

4- गाने का नाम: बिछुआ रे काला : फिरंगी दुल्हनिया गायक: कल्पना Music Director: सतीश, आजू  

5- गीत का नाम: केकरा बंटी केकरा दांति : मोर करेजा का टोकड़ा गायक: हरदीप कौर संगीत निर्देशक: अशोक घायली गीतकार: अशोक घायल, जितेश साहबदी संगीत लेबल: टी-सीरीज़  

6- गाने का नाम: कैके गावणि : मोर करेजा का टोकड़ा गायिका: रेखा राव संगीत निर्देशक: अशोक घायली गीतकार: अशोक घायल, जितेश साहबदी संगीत लेबल: टी-सीरीज़

7- गाने का नाम: नाथूनिया जबसे पहिरल बानी : मंगल सूत्र गायक: इंदु सोनालीक संगीत निर्देशक: लाल सिन्हा गीतकार: विनय बिहारी संगीत लेबल: टी-सीरीज़

8- गाने का नाम: मारी मारी ऐ बाबू साहेब : निरहुआ चलल ससुराल गायक: कल्पना Music Director: राजेश, रजनीश संगीत लेबल: टी-सीरीज़  

9- गाने का नाम: पहाड़ी रात सैयां : केबल आई बहारी गायक: कल्पना संगीत निर्देशक: राजेश गुप्ता गीतकार: सच्चिदानंद पाण्डेय संगीत लेबल: टी-सीरीज़  

10.गीत का नाम: बथेला जोबनवा : चोली के साइज 36 गायक: कल्पना संगीत निर्देशक: धनंजय मिश्रा संगीत लेबल: टी-सीरीज़

TFOI Web Team