श्रुति सुबास : THE FACE OF INDIA
डार्क वेब एक ऐसी जगह है जहां हैकिंग जैसे काम होते हैं। वेब हैक में गैरकानूनी काम भी होते हैं।
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मुंबई: कोविड महामारी के बाद इंटरनेट का इस्तमाल बहुत ही तेजी से हो रहा है। लॉकडाउन के वजह से कई ऑफिस के काम वर्क फ्रॉम होम किया गया था जिसमें इंटरनेट का इस्तमाल ज्यादा हो रहा था और स्कूल, कॉलेज भी ऑनलाइन हो गया इंटरनेट की बहुत बडी दुनिया है जहां हम पहुंच नही पाते उसे हैकिंग कहते हैं। हैकिंग एक ऐसी जगह है जहां आपके सब डाटा हैक किए जाते हैं। इस हैकिंग के कारण आम लोग और जिसे ये इंटरनेट के बारे में पता नहीं उन्हें आसानी से ठगा जाता है।
हम जो वेब का इस्तमाल करते है, उसे सर्फेस वेब कहा जाता है। सर्फेस वेब और डार्क वेब बहुत अलग है। डार्क वेब में एक अलग और स्पेशल फॉर्मेशन की जरूरत हैं।
माना जाता है कि दुनिया भर के सब गलत काम की प्लानिंग डार्क वेब मे होटी है। पत्रकार को सरकार कॉपरेटिव के अंदर के घोटालो की जानकारी डार्क वेब से मिलती है। इसका इस्तमाल साइबरक्राइम भी करते है।
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Dark Web Hacking के प्रकार:
साधारण काम के लिए जिस ब्राउजर का इस्तमाल किया जाता है उसे सर्फेस वेब ( surface web) कहा जाता है। डार्क वेब ( dark web) का इस्तमाल हैकिंग और गैर कानूनी कामों के लिए किया जाता है । सर्फेस वेब पर होने वाला काम पूरे इंटरनेट का महज 4 हिस्सा काम होता है, जबकी 96 महज काम डीप वेब पर होते हैं। डीप वेब पर सभी काम गैर कानूनी नहीं होते हैं। जानकर हैरानी होगी कि डीप वेब एक छोटा सा हिस्सा है लेकिन साइबर क्रिमिनल बहुत बड़ा अड्डा हैं।
इसी बड़े हिस्से को ही डार्क वेब कहा जाता है। इस डार्क वेब में सभी चीज़ें शामिल है जैसे की ऑनलाइन ड्रग्स की सेलिंग, पोर्नोग्राफी, हैकिंग और सभी प्रकार के गैरकानूनी चीजें जो की हमारे नियमों के खिलाफ है।वहीँ ऐसे डार्क वेबसाइट्स और डार्क वेब को विजिट करना भी गैरकानूनी होता है।