मुंबई, बाढ़ (Flood Precautions) एक प्राकृतिक आपदा हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विनाश का कारण पानी की भारी मात्रा में अतिप्रवाह है। हर साल दुनिया भर में कई क्षेत्रों को बाढ़ की समस्या का सामना करना पड़ता है। बाढ़ अत्यधिक बारिश और उचित जल निकासी व्यवस्था की कमी के कारण होती है। बाढ़ की गंभीरता हर क्षेत्र के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है और उसी के कारण होने वाला विनाश भी अलग-अलग होता है। जो किसी भी क्षेत्र में अत्यधिक पानी जमा होने के कारण होती हैं। कई क्षेत्रों को नदी या समुंद्र के पानी के स्तर के बढ़ने के कारण, बांधों के टूटने के कारण और बर्फ के पिघलने के कारण बाढ़ का सामना करना पड़ता हैं।
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तटीय क्षेत्रों में तूफ़ान और सुनामी इस स्थिति का कारण बनते हैं। हमें बाढ़ से बचने के लिए बड़े ही सावधानी और शांति पूर्वक से काम लेना चाहिए। न ही किसी अफवाहों पे ध्यान देते हुऐ हमें टीवी समाचार पत्र और रेडियो के माध्यम से मौसम की ताज़ा जानकारी लेना चाहिए। सुरक्षा और जीवन रक्षा के लिए आवश्यक वस्तु की आपातकालीन किट तैयार रखना चाहिए। प्राथमिक उपचार पेटी में सांप काटने और डायरिया की दवा भी रखना चाहिए। महत्वपूर्ण कागज़ात और किमती चीजे वॉटर प्रूफ बैग में रखे। घरों में बिजली और गैस के कनेक्शन बंद कर देना चाहिए।आपातकालीन संपर्क के लिए मोबाईल फोन हमेशा चार्ज रखना चाहिए।
बाढ़ (Flood Precautions) के दौरान पानी में ड्राइव नहीं करना चाहिए। बाढ़ के पानी में नही जाना चाहिए और बच्चों को भी नहीं जाने देना चाहिए यदि जरूरी हो तो ऊंची जूते पेहेन के जाना चाहिए। सीवर लाइन, गटर और नालों से दूर रहना चाहिए। बिना बिजली उपकरणों की जांच करे बिजली का प्रयोग नहीं करना चाहिए। बाढ़ के पानी में भीगा खाना न खाएं और पानी को अच्छे से स्वच्छ करके उबालकर पीना चाहिए। मलेरिया से बचने के लिए मच्छरदानी लगाना चाहिए। शांति पूर्वक और सावधानी से बाढ़ की परिथिस्ती का सामना करना चाहिए |