Updated: 23/07/2023 at 6:09 PM

Holi 2023 Date : हिंदू धर्म में सभी त्योहार बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं. किंतु दिवाली और होली का अपना अलग ही मजा है. नया साल लगते ही सभी को होली का बेसब्री से इंतजार रहता है. तो आइए आपको बता दे कि इस साल रंगों का यह त्यौहार 8 मार्च को होगा. पंचांग के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा को प्रदोष काल में होलिका दहन होता है, और उसके अगले दिन यानि चैत्र कृष्ण प्रतिपदा को होली खेली जाती है. रंगों के त्योहार होली में लोग एक दूसरे को रंग,अबीर, और गुलाल लगाते हैं, साथ ही ढेर सारी शुभकामनाएं और बधाई देते हैं.
Holi 2023 Date | होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
हिंदू कैलेंडर और मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि 6 मार्च दिन मंगलवार को शाम 4: 17 मिनट पर प्रारंभ होगी और यह तिथि 7 मार्च दिन बुधवार को शाम 6:09 पर खत्म होगी. फाल्गुन पूर्णिमा तिथि में प्रदोष काल में होलिका दहन होती है. ऐसे में इस साल होलिका दहन 7 मार्च दिन मंगलवार को होगी. होलिका दहन का सबसे उत्तम मुहूर्त 7 मार्च शाम 6:24 मिनट से लेकर रात 8:51मिनट तक होगा. इस दिन होलिका दहन का कुल समय 2 घंटे 27 मिनट तक है . इस समय में होलिका पूजन होगी और फिर होलिका जलाई जाएगी. इस मुहूर्त में भक्त पूजन कर होलिका से अपनी मनोकामनाएं मांग सकते हैं. मान्यता यह भी है, कि इस शुभ मुहूर्त में पूजन करने से अति शीघ्र फल प्राप्त होते हैं.
होलीका दहन के दिन भद्रा
होलिका के दिन यानी 7 मार्च 2023 को सुबह 5:15 तक भद्रा होगा ऐसे में प्रदोष काल में होलिका दहन के समय भद्रा का साया भी नहीं रहेगा.Holi 2023 Date: होली का मुहूर्त
यह बात तो सभी जानते हैं कि होलिका दहन के अगले दिन होली का त्यौहार मनाया जाता है. ऐसे में इस साल होली का त्योहार 8 मार्च दिन बुधवार को मनाया जाएगा. 8 मार्च को चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तिथि शाम 7:42 मिनट तक होगी.यह भी देखें : February 2023 Vrat Tyohar : क्यों खास होने वाला है फ़रवरी माह
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क्या है होली त्योहार ही कहानी
बताया जाता है, कि भगवान विष्णु के परम भक्त प्रहलाद को आग में जलाकर मारने के लिए उनके पिता हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को तैयार किया था. होलिका के पास एक चादर थी, जिसे ओढ़ लेने से उस पर आग का प्रभाव नहीं पड़ता था. इस वजह से वह फाल्गुन पूर्णिमा को प्रहलाद को आग में लेकर बैठ गई, भगवान विष्णु की कृपा से भक्त प्रहलाद बच गए और होलिका जलकर मर गई. इस कारण से हर साल होलिका दहन किया जाता है,और उसके अगले दिन रंगों से होली मनाई जाती है. कथा के अनुसार इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी. होली के त्योहार को जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है.First Published on: 07/02/2023 at 9:46 AM
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