Khatu Shyam Birthday Date 2024 : श्री खाटू श्याम का जन्मोत्सव, उनसे जुड़ी कहानी

Updated: 28/06/2024 at 2:09 PM
Khatu Shyam
Khatu Shyam : हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की देव उठनी एकादशी कोश्री खाटूश्याम जन्मोत्सव-श्री खाटूश्याम जी Khatu Shyam  का जन्मोत्सव बड़ी उत्साह से मनाया जाता है। 2023 में  श्री खाटूश्याम जी Khatu Shyam का जन्मोत्सव 23 नवम्बर दिन गुरुवार के दिन मनाया जायेगा । श्री श्याम मंदिर कमेटी के द्वारा श्री श्याम बाबा का स्नान बाबा श्याम को रूह के इत्र से स्नान करवाकर गुलाब, चंपा, चमेली सहित विभिन्न प्रकार के फूलों के बने गजरो से बाबा श्याम को सुसज्जित किया जाता है। बाबाश्याम को उनके भक्त मावे का केक चढाते है। रंग-बिरंगे गुब्बारों से उनके मंदिर को सजाया जाता है और बाबा का जन्मदिन बड़े उल्लास व धूम-धाम से मनाया जाता है। खाटूनगरी में बाबाश्याम के जन्मदिवस को लेकर भक्तो में बड़ी उमंग और उल्लास होती है। मार्केट में मावे मिश्री के केक तैयार किए जाते है। श्यामभक्त बाबा को प्रसन्न  करने के लिये अलग अलग तरह के केक चोकलेट उनके चरण में समर्पित करते है।

श्याम जन्मोत्सव के शुभ दिन लाखो भक्त-लाखो श्यामभक्त श्यामबाबा के दरबार में उपस्थित होते  हैं। अपने ईष्ट का जन्मदिन मनाने और दो दिवसीय मासिक मेले में शामिल होने के लिये लाखों श्रद्धालु खाटू श्याम Khatu Shyam बाबा के नगरी पहुंचते हैं। श्याम बाबा Khatu Shyam का जन्मदिन मनाने के लिये देशभर से आये श्यामभक्त देवउठनी एकादशी जो 23 नवम्बर, गुरुवार के दिन खाटूधाम दरबार में हाज़िर लगाएंगे । इस दिन का सभी श्यामभक्त कई दिनों से बेसब्री से इंतजार करते है। श्याम दरबार में फाल्गुन मेले के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा मेले का आयोजन होता है। जन्मोत्सव पर भक्त अलग प्रकार के केक का भोग लगाकर बाबा श्याम को जन्मदिन की बधाई देते हैं। कई श्याम भक्त पैदल चलकर तो कोई पेट पलायन आकर बाबा के दरबार में दर्शन पाते हैं। ऐसे भी श्रद्धालु बाबा Khatu Shyam के दरबार में आते हैं, जिनकी गोद सूनी होती है। जो बाबा को बांसुरी व खिलौने एवं मोरछड़ी चढ़ाकर गोद भरने के लिये मन्नत मांगते हैं। कई नारियल बांधकर अपने परिवार की सुख स्मृद्धि की कामना करते हैं।

सोते समय तकिए के नीचे रख दें ये चीज, बुरे सपने और मानसिक परेशानी से मिलेगा छुटकारा

Khatu Shyam मन्दिर की सजावाट-

श्री श्याम मंदिर कमेटी श्याम जन्मोत्सव पर मंदिर को सजाने के लिये वृंदावन में बांके बिहारी के मंदिर में होने वाले फूल और वृंदावन से विशेष कारीगर बुलाये जाते हैं। वृंदावन से आये बांके बिहारी डेकोरेटर्स मंदिर को सजाने के लिये गेंदा, गुलाब, कूंद, बेला, लीली, गुलदावरी सहित इंग्लिश फूल ओरकेट, जरवरा, एंथेनियम, कारनेशम के फूलों से मंदिर को सजाते है। इसके अलावा श्याम जन्मोत्सव पर बाबा श्याम मंदिर के सिंह द्वार पर लड्डू गोपाल और मुरलीधर कन्हैया की झांकी भी सजायी जाती है। श्रद्धालुओं को श्याम दर्शन से पहले मंदिर प्रवेश पर इनके दर्शन होंगे। मुख्य कारीगर ने तीस कुशल बंगाली कारिगरों ने पूरे मंदिर को बांस की खपच्ची पर सुनहरी कपड़ा लगाकर उसपे बांसुरी, माखन से भरी कुलरी का खिलौना, पाइपनुमा फोम पर रंग बिरंगे कपड़ा लगाकर कई प्रकार की आकृतियों से सजाया है।

Khatu Shyam

खाटूश्याम की धर्मशालायें व होटल-देश विदेश से आये लाखो श्याम भक्तों से दशमी की शाम को ही धर्मशालायें और होटलें फुल हो जाती है। वैसे तो खाटूधाम में कई धर्मशालायें और होटलें हैं। उसके बावजूद भी ये जन्मोत्सव के उत्सव पर फुल हो जाती हैं। सभी धर्मशालायें और होटलें तकरीबन दो माह पहले ही बुक हो चुकी हैं। इनमें प्रमुख धर्मशालायें श्री श्याम मित्र मण्डल कोलकाता, पंचायती विश्राम गृह, न्यू हैदराबाद धर्मशाला, श्रीधाम धर्मशाला, होटल श्याम, होटल कविता, होटल श्याम सरकार, कान्हा गेस्ट हाउस व श्री श्याम साक्षी गेस्ट हाउस आदि हैं।

प्रभु श्रीराम की भव्य बारात की निकली गई शोभायात्रा

Khatu Shyam में प्रसिद्ध गायक एवं कलाकार-

श्याम कीर्तन एकादशी की रात्रि को श्री श्याम मंदिर प्रांगण सहित अनेक धर्मशालाओं में श्रद्धालु श्याम बाबा की जोत जलाकर एवं केक काटकर बाबा का जन्मदिन बनाते हैं। इन धर्मशालाओं में रातभर भजन कीर्तन का आयोजन चलता है। जिसमें लखबीर सिंह लक्खा, नंदूजी महाराज, उमा लहरी, मुकेश बागड़ा, अमानत अली सहित अनेक प्रसिद्ध गायक बाबा श्याम के सुमधुर भजनों की प्रस्तुतियां देते हैं।

Khatu Shyam

देवउठनी को ही क्यों मनाया जाता है Khatu Shyam जन्मदिन-


बर्बरीक (खाटू श्याम) के महान बलिदान से काफी प्रसन्न होकर श्री कृष्ण ने बर्बरीक को वरदान दिया कि कलियुग में तुम श्याम नाम से जाने जाओगे। वरदान देने के बाद उनका शीश खाटू नगर (वर्तमान राजस्थान राज्य के सीकर जिला) में दफ़नाया गया इसलिये उन्हें खाटू श्याम बाबा कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि एक गाय उस स्थान पर आकर प्रतिदिन अपने स्तनों से दुग्ध की धारा स्वतः ही बहा रही थी। बाद में जब उस स्थान की खुदाई हुई तो वहां पर शीश प्रकट हुआ, जिसे कुछ दिनों के लिये एक ब्राह्मण को सौंप दिया गया है। एक बार खाटू नगर के राजा को स्वप्न में मन्दिर निर्माण के लिये और वह शीश मन्दिर में सुशोभित करने के लिये प्रेरित किया गया। तो उस स्थान पर मन्दिर का निर्माण किया गया और कार्तिक माह की एकादशी को शीश मन्दिर में सुशोभित किया गया। इसीलिये हमेशा देवउठनी एकादशी को ही श्री खाटूश्याम जी का जन्मदिन मनाया जाता है।
First Published on: 22/11/2023 at 7:22 PM
विषय
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए, हमें फेसबुक पर लाइक करें या हमें ट्विटर पर फॉलो करें। TheFaceofIndia.com में जानकारी सम्बंधित सुचना और पढ़े |
कमेंट करे
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
Welcome to The Face of India