Updated: 22/06/2023 at 5:31 PM

SHIVANI SINGH – THE FACE OF INDIA
Swami Vivekananda Quotes
अपने विचारों से लोगों की ज़िंदगी को रोशन करने वाले,भारत के आध्यात्मिक गुरु, भारत को विश्वगुरु के रुप में पुनर्स्थापित करने वाले स्वामी विवेकानंद जी का जन्म सन 1863 में कोलकाता में हुआ था. हर साल 12 जनवरी का दिन स्वामी विवेकानंद (SwamiVivekananda) जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को युवा दिवस के रुप में भी मनाया जाता है. उन्होनें हमें जीवन जीने के कई प्रेरणादायक विचार भी बताये हैं.भारत में स्वामी विवेकानंद की जन्म दिन को “राष्ट्रीय युवा दिवस” के रूप में मनाया जाता है स्वामी विवेकानंद महान दार्शनिक आध्यात्मिक और सामाजिक नेताओं में से एक थे उनके जयंती को पूरा देश युवा दिवस के रूप में मनाता है स्वामी विवेकानंद जी एक सच्चे राष्ट्रभक्त थे उनका देश प्रेम किसी से छिपा नहीं है वह लोगों की मदद करने करने को ईश्वर की पूजा करने के बराबर मानते थे विवेकानंद जी आज भी करोड़ों युवाओं को प्रेरणा देते हैं
यह भी देखें – बालिका शिक्षा को सामाजिक बदलाव का सूत्रधार मानती थीं Savitribai Phule ( माता सावित्रीबाई फुले )
आइए जाने स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) जी के कुछ प्रेरणादायक विचार:-
१- जिस समय जिस काम तो संकल्प करो उस काम को उसी समय पूरा करो वरना लोग आप पर विश्वास नहीं करेंगे।२- जीवन में ज्यादा रिश्ते होना जरूरी नहीं है बल्कि जो रिश्ते हैं उनमें जीवन होना जरूरी है।३-दिन भर में एक बार स्वयम से जरूर बात करो, अन्यथा आप दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण इन्सान से बात करने का मौका गवा देंगे।४-दिल और दिमाग के टकराव में हमेशा अपने दिल की बात सुनो।५-खुद को कभी कमजोर ना समझो क्योंकि यह सबसे बड़ा पाप है।६-उठो जागो और तब तक नहीं रुको जब तक तुम अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर लेते।७-जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी ।८-लोग तुम्हारी स्तुति करें या निंदा लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या ना हो तुम्हारा देहांत आज हो या युग में तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट ना हो।4 जुलाई 1902 को बेलूर के रामकृष्ण मठ मैं ध्यान अवस्था में ध्यान अवस्था में महासमाधि धारण कर स्वामी जी पंचतत्व में विलीन हो गए।First Published on: 12/01/2023 at 1:03 PM
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