Maharashtra Political Crisis LIVE updates : उद्धव ठाकरे सरकार पर संकट में आने के ये हैं 10 बड़े कारण 

Maharashtra Political Crisis LIVE updates

जून 21, 2022 - 13:04
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Maharashtra Political Crisis LIVE updates : उद्धव ठाकरे सरकार पर संकट में आने के ये हैं 10 बड़े कारण 
Maharashtra political crisis

Maharashtra Political Crisis LIVE updates

मुंबई: महाराष्ट्र इस समय सियासी संकट से जूझ रहा है, महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार को इस बार सत्तारूढ़ के मंत्री एकनाथ शिंदे ने बड़ा झटका दिया है. शिवसेना की हिंदुत्व वाली छवि के खिलाफ काम  रही शिवसेना से नाराज़ हैं उनके ही मंत्री शिंदे. ख़बरों से अनुसार एकनाथ शिंदे अपने साथ लगभग 25 विधायकों के साथ गुजरात में हैं  जिनके फ़ोन लगातार स्वीच ऑफ आ रहा है. जिनसे शिवसेना लगातार संपर्क करने की कोशिश कर रही है, लेकिन इन सबके बीच जिससे महाविकास अघाड़ी सरकार के ऊपर बड़ा खतरा मंडरा रहा है. 

Maharashtra Political Crisis LIVE updates eknath shinde

कौन है एकनाथ शिंदे ?

एकनाथ शिंदे ठाणे में शिवसेना के एक प्रमुख नेता हैं, एकनाथ शिंदे के बारे कहा जाता है की वे ठाकरे परिवार के बाहर सबसे मजबूत ताकतवर शिव सैनिक हैं। कहा जाता है की  2019 में अगर उद्धव ठाकरे मुख्‍यमंत्री बनने के लिए राजी नहीं हुए होते एकनाथ शिंदे आज उसी कुर्सी पर होते। लगभग 59 साल के शिंदे महाराष्‍ट्र सरकार में नगर विकास मंत्री हैं। वर्ष 1980 में वे शिवसेना से बतौर शाखा प्रमुख जुड़े थे। शिंदे ठाणे की कोपरी-पांचपखाड़ी सीट से 4 बार विधायक चुने जा चुके हैं। वे पार्टी के लिए जेल भी जा चुके हैं। उनकी इमेज एक कट्टर और वफादार शिव सैनिक की रही है। एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के सतारा जिले के पहाड़ी जवाली तालुका से हैं। ठाणे शहर में आने के बाद उन्होंने 11वीं कक्षा तक मंगला हाई स्कूल और जूनियर कॉलेज, ठाणे से पढ़ाई की। ठाणे में शिंदे का प्रभाव कुछ ऐसा है कि लोकसभा चुनाव हो या निकाय चुनाव हमेशा इनका उम्मीदवार ही चुनाव जीतता आया है। एकनाथ के बेटे श्रीकांत शिंदे भी शिवसेना के ही टिकट पर कल्याण सीट से सांसद हैं। अक्टूबर 2014 से दिसंबर 2014 तक महाराष्ट्र विधानसभा में वे विपक्ष के नेता रहे। 2014 में ही महाराष्ट्र राज्य सरकार में PWD के कैबिनेट मंत्री के रूप में नियुक्त हुए। 2019 में कैबिनेट मंत्री सार्वजनिक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री (महाराष्ट्र सरकार) का पद मिला।

Maharashtra Political Crisis : सीएम बनते-बनते रह गये थे शिंदे

वर्ष 2019 में जब शिवसेना ने भाजपा से गठबंधन तोड़ा तो तय हुआ वह एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाएगी और सीएम शिवसेना होगा। लेकिन सीएम बनेगा कौन, यह तय नहीं हो पा रहा था। उद्धव ने चुनाव नतीजे आने के बाद विधानसभा में विधायक दल का नेता एकनाथ शिंदे को बना दिया। तब लगा थाकी शिंदे ही मुख्यमंत्री बनाये जाएंगे। लेकिन शरद पवार और सोनिया गांधी चाहते थे कि उद्धव ही सीएम बनें। उद्धव पर अपने परिवार से भी सीएम पद स्वीकार करने के लिये दबाव था। ऐसे में शिंदे मुख्यमंत्री बनते बनते रह गये।

क्‍यों नाराज हैं शिंदे

एकनाथ शिंदे की शिवसेना आलाकमान से नाराजगी की कोई नई बात नहीं है। बताया जा रहा की वे गठबंधन की तीनों पार्टी शिवसेना,कांग्रेस और एनसीपी से नाराज हैं। इसके पहले जब देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे तो उस समय भी एकनाथ शिंदे की शिवसेना आलाकमान से खटपट की खबरें सामने आई थीं। तब यह भी कहा जा रहा था कि एकनाथ शिंदे अपने तमाम समर्थकों के साथ बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं। हालांकि उस वक्त यह खबरें गलत साबित हुई थीं और उन्होंने खुद इस बात का खंडन किया था। लेकिन अब दोबारा नाराजगी की बात सामने आई है।जिसके चलते महाराष्‍ट्र की राजनीति में रातोंरात तूफान तब आ गया जब  मंगलवार सुबह खबर आई कि शिवसेना के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे से संपर्क नहीं हो पा रहा। कुछ ही देर बाद पता चला कि शिंदे के नेतृत्‍व में शिवसेना के दो दर्जन से ज्‍यादा विधायक गुजरात के सूरत में मौजूद हैं। राज्‍य की महाविकास अघाड़ी सरकार पर बड़ा संकट आ गया है। दावा है कि शिंदे के साथ शिवसेना के ही करीब 25 विधायक हैं। एनसीपी और कांग्रेस के अलावा छोटे दलों और कुछ निर्दलीय विधायक भी सूरत पहुंचे बताए गए हैं।

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Maharashtra Political Crisis इस बड़ी कहानी के 10 तथ्य

1- एकनाथ शिंदे, जो उथल-पुथल के केंद्र में हैं, को शिवसेना नेतृत्व ने पार्टी के मुख्य सचेतक के रूप में बर्खास्त कर दिया है। लगभग उसी समय, उन्होंने एक ट्वीट किया, जिसका अनुवाद था, "बालासाहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया है। हमने बालासाहेब के विचारों और धर्मवीर आनंद दीघे साहब की शिक्षाओं के संबंध में सत्ता के लिए कभी धोखा नहीं दिया है और न ही कभी धोखा देंगे।" 2 - शिवसेना की सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि उन्हें श्री ठाकरे पर "पूर्ण विश्वास" है और उन्होंने आश्वासन दिया कि इस स्थिति से बाहर निकलने का रास्ता निकाला जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह शिवसेना का आंतरिक मामला है। सूत्रों ने कहा कि श्री पवार, जो राष्ट्रपति चुनाव पर विपक्ष की बैठक के लिए दिल्ली में हैं, के आज रात श्री ठाकरे से मिलने की संभावना है। 3- सूत्रों ने कहा कि होटल में शिवसेना के कुल 21 विधायक हैं, जिनमें से पांच मंत्री और एक निर्दलीय विधायक हैं। उद्धव ठाकरे ने आज दोपहर अपने आवास पर आपात बैठक बुलाई। सूत्रों ने कहा कि एक बड़े संकट की ओर इशारा करते हुए, श्री शिंदे के अलावा कई विधायक भी बैठक में अनुपस्थित थे। 4- शिवसेना के सूत्रों ने कहा कि वे श्री शिंदे से बात करने के लिए किसी को गुजरात नहीं भेजेंगे और अगर उन्हें पार्टी नेतृत्व के साथ स्थिति पर चर्चा करने की आवश्यकता है तो उन्हें आने की आवश्यकता होगी। 5- शिवसेना सांसद संजय राउत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे सरकार को "मध्य प्रदेश और राजस्थान की तरह ही" में गिराने की साजिश है। उन्होंने कहा, "शिवसेना वफादारों की पार्टी है। हम ऐसा नहीं होने देंगे।" 6- राउत ने मीडिया से कहा, "एकनाथ शिंदे होटल में हमारे साथ थे और एमवीए उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे थे। हम उनसे बात करने तक कुछ नहीं कह सकते।" उन्होंने कहा कि उन्होंने श्री पवार से बात की है। 7- श्री राउत ने आगे कहा कि उन्होंने सूरत के कुछ विधायकों से बात की है। उन्होंने कहा, "उनमें से कुछ वापस लौटना चाहते हैं, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी जा रही है," उन्होंने जोर देकर कहा कि विधायक "वफादार शिव सैनिक" हैं। 8- यह पता चला है कि श्री शिंदे जल्द ही मीडिया को संबोधित कर सकते हैं। ठाणे में एक प्रमुख सेना नेता, श्री शिंदे ने इस क्षेत्र में संगठन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके बेटे, डॉ श्रीकांत शिंदे, कल्याण से शिवसेना के सांसद हैं। 2014 में शिवसेना के भाजपा से अलग होने के बाद उन्हें विपक्ष का नेता नामित किया गया था। 9- राज्य भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि उनकी पार्टी का घटनाक्रम से कोई संबंध नहीं है। महाराष्ट्र में भाजपा के शीर्ष नेता देवेंद्र फडणवीस आज दिल्ली पहुंचे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की, जिससे अटकलें तेज हो गईं। 10- कुछ घंटे पहले विधान परिषद चुनाव में महा विकास अघाड़ी गठबंधन और भाजपा ने पांच-पांच सीटें जीती थीं। विपक्षी भाजपा ने सभी पांच सीटों पर जीत हासिल की। कांग्रेस उम्मीदवार चंद्रकांत हंडोरे सत्ताधारी गठबंधन के लिए एक झटके में हार गए।

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