18 साल से कम उम्र नाबालिक बच्चे नशे की चपेट में
ड्रग्स और नशे के खिलाफ सरकार कई तरह के ऑपरेशन चला रही है. केरल से एक चौंकाने वाला सर्वे रिपोर्ट सामने आया है. सर्वे में 18 साल से कम उम्र के लड़के और लड़कियां नशे की चपेट में आ रहे हैं.
कुछ महीने पहले समाज माध्यम पर एक हैरान करने वाला वीडियो सामने आया था. इस वीडियो में मध्य केरल के एक शहर स्थित एक होटल में छापे के दौरान पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर एक लड़की को नशे में जोर-जोर से चिल्लाते हुए देखा गया था. इस घटना की जांच पड़ताल के बाद में पता चला था कि एक वक्त में होशियार छात्रा रही युवती को मादक और नशीले पदार्थ के जाल में फंसाया गया और उसका इस्तेमाल नशीले पदार्थ की तस्कर के रूप में किया जा रहा था.
यह उन घटनाओं में से एक थी जिसने केरल राज्य के समाज की सामूहिक चेतना को निचोड़कर रख दिया जिसके बाद सरकार ने दक्षिणी राज्य में इस इल्लीगल कारोबार में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की. केरल पुलिस ने 21 साल से कम उम्र के युवाओं के बीच एक सर्वे कराया.इसमे एक और खौफनाक बात सामने आईं कि नशे की गिरफ्त में आए इन युवाओं में से 40 फीसदी 18 साल से कम उम्र के थे.
लड़किया हो रही हैं नशे के आदिन
सबसे हैरत करनेवाली बात यह थी कि इनमें से ज्यादातर लड़कियां थी और नशीले पदार्थ के जाल में फंसने के बाद उन लड़कियों का इस्तमाल तस्करों के रूप में किया जा रहा था. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) M.R अजीत कुमार ने कहा, पहले मादक पदार्थ के मामले ज्यादा तर कॉलेजों से सामने आते थे लेकिन अब स्कूलों में ज्यादा मामले आरहे हैं और लड़कियां नशीले पदार्थ से अधिक पीड़ित हैं. राज्य पुलिस के मादक पदार्थ रोधी अभियान योद्धा के लिए राज्य के नौदल अधिकारी कुमार ने कहा कि महिला तस्करों का प्रयोग अन्य लड़कियों को इस जाल में फंसाने के लिए किया जा रहा है.
मासूम लड़कियों को बना रहें है शिकार
अधिकारी कुमार ने कहा कि वे पहले स्कूल जाने वाली नाबालिक लड़कियों से दोस्ती करती हैं और फिर धीरे-धीरे उन्हें ड्रग्स की खतरनाक दुनिया में खींच लेते हैं. सिनियर पुलिस अधिकारी ने कहा कि सड़क किनारे लगे छोटे ठेलों पर यह धंधा ज्यादा हो रहा है. स्कूलों से नशीले पदार्थ की समस्या खत्म करने के लिए पुलिस ने राज्य में स्कूलों के सहित छोटे-छोटे ठेलों और दुकानों पर 18,301 छापे मारे और 401 मामले दर्ज किए गए हैं. 462 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया जबकि 20.97 किलोग्राम गांजा, 186.38 ग्राम MDM और 1112.1 ग्राम हशीश जब्त की गई.
नशे के सेवन के बाद यौन शोषण के मामले
तिरुवनंतपुरम जिला बाल संरक्षण इकाई में तैनात काउंसलर अंजू डायस के अनुसार , नशीले पदार्थ के दुरुपयोग के मामले स्कूली नाबालिक बच्चों में बहुत ज्यादा हैं. जब हम उनकी काउंसिलिंग करते हैं तो वे नशा करने की बात कबूल करते हैं लेकिन कभी उन्हें नशीला पदार्थ कहां से मिला इस बात का जिक्र नही करते. उन्होंने कहा कि 13 साल और उससे ज्यादा उम्र की लड़कियों में नशा करने के साथ यौन शोषण की घटनाएं भी सामने आ रही हैं.
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