54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का गोवा में भव्य शुभारंभ..

Updated: 24/11/2023 at 10:08 AM
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के रवि ( दादा)
 
हॉलीवुड एक्ट्रेस कैथरीन जेटा जोन्स, सलमान खान, विद्या बालन, आयुष्मान खुराना, अनुपम खेर, विक्की कौशल, सिद्धार्थ मल्होत्रा, अदिति राव हैदरी, ए.आर. रहमान, श्रेया घोषाल, शांतनु मैत्रा, सुखविंदर सिंह, अमित त्रिवेदी, अपरशक्ति खुराना, और करिश्मा तन्ना जैसे तमाम और फिल्ममेकर्स शिरकत कर भारत के 54 वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की शोभा बढ़ाएंगे।
 
           भारतीय 54वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) का आयोजन 20 नवंबर से 28 नवंबर तक गोवा के पणजी में मांडवी नदी के किनारे स्थित एंटरटेनमेंट सोसायटी ऑफ़ गोवा के परिसर में मौजूद सिनेमाहाल, Inox मल्टीप्लेक्स और कला अकादमी सहित ओपन ग्राऊंड में आयोजित किया गया है। महोत्सव के विभिन्न खंडों में 250 से अधिक फिल्में प्रदर्शित की जा रही हैं। सोमवार, 20 नवंबर की शाम सभी को इंतजार था, गोवा के पणजी में स्थित डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सभागार स्टेडियम (Dr Shyama Prasad Mukherjee Indoor Stadium) में भव्य उद्घाटन समारोह का। उद्घाटन समारोह के मुख्य आकर्षण रहे शाहिद कपूर, माधुरी दीक्षित, श्रिया सरन, नुसरत भरुचा, पंकज त्रिपाठी, शांतनु मोइत्रा, श्रेया घोषाल और सुखविंदर सिंह। इस शानदार समारोह की मेजबानी अपरशक्ति खुराना और करिश्मा तन्ना ने की। 
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 54वें वर्ष संस्करण में देश और दुनिया भर से मशहूर हस्तियों, फिल्म बिरादरी और सिनेप्रेमियों के स्वागत के लिए रेड कारपेट बिछाया गया है। इस साल 105 देशों से 2926 फिल्मों की भारी भरकम प्रविष्टियों के साथ आईएफएफआई वैश्विक महोत्सव सर्किट में एक पसंदीदा महोत्सव के रूप में उभरा है, जो पिछले साल की तुलना में तीन गुना अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रस्तुतियां हैं। फिल्मों के दीवाने दर्शक और डेलीगेट्स पूरे महोत्सव में 270 से अधिक फिल्मों का आनंद उठा सकते हैं, जिसमें 13 विश्व, 18 अंतर्राष्ट्रीय, 62 एशियाई और 89 भारतीय प्रीमियर के क्यूरेटेड चयन में शामिल हो सकते हैं। 15 फीचर फिल्में (12 अंतर्राष्ट्रीय और तीन भारतीय फिल्में) प्रतिष्ठित गोल्डन पीकॉक पुरस्कार के लिए और 15 ओटीटी प्लेटफार्मों से 32 प्रविष्टियां सर्वश्रेष्ठ वेब सीरीज (ओटीटी) पुरस्कार के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही हैं।
हर साल, उद्घाटन समारोह में फिल्म इंडस्ट्री के सितारों से सजी होती है और इस बार भी सितारों से सजी शाम ने इस भव्य आयोजन में रंग भर दिए । भारत को वैश्विक फिल्म स्थान के रूप में स्थापित करने की सरकार की पहल पर प्रकाश डालते हुए, केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने भारत में बड़े बजट की अंतरराष्ट्रीय फिल्म निर्माण को आमंत्रित करने के लिए विशेष प्रोत्साहन की घोषणा की। विदेशी फिल्म निर्माण के लिए प्रोत्साहन 30% से बढ़ाकर 40% कर दिया गया है। देश में विदेशी फिल्म निर्माण के लिए प्रोत्साहन आज रुपये की बढ़ी हुई सीमा के साथ किए गए खर्च का 40% है। 30 करोड़ (3.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक) और महत्वपूर्ण भारतीय सामग्री (एसआईसी) के लिए अतिरिक्त 5% प्रतिशत बोनस। यह कदम देश में मध्यम और बड़े बजट की अंतरराष्ट्रीय फिल्म परियोजनाओं को आकर्षित करने के भारत के प्रयासों को और गति देगा। 
भारत द्वारा पिछले साल कान्स में विदेशी फिल्मों के निर्माण के लिए प्रोत्साहन योजना की घोषणा की गई थी, जिसमें देश में फिल्म निर्माण के लिए किए गए खर्च का 30% तक की प्रतिपूर्ति की पेशकश की गई थी, जो कि 2.5 करोड़ रुपये तक सीमित थी। भारत के गोवा में घोषणा करते हुए, अनुराग ठाकुर ने कहा, “फिल्म निर्माण को प्रोत्साहित करने में यह आदर्श बदलाव कलात्मक अभिव्यक्ति के लिए भारत की प्रतिबद्धता और समर्थन के प्रमाण के रूप में कार्य करता है और सिनेमाई प्रयासों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में हमारी स्थिति को मजबूत करता है”।
 
अंतर्राष्ट्रीय प्रोडक्शन जिन्हें 01.04.2022 के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और विदेश मंत्रालय (केवल वृत्तचित्रों के लिए) द्वारा शूटिंग की अनुमति दी गई है, वे इस प्रोत्साहन योजना के लिए पात्र होंगे। प्रोत्साहन दो चरणों में वितरित किया जाएगा यानी अंतरिम और अंतिम। भारत में परियोजना पूरी होने के बाद अंतिम संवितरण दावा किया जा सकता है। प्रोत्साहन एक विशेष प्रोत्साहन मूल्यांकन समिति की सिफारिश पर प्रदान किया जाएगा। राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) के तहत स्थापित फिल्म सुविधा कार्यालय (एफएफओ) इस प्रोत्साहन योजना को क्रियान्वित कर रहा है। एफएफओ एकल-खिड़की सुविधा और निकासी तंत्र के रूप में कार्य करता है जो भारत में फिल्मांकन को आसान बनाता है, साथ ही एक फिल्म-अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने और देश को फिल्मांकन गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने का प्रयास करता है। 
भारतीय सिनेमा के तथ्यों और उपलब्धियों की बात करते हुए मंत्री जी का यह भाषण फिल्मों के किस्सों और डायलॉग्स से भरपूर था। उन्होंने बताया कि फिल्में फिल्म संस्कृति को कैसे प्रभावित करती हैं। फिल्म आनंद के डायलॉग ‘बाबूमोशाय, जिंदगी बड़ी होनी चाहिए, लंबी नहीं’ का उदाहरण देते हुए मंत्री जी ने कहा कि आईएफएफआई एक सिनेमाई अनुभव प्रदान करता है जो छोटा नहीं बल्कि भव्य है। समाज पर सिनेमा के प्रभाव का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि कैसे 1902 में बनी फिल्म ‘ए ट्रिप इन द मून’ ने साहसपूर्वक अंतरिक्ष यात्रा के विचार का सुझाव दिया और भारत ने इस साल चंद्रमा पर चंद्रयान -3 मिशन के साथ अपने सपने को साकार किया। उन्होंने कहा, “यह दिखाता है कि कैसे एक फिल्म के दौरान एक विचार की कल्पना की जा सकती थी, लेकिन समय के साथ सरकार उस तरफ सोचना शुरू कर देती है।”

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First Published on: 24/11/2023 at 10:08 AM
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