Defamation Case: कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा चलाई गई भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर आज 20 फ़रवरी को थोड़ी देर के लिए ब्रेक लगती हुई नजर आई. जब मानहानि के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुलतानपुर कोर्ट में पेश किया गया. यह मामला 2018 का है जब राहुल गांधी नेमौजूदा गृहमंत्री अमित शाह पर विवादित टिप्पणी की थी, जिस पर बीजेपी के एक नेता ने राहुल गांधी पर केस दर्ज कराया था. अब इस मामले में राहुल गांधी को सुलतानपुर की MP-MLA कोर्ट ने जमानत दे दी है.
इस मामले की अगली सुनवाई 2 मार्च को होगी. अधिवक्ता संतोष पांडे ने कहा कि, राहुल गांधी ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था. जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें 30-45 मिनट के लिए हिरासत में लिया. बाद में उनकी जमानत याचिका अदालत में प्रस्तुत की गई. कोर्ट ने ज़मानत की याचिका को स्वीकार किया और उसके बाद राहुल गांधी अमेठी के लिए रवाना हो गए.
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क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2018 में बेंगलुरु की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गृहमंत्री अमित शाह पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए उन्हें ‘हत्यारा’ कह दिया था. इस पर बीजेपी नेता व सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष विजय मिश्र ने राहुल गांधी के खिलाफ 4 अगस्त 2018 को न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया था. उसके बाद जज योगेश कुमार यादव ने इस मामले में राहुल गांधी को समन भेजा था. जानकारी के मुताबिक, अगर पर्याप्त सबूतों के बाद कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार दिया तो, उन्हें दो साल की सजा हो सकती थी.
दोषी करार देने पर दो साल की हो सकती है सजा
सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष व बीजेपी नेता विजय मिश्रा ने 4 अगस्त 2018 को राहुल गांधी के खिलाफ न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया था. बेंगलुरु के एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने गृहमंत्री अमित शाह पर आरोप लगाया था कि वह हत्यारे हैं. बीजेपी नेता विजय मिश्र ने कहा जब मैंने ये आरोप सुने तो मुझे दुख हुआ क्योंकि मैं 33 सालों से भाजपा पार्टी के लिए काम कर रहा हूं. मैंने अपने वकील के माध्यम से इस मामले में शिकायत दर्ज करवाई. यह मामला सुल्तानपुर में जिला और सत्र MP/MLA अदालत के समक्ष दायर किया गया था. बीजेपी नेता विजय मिश्रा की ओर से पेश वकील ने कहा था कि अगर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कोर्ट दोषी करार देता हैं तो उन्हें दो साल की सजा हो सकती है.