Lokabha Election 2024: संसद का बजट सत्र चल रहा है. इस बजट सत्र की अवधि को सरकार ने एक दिन के लिए 10 फरवरी तक बढ़ाया है. ऐसा माना जा रहा है कि सरकार इस दिन ‘श्वेत पत्र’ लाएगी. श्वेत पत्र में सरकार 2014 से पहले और बाद में भारतीय अर्थव्यवस्था की तुलना करते हुए ‘श्वेत पत्र’ पेश करेगी. 1 फरवरी को पेश अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर बीजेपी की अगुवाई वाली NDA सरकार के 10 साल और कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA सरकार के 10 वर्षों की तुलना करते हुए एक ‘श्वेत पत्र’ लेकर आएगी.
श्वेत पत्र में सरकार की ओर से आंकड़े और तथ्यों पर आधारित एक रिपोर्ट पेश की जाती है. रिर्पोट सरकार की ओर से जारी लिखित स्पष्टीकरण होता है. ‘श्वेत पत्र’ संवेदनशील और पूर्ण सत्य पर आधारित होता है. इसमें किसी भी तरह के भ्रामक तथ्य नहीं दिए जा सकते.’श्वेत पत्र’ का उपयोग सरकारी नीतियों, कानून को प्रस्तुत करने और जनता की राय का आकलन करने की विधि के रूप में किया जाता है. इस रिपोर्ट को अक्सर सफेद आवरण में पेश करते है.
कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA सरकार के 10 साल के खिलाफ केंद्र सरकार की ओर से श्वेत पत्र लाया जा रहा है. उसका जवाब देने के लिए विपक्षी पार्टी ने खास रणनीति तैयार की है. कांग्रेस इसके जवाब में सरकार के 10 साल पर ‘ब्लैक पेपर’ लाएगी. ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इसे सदन में पेश कर सकते हैं.
केंद्र सरकार श्वेत पत्र ऐसे समय में ला रही है जब खुद प्रधानमन्त्री मोदी ने सदन से कांग्रेस पर जोरदार हमला किया था. PM मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में कांग्रेस की परिवारवाद की नीति पर हमला करते हुए कहा कि एक ही प्रोडक्ट को बार-बार लॉन्च कर के कांग्रेस ने अपनी ही दुकान में ताला लगाने की नौबत ला दी है. पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए ये भी कहा कि विपक्ष की जो हालत है उसके लिए कांग्रेस स्वयं ही जिम्मेदार है.