Anjali Singh| THE FACE OF INDIA
मराठा आरक्षण: मराठा आरक्षण के लिये आंदोलन कर रहे कार्यकर्ता जरांगे अपने हजारों समर्थकों के साथ 26 जनवरी शुक्रवार को नवी मुंबई पहुंचे.
मनोज जरांगे और मराठा आरक्षण की मांग करने वाले अन्य कार्यकर्ता सुबह करीब 5 बजे कार, जीप, मोटरसाइकिल, टेम्पो और ट्रक से मुंबई के बाहरी इलाके में कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) पहुंचे. अपनी निर्धारित योजना के अनुसार, मनोज जरांगे अपने समर्थकों के साथ शुक्रवार को आजाद मैदान में भूख हड़ताल शुरू करेंगे.
निर्धारित योजना के अनुसार, मनोज जरांगे समर्थकों के साथ 26 जनवरी शुक्रवार को आजाद मैदान में भूख हड़ताल शुरू करेंगे. प्रदर्शनकारी मराठा समुदाय के लिए कुन्बी यानी(अन्य पिछड़ा वर्ग) दर्जे की मांग कर रहे हैं. मुंबई पुलिस ने नोटिस जारी कर उन्हे शहर में भूख हड़ताल करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया. इसके बावजूद मनोज जरांगे ने अपने समर्थको को कहा की वह भूख हड़ताल पर बैठेंगे.
जिला स्तरीय जूनियर हैण्डबाल प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को दोहराया कि सरकार अन्य समुदायों को दिए जा रहे आरक्षण में छेड़छाड़ किए बिना ही मराठा समुदाय को कोटा देने के लिए प्रतिबद्ध है.
सतारा जिले में स्थित अपने गृहनगर में शिंदे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अधिकारी तेजी से सर्वेक्षण कार्य को पूरा करने में जुटे हैं ताकि साबित किया जा सके कि मराठा समुदाय सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा है.
एकनाथ शिंदे का यह बयान तब आया जब मनोज जरांगे मराठा आरक्षण की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए 26 जनवरी शुक्रवार से दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन शुरू करने वाले है. मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि उन्होंने मनोज जरांगे को पहले ही बताया है कि उनकी सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है और वह अन्य पिछड़ा वर्ग की तरह उन्हें सभी लाभ दे रही है.
हो रहे सर्वेक्षण में कुल 1.4 लाख लोग हिस्सा ले रहे है.
एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘‘मेरी सरकार आरक्षण देगी, जो कानूनी समीक्षा में पास होगी. फिलहाल सर्वेक्षण में कुल 1.4 लाख लोग हिस्सा ले रहे हैं. वे तीन पालियों में काम कर रहे हैं. अब तक, मनोज जरांगे से चर्चा सकारात्मक रही है.’’ शिंदे ने कहा, ‘‘सरकार अन्य समुदायों को मिल रहे आरक्षण में छेड़छाड़ किए बिना ही मराठा को आरक्षण कोटा देने के लिए प्रतिबद्ध है.’’
मनोज जरांगे के साथ ऑनलाइन बैठक करने के सवाल पर मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि वो जिला स्तर और मंडल आयुक्त कार्यकर्ता के संपर्क में हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ कुनबी जाति (अन्य पिछड़ा वर्ग) प्रमाणपत्र उन मराठों को दिया जा रहा है, जिनके दस्तावेज मिले हैं.’’ मनोज जरांगे ने 24 जनवरी को दावा किया था कि महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के सदस्यों की पहचान कुनबी के रूप में करने वाले 54 लाख रिकॉर्ड मिले हैं. उन्होंने तत्काल जाति प्रमाण पत्र जारी करने की मांग की. कुनबी जाति को महाराष्ट्र में ओबीसी के तहत आरक्षण का लाभ मिलता है.