New Delhi CM News : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के तिहाड़ जेल में जाने के बाद से लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या केजरीवाल जेल से सरकार चलाएंगे या कोई और दिल्ली का सीएम होगा. इस रेस में अगर सबसे आगे कोई हैं तो उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल. सवाल यह है कि क्या दिल्ली की अगली सीएम सुनीता केजरीवाल होंगी? दरअसल, आज मंगलवार 2 अप्रैल सुनीता केजरीवाल से मिलने दिल्ली सरकार के सभी मंत्री और AAP विधायक मुख्यमंत्री आवास पहुंचे. इससे वजह से उन्हें दिल्ली का अगला CM बनाए जाने की अटकलें और भी तेज हो गई. सूत्रों के मुताबिक़ से पार्टी के 55 विधायकों ने सुनीता केजरीवाल से मुलाकात की. फिलहाल दिल्ली में AAP पार्टी के कुल 62 विधायक हैं, जिनमें से अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जो अभी न्यायिक हिरासत में हैं, जबकि 4 अन्य विधायक हैं जो फिलहाल दिल्ली से बाहर हैं.
मुख्य्मंत्री आवास पर सुनीता केजरीवाल से मिलने पहुंचे मंत्रियों में आतिशी मार्लेना, गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज, इमरान हुसैन, कैलाश गहलोत और राज कुमार आनंद शामिल हैं. इसके अलावा AAP के विधायक प्रमीला टोकस, भावना गौड़, राजकुमारी ढिल्लों, और संजीव झा भी CM आवास पहुंच चुके हैं.
आपको बता दें कि आबकारी नीति मामले में कथित अनियमितताओं के आरोप में मुख्यमंत्री केजरीवाल को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. ऐसे में ये सवाल उठने लगे हैं कि CM केजरीवाल जेल से आखिर सरकार कैसे चलाएंगे.सूत्रों ने बताया कि आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल द्वारा आने वाले दिनों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभावनाएं है. रविवार को उन्होंने यहां रामलीला मैदान में ‘लोकतंत्र बचाओ’ रैली से राजनीतिक पारी की शुरुआत की.
New Delhi CM News ‘दिल्ली में हो सकता है खड़ा संवैधानिक संकट’
इससे पहले आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दावा किया कि वे केजरीवाल सरकार का नेतृत्व करना जारी रखेंगे. उन्हें चाहे कितने भी समय तक जेल में रहना पड़े. राजनिति विशेषज्ञों का कहना है कि अरविंद केजरीवाल की गैरहाजिरी में दिल्ली के शासन पर तुरंत प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन चुनाव के बादआचार संहिता हटने पर चुनौतियां सामने आ सकती हैं.
मौजूदा हालातों में दिल्ली की सत्ताधारी AAP पार्टी के पास फिल्हाल दो ही विकल्प दिखाई देते हैं या तो मुख्यमंत्री केजरीवाल इस्तीफा दें या विधायक दल का नया नेता चुना जाए. अगर पार्टी ऐसा नहीं करती है तो फिर संवैधानिक संकट का हवाला देते हुए मौजूदा सरकार को बर्खास्त किया जा सकता है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कुछ दिनों पहले साफ किया था कि सरकार जेल से नहीं चलेगी.