Anjali Singh| THE FACE OF INDIA
पश्चिमी बंगाल: पुरुलिया में महाराष्ट्र के पालघर जैसी घटना सामने आई है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। मकर संक्रांति पर पवित्र स्नान करने गंगासागर जा रहे साधुओं को लोगो की भीड़ ने घेर लिया और उन्हें सरेआम निर्वस्त्र कर पीटा। भीड़ द्वारा साधुओं के कपड़ें फाड़ दिए गए और लोगों ने उन्हें बेहरहमी से मारा।
गुरुवार शाम को भीड़ ने यूपी के 3 साधुओं को बच्चा चोर समझकर बेरहमी से पीटा। यह मामला बंगाल पुरुलिया जिले का बताया जा रहा है. सोशल मीडिया पर इसका 30 सेकंड का वीडियो भी वायरल हो रहा है. वीडियो वायरल होने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल की सरकार पर हमला बोला है.
भाजपा नेताओं ने पुलूरिया मे साधुओं पर हुए हमले को पालघर मे हुई घटना के जैसा बताया। उन्होंने टीएमसी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में हिंदू होना एक अपराध है। केंद्रीय मंत्री अमित मालवीय ने टीएमसी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ममता बनर्जी के राज में शाहजहां जैसे आरोपियों को राज्य की तरफ से सुरक्षा दी जाती है और साधुओं की हत्या की जाती है।
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में भीड़ द्वारा साधुओं की पिटाई करने से जुड़ा वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा लगातार टीएमसी पर हमलावर है। इस पर टीएमसी नेता शशि पांजा ने कहा की, ‘भीड़ ने साधुओं पर तीन लड़कियों के अपहरण करने का आरोप लगाया है। अपहरण की बात पर भीड़ ने साधुओं को पीटना शुरू किया था। फिलहाल साधुओं को पुलिस स्टेशन ले जाया गया है।
शशि पांजा ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा हमेशा ही जवाबदेही से बचती है। पुरुलिया में हुई घटना को भाजपा गलत तरीके से पेश करने और हमें बदनाम करने की कोशिश कर रही है।
हालांकि, इस घटना पर पीड़ित साधुओं में से एक ने मीडिया को बताया कि वह मकर संक्रांति को स्नान करने के लिए गंगा सागर जा रहे थे तभी उनकी कार को लोगो की भीड़ ने रोका और उनपर हमला कर दिया। पुलिस ने अबतक इस मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इस सभी को रघुनाथपुर सब डिविजनल कोर्ट में पेश किया गया है।
16 अप्रैल, 2020 को, महाराष्ट्र के पालघर जिले में 2 साधु और ड्राइवर की मारकर हत्या कर दी गई थी। साधुओं की हत्या बच्चा चोरी के अफवाहों के होने की वजह से हुई थी. ऐसा अफवाह थी कि बच्चा चोरी गिरोह के सदस्य इलाके में साधु, डॉक्टर, पुलिस की वेशभूषा पहनकर बच्चा चोरी करते थे. जिसकी वजह से भीड़ ने ड्राईवर और दोनों साधुओं की पीटकर हत्या कर दी थी.
साधु गुजरात के सूरत में एक अंतिम संस्कार के लिए जा रहे थे तभी पालघर के एक आदिवासी गांव गढ़चिंचल में ग्रामीणों के एक समूह ने उनके वाहन को रोका और उन पर पत्थरों, लकड़ियों और कुल्हाड़ियों से हमला किया। घटना के संबंध में 100 से अधिक लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। पर अफसोस की बात है कि इस घटना को तीन साल होने वाले है, लेकिन पीड़ित साधुओं और ड्राइवर को अभी तक न्याय नहीं मिला है.
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