Anjali Singh| THE FACE OF INDIA
सऊदी अरब ने भारत की महिला और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी के लिए अपना ही कानून तोड़ लिया है। इसके तहत सऊदी अरब के दौरे पर पहुंची. स्मृति ईरानी ने मुसलमानों के सबसे पवित्र मदीना का दौरा किया है। आपको बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है जब मुस्लिमों के मदीना शहर में कोई गैर मुस्लिम भारतीय प्रतिनिधिमंडल पहुंचा है। इतना ही नहीं बल्कि स्मृति इरानी ने इस यात्रा के दौरान हिजाब भी नहीं पहना। सऊदी अरब हमेशा से अपने कानून को लेकर काफी सख्त है और ऐसे में किसी गैरमुसलमान को मदीने में एंट्री देना भारत की बड़ी कूटनीति जीत को दर्शाता है। इससे ये भी पता चलता है कि भारत और सऊदी अरब के रिश्ते काफी मजबूत है।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने मदीना दौरे की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर मंगलवार को बताया कि आज इस्लाम के सबसे पवित्र शहरों में से एक मदीना की ऐतिहासिक यात्रा की. जिसमें पैगंबर की मस्जिद, अल मस्जिद अल नबवी, उहुद के पहाड़ और क्यूबा मस्जिद का भी दौरा किया.
उन्होंने आगे कहा, “सऊदी अधिकारियों के सौजन्य से इन स्थलों की यात्रा का महत्व, प्रारंभिक इस्लामी इतिहास से जुड़ा हुआ है जो हमारे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जुड़ाव की गहराई को दिखाता है.
‘ठुमके’ वाले बयान पर बुरे फंसे केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, ममता बनर्जी पर की आपत्तिजनक टिप्पणी
सऊदी अरब का मदीना शहर इस्लाम धर्म मानने वाले लोगों के लिए 2 सबसे पवित्र शहरों में शुमार है। मदीना शहर सऊदी अरब के हेजाज क्षेत्र में है। आपको बता दें कि मदीना वही शहर है जहां पर पैगंबर मोहम्मद ने प्रवास किया था। इसी शहर से इस्लामिक कैलेंडर की शुरुआत हुई थी। स्मृति इरानी अल मस्जिद अल नबवी मस्जिद की बाहरी दीवारों के नजदीक तक गईं थीं। साथ ही वो उहूद पर्वत पर भी गई और कूबा मस्जिद को भी देखा। बताया जाता है कि उहूद पर्वत के पास भयानक लड़ाई हुई थी जिस वजह से कई इस्लामिक शहीदों की यहां पर कब्रें मौजूद हैं। कूबा को ही इस्लाम की पहली मस्जिद माना जाता।
इससे पहले स्मृति इरानी ने सऊदी अरब के साथ हज 2024 को लेकर द्विपक्षीय समझौता किया। इसके तहत अब भारतीय हज यात्रियों का कुल कोटा 1,75,025 तक पहुंच गया है। इसके अलावा स्मृति इरानी ने उमरा के लिए सऊदी अरब गए भारतीय लोगों के साथ मुलाकात की। भारतीय मंत्री ने हजारों की तादाद में आने वाले भारतीय हज यात्रियों के लिए अच्छी सुविधाएं देने की प्रतिबद्धता जताई।
स्मृति इरानी ने खुद अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर मदीना की तस्वीरें साझा की हैं. जिसपर कट्टरपंथियों ने अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर की है. भारतीय केंद्रीय मंत्री के दौरे के आलोचना करने वालों का कहना है कि सऊदी अरब को एक गैर मुस्लिम महिला को मदीना की यात्रा करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए थी. इसके लिए सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद को भी जमकर कोस रहे हैं.