MSP सहित अन्य मांगों को लेकर किसान संगठन 9 दिनो से पंजाब-हरियाणा सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. बुधवार को किसान संगठन ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ (SKM) ने प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प में एक किसान की मौत पर शोक व्यक्त किया, और सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ‘वर्तमान स्थिती और मौजूदा हालातो के लिए केंद्र सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है’. किसान संगठन ने 22 फरवरी को अपनी राष्ट्रीय समन्वय समिति और आम सभा की बैठक (GBM) की स्थिति पर चर्चा करने और ‘संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए निर्णायक कार्रवाई’ करने के लिए बुलाई.
पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर खनौरी में प्रदर्शनकारी किसानों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प के बीच बठिंडा जिले के बालोके गांव के 21-वर्षीय किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई और कुछ अन्य किसान घायल हो गए. किसान संगठन ने एक बयान में कहा, “SKM हरियाणा-पंजाब सीमा पर पुलिस गोलीबारी में बठिंडा जिले के बालोके गांव के किसान शुभकरण सिंह के खिलाफ पुलिस की दमनकारी कार्रवाई और उसकी हत्या का कड़ा विरोध करता है.”
किसान संगठन ने कहा कि, “उपलब्ध रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस की कार्रवाई में लगभग 15 किसान गंभीर रूप से घायल हुए हैं. किसान परिवारों के लिए यह रोजी-रोटी अर्जित करने वालों पर उस वक्त किया गया क्रूर हमला है, जब वे प्रधानमंत्री के लिखित वादों का कार्यान्वयन न किये जाने का विरोध कर रहे थे.” उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री और कार्यपालिका 9 दिसम्बर को SKM के साथ हस्ताक्षरित समझौते को लागू करने में विफल रहे हैं और मौजूदा संकट एवं हालातों के लिए ये पूरी तरह जिम्मेदार हैं.”
किसान संगठन ने कहा कि SKM ने पंजाब बॉर्डर पर मामलों की स्थिति को “गंभीरता” से लेते हुए इस पर चर्चा करने और किसानों के संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए निर्णायक कदम उठाने के लिए 22 फरवरी को राष्ट्रीय समन्वय समिति और आम सभा की बैठक बुलाई है. तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा ने 9 दिसंबर, 2021 को किसानों के पिछले विरोध का नेतृत्व किया था और सरकार से आधिकारिक प्रस्ताव मिलने के बाद आंदोलन समाप्त कर दिया था.
जब दिल्ली में किसान आंदोलन हुआ था तो उसमें भी शुभकरण सिंह किसान यूनियन की तरफ से शामिल हुआ था. भारतीय किसान एकता सिद्धपुर यूनियन से ताल्लुक रखने वाला शुभकरण सिंह बीती 13 फरवरी को दिल्ली की तरफ किसानों के साथ कूच करते हुए खनौरी बॉर्डर पर पहुंचा था.
किसान नेताओं का कहना है कि शुभकरण सिंह ने बुधवार को आंदोलन वाली जगह पर खुद अपने साथियों की मदद से सुबह का नाश्ता बनाया था. किसानों ने बताया कि शुभकरण सिंह ने अपने किसान साथियों से कहा साथ में खाना खा लो आगे न जाने कब हमे साथ बैठने का या खाना खाने का मौका मिले.