Sonam Wangchuk News: लद्दाख को राज्य का दर्जा दिलाने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल के लिए भूख हड़ताल पर बैठे जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने कुल 21 दिनो के बाद मंगलवार शाम को जाकर हड़ताल खत्म की. वांगचुक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से केंद्रशासित प्रदेश के लोगों से किए गए उनके वादे को पूरा करने की फिर से अपील की. आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर उन्होंने लोगों से बहुत सावधानी से देश के हित में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने का भी आह्वान किया.
भूख हड़ताल का पहला चरण हुआ खत्म – वांगचुक
वांगचुक ने एक बच्ची के हाथ से जूस पीकर अपनी भूख हड़ताल की समाप्ति की. सोनम वांगचुक ने कहा, भूख हड़ताल का पहला चरण आज समाप्त हो रहा है, लेकिन यह हमारे आंदोलन का अंत नहीं है. शिक्षा के क्षेत्र के मशहूर सुधारक सोनम वांगचुक ने कहा यह भूख हड़ताल की समाप्ति अभी वर्तमान आंदोलन के नए चरण की शुरुआत है. वांगचुक ने कहा हम अपना संघर्ष जारी रखेंगे. आंदोलनस्थल पर 10000 लोगों का एक साथ एकत्र होना और पिछले 20 दिनों में 60000 से अधिक लोगों की भागीदारी ही लोगों की आकांक्षाओं का प्रमाण है.
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‘जलवायु उपवास’ पर बैठे थे वांगचुक
6 मार्च से वांगचुक शून्य से भी नीचे तापमान में ‘जलवायु उपवास’ पर बैठे थे. उससे एक दिन पहले ही लेह के एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (केडीए) के केंद्र सरकार के साथ संयुक्त प्रतिनिधियों की बातचीत में गतिरोध उत्पन्न हो गया था. साथ मिलकर दोनों ही संगठन लद्दाख को राज्य का दर्जा दिलाने और छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल कराने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. कारगिल में चल रही केडीए की तीन दिवसीय भूख हड़ताल भी कल शाम समाप्त हो गयी. लेह के एपेक्स बॉडी और केडीए बुधवार आज को भावी कदम की घोषणा करेंगे.
अभिनेता प्रकाश राज ने की वांगचुक से मुलाकात
वांगचुक के भुख हड़ताल के बीच अभिनेता प्रकाश राज ने उनसे मुलाकात की और उनके द्वारा किए जा रहे आंदोलन को अपना समर्थन दिया. प्रकाश राज ने कहा जब सरकार अपने वादों को नहीं पूरा करती है, तो लोगों के पास संवैधानिक अधिकार के अनुसार एक साथ होकर अपनी आवाज बुलंद करने के आलावा कोई विकल्प नहीं होता है. वांगचुक ने X पर एक वीडियो संदेश डालकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को BJP द्वारा उनके चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादे की याद दिलाते हुए कहा कि मोदी तो रामभक्त हैं, इसलिए उन्हें उनकी शिक्षा ‘प्राण जाए पर वचन न जाय’ का पालन करना चाहिए.