UP Election 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सियासी हलचल तेज हो रही है. विपक्ष के इंडिया गठबंधन को एक के बाद एक बड़े झटके मिल रहे हैं. पहले नीतीश कुमार INDIA गठबंधन से अलग हो गए. वहीं अब उत्तर प्रदेश के नेता और RLD चीफ जयंत चौधरी की बीजेपी के साथ जाने की अटकलें तेज हो गई हैं. इस पर RLD की तरफ से पहली प्रतिक्रिया सामने आई है.
आरएलडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन आगरी ने कहा, ‘चुनावी वर्ष है, बहुत सारी पार्टियां हमारे साथ भी गठबंधन के लिए आ रही हैं. BJP ने पिछली बार भी गठबंधन की पेशकश की थी, इस बार भी पेशकश कर रही है. वे 4 सीटों की बात कर रहे हैं लेकिन हम 12 लोकसभा सीटों पर तैयारी की है.’
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RLD की पश्चिमी यूपी में अच्छी पकड़ है. जाट समुदाय के मतदाता परम्परागत रूप से आरएलडी का मुख्य वोट बैंक रहे हैं. जाट बहुल लोकसभा क्षेत्रों में मुजफ्फरनगर, मथुरा, बागपत, अमरोहा, कैराना, बिजनौर और मेरठ शामिल हैं, जिन पर रालोद के चुनाव लड़ने की संभावना है.
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी आरएलडी, सपा और बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन में शामिल थी. उस समय आरएलडी को गठबंधन के तहत मथुरा, बागपत और मुजफ्फरनगर की सीटें मिली थीं, लेकिन तीनों पर ही उसे हार का सामना करना पड़ा था.
चुनाव का समय नजदीक आ गया है ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि आरएलडी की सपा के साथ सीटों के बंटवारे पर बात नहीं बनी इसलिए आरएलडी अब एनडीए में शामिल हो सकती है. समाजवादी पार्टी और आरएलडी ने इसी साल 19 जनवरी को लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन की घोषणा की थी.
आरएलडी चीफ जयंत चौधरी को ही सिर्फ बीजेपी की जरुरत नही है बल्कि बीजेपी की मजबूरी भी जयंत हैं. इसको समझने के लिए हमें विधानसभा 2022 के चुनाव के नतीजों पर गौर करना पड़ेगा. इस चुनाव में जयंत चौधरी और अखिलेश साथ मिलकर लड़े और आरएलडी 9 सीटों पर जीतने में कामयाब हुई. जयंत चौधरी और अखिलेश की जोड़ी कई लोकसभा सीटों पर BJP का गणित बिगाड़ रही है, इसलिए बीजेपी रिस्क लेने के मूड में नहीं है.