Updated: 16/01/2024 at 2:37 PM
Anjali Singh| THE FACE OF INDIA
US Election: अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हो रहे हैं. भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी ने खुद को राष्ट्रपति पद की रेस से बाहर कर लिया है. इसके साथ ही रामास्वामी ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपना समर्थन दे दिया है. आयोवा रिपब्लिकन कॉकस में खराब प्रदर्शन के बाद विवेक रामास्वामी ने राष्ट्रपति की दौड़ से अपना नाम वापस कर लिया. यही कारण है कि अब वो अपनी ही पार्टी के दूसरे दावेदार ट्रंप का समर्थन देने की बात कर रहे हैं।
विवेक रामास्वामी ने पिछले साल (2023) फरवरी में रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से US के राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल होने का ऐलान किया था. तब वहां पर राजनीतिक हलके में उन्हें काफी कम लोग जानते थे. हालांकि आव्रजन और अमेरिका-फर्स्ट जैसे मुद्दों को उठाकर रामास्वामी ने रिपब्लिकन वोटरों के बीच खासी तेज़ी से अपनी जगह बनाने में कामयाब हुए।
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रामास्वामी का यह चुनाव अभियान US के पूर्व राष्ट्रपती डोनाल्ड ट्रंप की तरह ही दिखता था. ऐसा माना जा रहा था कि रामास्वामी उन रूढ़िवादी वोटर्स को अपनी तरफ लाने की कोशिश कर रहे थे, जिन वोटरों ने ट्रंप को पिछले चुनावों में सफलता दिलाई थी.
US Election: अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हो रहे हैं. भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी ने खुद को राष्ट्रपति पद की रेस से बाहर कर लिया है. इसके साथ ही रामास्वामी ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपना समर्थन दे दिया है. आयोवा रिपब्लिकन कॉकस में खराब प्रदर्शन के बाद विवेक रामास्वामी ने राष्ट्रपति की दौड़ से अपना नाम वापस कर लिया. यही कारण है कि अब वो अपनी ही पार्टी के दूसरे दावेदार ट्रंप का समर्थन देने की बात कर रहे हैं।
डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद पीछे हटे रामस्वामी
US के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार तय करने के लिए आयोवा के रिपब्लिकन कॉकस में हुई थी वोटिंग, डोनाल्ड ट्रंप को मिली जीत और अपने बेहद खराब प्रदर्शन के बाद रामास्वामी ने ऐलान किया कि वह अब चुनाव नही लड़ेंगे।विवेक रामास्वामी ने पिछले साल (2023) फरवरी में रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से US के राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल होने का ऐलान किया था. तब वहां पर राजनीतिक हलके में उन्हें काफी कम लोग जानते थे. हालांकि आव्रजन और अमेरिका-फर्स्ट जैसे मुद्दों को उठाकर रामास्वामी ने रिपब्लिकन वोटरों के बीच खासी तेज़ी से अपनी जगह बनाने में कामयाब हुए।
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रामास्वामी का यह चुनाव अभियान US के पूर्व राष्ट्रपती डोनाल्ड ट्रंप की तरह ही दिखता था. ऐसा माना जा रहा था कि रामास्वामी उन रूढ़िवादी वोटर्स को अपनी तरफ लाने की कोशिश कर रहे थे, जिन वोटरों ने ट्रंप को पिछले चुनावों में सफलता दिलाई थी.
आखिर ‘काकस’ है क्या?
कॉकस एक तरह की लोकल बैठक की तरह है. इसे स्थानीय स्तर पर आयोजित करते हैं। ऐसे आयोजन को जिम, टाउन हॉल, स्कूल जैसी जगहों पर होता है. इस बैठक में पार्टी के मेंबर्स एक साथ आते हैं और पार्टी के राष्ट्रीय उम्मीदवारों का चुनाव करते है। वैसे यह प्रकिया इतना आसान भी नहीं है, इसे समझना थोड़ा कठिन है. कॉकस में जुटे पार्टी के लोग सीधे तौर पर राष्ट्रपति के उम्मीदवार का चुनाव नहीं करते हैं, बल्कि वे डिलेगेट्स चुनते हैं . कई अमेरिकी राज्यों में तो काकास के बदले प्राइमरी चुनाव कराए जाते हैं,और उसके आधार पर उम्मीदवारों को चुना जाता है.First Published on: 16/01/2024 at 2:37 PM
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