New Parliament Building Inauguration: नई संसद के उद्घाटन पर अशोक गहलोत का सुझाव, पीएम मोदी और लोकसभा स्पीकर को करना चाहिए ये काम

New Parliament Inauguration: नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक-दूसरे से बात करने और संसद भवन के उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित करने पर निर्णय लेने का सुझाव दिया. गहलोत ने कहा कि अभी भी बहुत देर नहीं हुई है. केंद्र से की गई 'गलतियों' को सुधारने के लिए लगभग 100 साल बाद नई संसद जैसी इमारत का उद्घाटन हो रहा है. उद्घाटन की 'अचानक' घोषणा गरिमा के साथ नहीं की गई थी. राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्घाटन से कम से कम महीने पहले घोषणा की जानी चाहिए थी. जिसमें सभी राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और गणमान्य व्यक्तियों को इस कार्यक्रम में शामिल होना चाहिए. राष्ट्रपति को करना चाहिए उद्घाटनप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. इस बात की घोषणा के बाद से ही विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री की नई इमारत का उद्घाटन करने की व्यावहारिकता पर सवाल उठाया है. विपक्ष की मांग है कि नई संसद का उद्घाटन प्रधानमंत्री को न करके राष्ट्रपति को करना चाहिए, क्योंकि वह संसद का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. नए संसद भवन का पीएम मोदी से उद्घाटन को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत 19 विपक्षी दलों ने बहिष्कार करने का ऐलान किया है. इंदिरा गांधी ने संसद एनेक्सी का किया था उद्घाटननए संसद भवन को चल रही बयानबाजी के बीच बीजेपी नेता हरदीप सिंह पुरी ने 23 मई को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगस्त 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संसद एनेक्सी का उद्घाटन किया था और 1987 में तत्कालीन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संसद एनेक्सी का उद्घाटन किया था. ऐसे में जब कांग्रेस सरकार के मुखिया संसद का उद्घाटन कर सकते हैं तो हमारी सरकार के प्रमुख क्यों नहीं कर सकते हैं. पुरी के इस आरोप का जवाब देते हुए शशि थरूर ने कहा था कि वे सहायक भवन थे, जबकि प्रधान मंत्री मोदी पूरी नई संसद का उद्घाटन करेंगे. ये भी पढ़ें- Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बढ़ीं बीजेपी और सपा की मुश्किलें! सीटों में बड़ी हिस्सेदारी मांग रहे सहयोगी

मई 25, 2023 - 15:05
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New Parliament Building Inauguration: नई संसद के उद्घाटन पर अशोक गहलोत का सुझाव, पीएम मोदी और लोकसभा स्पीकर को करना चाहिए ये काम

New Parliament Inauguration: नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक-दूसरे से बात करने और संसद भवन के उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित करने पर निर्णय लेने का सुझाव दिया.

गहलोत ने कहा कि अभी भी बहुत देर नहीं हुई है. केंद्र से की गई 'गलतियों' को सुधारने के लिए लगभग 100 साल बाद नई संसद जैसी इमारत का उद्घाटन हो रहा है. उद्घाटन की 'अचानक' घोषणा गरिमा के साथ नहीं की गई थी. राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्घाटन से कम से कम महीने पहले घोषणा की जानी चाहिए थी. जिसमें सभी राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और गणमान्य व्यक्तियों को इस कार्यक्रम में शामिल होना चाहिए.

राष्ट्रपति को करना चाहिए उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. इस बात की घोषणा के बाद से ही विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री की नई इमारत का उद्घाटन करने की व्यावहारिकता पर सवाल उठाया है. विपक्ष की मांग है कि नई संसद का उद्घाटन प्रधानमंत्री को न करके राष्ट्रपति को करना चाहिए, क्योंकि वह संसद का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. नए संसद भवन का पीएम मोदी से उद्घाटन को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत 19 विपक्षी दलों ने बहिष्कार करने का ऐलान किया है.

इंदिरा गांधी ने संसद एनेक्सी का किया था उद्घाटन
नए संसद भवन को चल रही बयानबाजी के बीच बीजेपी नेता हरदीप सिंह पुरी ने 23 मई को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगस्त 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संसद एनेक्सी का उद्घाटन किया था और 1987 में तत्कालीन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संसद एनेक्सी का उद्घाटन किया था. ऐसे में जब कांग्रेस सरकार के मुखिया संसद का उद्घाटन कर सकते हैं तो हमारी सरकार के प्रमुख क्यों नहीं कर सकते हैं. पुरी के इस आरोप का जवाब देते हुए शशि थरूर ने कहा था कि वे सहायक भवन थे, जबकि प्रधान मंत्री मोदी पूरी नई संसद का उद्घाटन करेंगे.

ये भी पढ़ें- Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बढ़ीं बीजेपी और सपा की मुश्किलें! सीटों में बड़ी हिस्सेदारी मांग रहे सहयोगी

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