Phulera Dooj : फुलेरा दूज का मुहूर्त,महत्त्व और पूजा विधि

फुलेरा दूज शुभ मूहूर्त:-
भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की पूजन फुलेरा दूज पर गोधूलि बेला में किया जाता है. मंगलवार शाम 6:41से 7:06 तक गोधूलि बेला रहेगी. 21 फरवरी मंगलवार सुबह 7:33 से फुलेरा दूज आरंभ होगी इसका पराए बुधवार सुबह 4: 16:00 तक होगा उदया तिथि के मुताबिक फुलेरा दूज आज यानी मंगलवार को 21 फरवरी को मनाया जा रहा है.फुलेरा दूज का महत्व:-
श्री कृष्ण और राधा रानी की पूजा का विधान फुलेरा दूज के दिन है फुलेरा दूज का त्यौहार ब्रज में विशेष रूप से मनाया जाता है इस दिन श्री कृष्ण और राधा रानी के साथ फूलों की होली खेलते थे और माखन मिश्री का भोग श्री कृष्ण जी को लगाया जाता है फुलेरा दूज किसी शुभ मुहूर्त जैसे सगाई या विवाह के लिए सर्वोत्तम माना जाता है.फुलेरा दूज पूजा विधि:-
फुलेरा दूज पर गोधूलि मुहूर्त में पूजा का विधान है माना जाता है इस दिन शाम के समय राधा कृष्ण की पूजा का उत्तम समय होता है। फुलेरा दूज के दिन शाम को स्नान के बाद रंगीन या साफ कपड़े पहनने चाहिए संभव हो तो गुलाबी रंग के वस्त्र पहने यह रंग प्रेम का प्रतीक माना जाता है. इस दिन श्री कृष्ण और राधा रानी की फूलों से सिंगार किया जाता है. कृष्णा और उनकी प्रियसी राधा को उनके पसंदीदा फूल कुमुद सड़क मालती करवरी पलाश और वनमाला के फूल चढ़ाएं राधा-कृष्ण को सुगंधित गुलाल तथा अबीर अर्पित करें कोई भी सफेद मिठाई पंचामृत मिस्त्री का नैवेद्य लगाएं. इसके बाद भी का दीपक लगाकर मधुराष्टक या राधा कृपा कटाक्ष का पाठ करें राधे कृष्ण के मंत्रों का जाप भी कीर्तन के समय आप कर सकते हैं राधा रानी को सिंगार की वस्तु है जैसे कुमकुम मंगलसूत्र मेहंदी बिंदी इत्यादि चढ़ाएं अब इन सामानों को किसी को दान कर दे.आपकी प्रतिक्रिया क्या है?






