Lenskart CEO Piyush Bansal in Hindi | अंकिता पाठक – THE FACE OF INDIA
• ऑनलाइन चश्मा बेचने वाले पीयूष बंसल ने माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की नौकरी छोड़ के खुद के स्टार्टअप की शुरुआत | (Piyush Bansal Biography In Hindi ,Piyush Bansal Lenskart)
पीयूष बंसल कहतें है जीवन में कोई भी काम बड़ा नहीं होता है। हम जीवन में कठिन से कठिन कार्य को कर सकते है। लेकिन यह तब मुमकिन है जब हम उस काम के प्रति तन और मन दोनों लगाएं। कई बार जीवन में ऐसा होता है की व्यक्ति अपने मन के मुताबित फील्ड में काम नहीं कर पाता। जो कि इंसान को हमेशा पीछे धकेल देती है। पर आज हम ऐसे व्यक्ति की बात कर रहे है जिसने माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनी की नौकरी छोड़ कर उन्होनें आज अपना खुद का एक स्टार्टअप शुरू किया है। जिसमें वो सफल भी हुए वो शख्स है दिल्ली के रहने वाले (Lenskart CEO Piyush Bansal) पीयूष बंसल.
• पीयूष बंसल का शुरुआती संघर्ष (Piyush Bansal Business Information)
हम आज जिसकी बात कर रहे है वह दिल्ली के रहने वाले पीयूष बंसल की है। पीयूष बंसल ने अपने एक ऐसे बिज़नेस की शुरुआत की थी जिसे पहले कभी उन्होनें आजमाया नहीं था। लेकिन पीयूष बंसल ने अपने इस बिज़नेस स्टार्टअप को शुरू करने से पहले इसके सभी पहलुओं की अच्छे से जांच की और फिर उन्होनें शुरू कर दिया अपना ऑनलाइन चश्मा बेचने का बिज़नेस
साल 2010 में पियूष बंसल ने अपने स्टार्टअप की शुरुआत की थी। और उन्होनें अपने उस बिज़नेस का नाम लेंसकार्ट – Lenskart दिया। पीयूष बंसल को शुरुआत में काफ़ी संघर्ष करना पड़ा लेकिन पीयूष बंसल ने कभी भी मुश्किलों के सामने हार नहीं मानी और आज उनकी इस मेहनत का ही नतीजा है की आज पीयूष बंसल की कंपनी लेंसकार्ट की नेट वर्थ 1000 करोड़ डॉलर से भी ऊपर है।
• पीयूष बंसल (piyush bansal) के पिता नहीं चाहते थे की बैठा करे ये काम
पीयूष बंसल का जन्म दिल्ली के एक शिक्षित परिवार में हुआ था। उनके पिता चार्टर्ड एकाउंटेंट थे। पीयूष बंसल के पिता की हमेशा से एक चाहत थी की उनका बेटा भी उनकी तरह पढ़ लिख कर एक बड़ा इंसान बने और अपनी शुरुआती शिक्षा होने के बाद उन्होंने पीयूष को आगे की पढ़ाई के लिए कनाडा भेज दिया था। तब वहां से पीयूष बंसल ने अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की इसके बाद पीयूष बंसल ने अपनी पहली नौकरी माइक्रोसॉफ्ट में की और दुनिया की बड़ी कंपनी होने के कारण पीयूष को वहां लाखो का पैकेज मिल रहा था । लेकिन वह इस काम से खुश नहीं थे और वो अपने जिंदगी में एक खुद का स्टार्टअप शुरू करना चाहते थे। और इसी सोच के कारण पीयूष बंसल साल 2007 में भारत आ गए। लेकिन जब वह भारत आये तब उन्हें देख कर उनके पिता उनसे काफी नाराज हुए थे
लेकिन जब पीयूष ने अपने पिता को अपने सारे विचार बताये तब उनके पिता उनकी इस बात से सहमत हो गए और तब पीयूष बंसल अपने स्टार्टअप की शुरुआत करने में लग गए और पीयूष बंसल की मेहनत और बिज़नेस के प्रति लगाव ही था जिसके कारण उनके पिता भी इस काम के लिए मान गए।
भारत में एक ई-कॉमर्स कॉन्सेप्ट था। और पीयूष को भी इस क्षेत्र में कुछ कुछ करना था। पीयूष बंसल ने अपने एक वेबसाइट का निर्माण किया जिसमें सर्च मार्य कैंपस डॉट कॉम – Search My Campus.com अपनी पहली वेबसाइट उन्होंने छात्रों के लिए बनाई इसमें वो हॉस्टल से लेकर खिताबों ,और पार्ट टाइम जॉब के बारे में भी देख सकते थे
• 1500 से ज्यादा आउटलेट (Lenskart Outlet Details)
पीयूष बंसल इस काम में सफल तो हुए लेकिन उनके उम्मीद के मुताबिक नहीं इसके कारण उन्होंने एक साथ चार वेबसाइट बनाई और उन पर काम शुरू किया ये वेबसाइट आईवियर, ज्वेलरी, घड़ी और बैग्स से संबंधित थी। लेकिन पीयूष ने इन चार वेबसाइट में से सबसे ज्यादा अहमियत आईवियर को दी और उसमें उनको अपार सफलता भी मिली
है। आज पुरे भारत देश में लेंसकार्ट के 1500 से भी ज्यादा आउटलेट है, और फ्रेंचाइजी मॉडल के बिज़नेस को अपनाते हुए पीयूष ने लेंसकार्ट का देश के हर क्षेत्र में विस्तार किया है। उनकी कंपनी आज आई चेकअप की भी सुविधा देती है।
• पीयूष ने अपनी सफलता के कौन- से तीन कारण बताये?
पहला – मैने हमेशा जमीन पर रहते हुए अपने आईडिया तैयार किये मतलब आप जो भी बिज़नेस करो उसकी सिर्फ़ हवा में बातें मत करो बल्कि उसे पूरा करने का सपना देखो।
दूसरा – कोई भी काम करने से पहले अपने पीछे सपोर्ट सिस्टम जरूर तैयार कर लेना।
तीसरा – अपने सभी बातों का जबाब खुल कर दे कभी भी काम को छोटा ना समझे।
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