आखिर क्यों और कैसे आने लगा महिलाओं को मासिक धर्म |

आखिर क्यों और कैसे आने लगा महिलाओं को मासिक धर्म |

हमारे धर्म ग्रंथो में ऐसी कई कथाओं का वर्णन मिलता है ,जिनकी कल्पना भी हम और आप नही कर सकते है | ये तो हम सभी जानते है की महिलाओं को हर महीनें मासिक धर्म होता है यहाँ विज्ञान इसे एक सामान्य प्रतिक्रिया मानता है वहीं हमारें धर्मग्रंथो में इसे महिलाओं की कमजोरी बताया गया है मन में अक्सर यह सवाल उठता है कि आखिर महिलाओं को ही क्यों हर महीने इस शारीरिक पीड़ा को सहना पड़ता है | इस का कारण क्या है आइये जानते है की हिंदू धर्मग्रंथो में इस का क्या कारण बताया गया है |

पौराणिक कथाओं के अनुसार इस का कारण देवराज इन्द्र द्वारा महिलाओं को दिए गए श्राप को बनाया गया है । भागवत पुराण के अनुसार एके बार गुरु बृहस्पति इंद्र देव से नाराज हो गये, जिसका फायदा उठा कर असूरों ने देव लोग पर आक्रमण कर दिया । इसी वजह से इंद्र देव को अपनी गद्दी छोड़ कर भागना पडा । असुरों से खुद को बचाते हुये इंद्र देवजी सृष्टि के रचनाकार ब्रम्हा जी के पास पहुँचे और ब्रम्हा जी से मदद मांगने लगे | तब ब्रम्हा जी ने उन्हें सुझाव दिया कि हे देवेंद्र इस लिए तुन्हें एक ब्रम्ह ग्यानी की सेवा करनी होगी ।

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यदि वे प्रसन्न हो गए तो तुम्हे स्वर्ग लोग वापस मिल जाएगा । ब्रम्हा जी के कहे अनुसार इंद्रदेव एक ब्रम्ह ज्ञानी की सेवा करने लगे ।लेकिन इंद्र देव इस बात से अनजान थे कि जिनकी वो सेवा कर रहे थे उस ज्ञानी की माता असुर है । जिसकी वजह से उस ज्ञानी को असुरों से अधिक लगाव था ।असुरों के लगाव के कारण वह ज्ञानी इंद्र देव की सारी हवन सामाग्री देवताओं की जगह असुरों को अर्पित कर देते थें । जब इस बात का पता इंद्र देव को लगा तब उन्होंने क्रोध में आकर उस ज्ञानी की हत्या कर दी ।

भगवान विष्नु ने ब्रम्ह हत्या जैसे पाप से बचने का सुझाव देते हुयें इंद्र से कहा हे देव राज इस के लियें आपको पेड़, जल, भूमि, और स्त्री में आपको अपना थोड़ा थोड़ा भाग बाटना होगा साथ में सभी को एक एक वरदान भी देना होगा । भगवान विष्नु के कहें अनुसार इंद्र देव ने पेड़ से पाप का एक हिस्सा लेने का अनुरोध किया तब पेड़ ने पाप का एक चौथाई हिस्सा ले लिया ।जिसके बदले में इंद्र ने पेड़ को वरदान दिया । की मरने के बाद भी पेड़ अपने आप को स्वयं जिवित कर सकता है ।उसके बाद इंद्र के अनुरोध पर जल ने पाप का कुछ हिस्सा ले लिया बदले में इंद्र देव ने उन्हें अन्य वस्तुओं को पवित्र करने की शक्ति प्रदान की इसी वजह से हिन्दू धर्म मे जल को पवित्र मानते हुयें पूजा पाठ में इस्तेमाल किया जाता है ।

इसी तरह भूमि ने भी इंद्र देव के पाप का कुछ अंश स्वीकार कर लिया ।जिसके बदले में इंद्र देव ने भूमि को वरदान दिया कि उस पर आई चोटे अपने आप भर जाएँगी । और अंत मे इंद्र देव की विनती करने पर स्त्री ने बाकी बचा पाप का सारा अंश अपने ऊपर ले लिया । जिसके बाद महिलाओं को हर महीने मासिक गर्भ की पीड़ा सहनी पड़ती है । लेकिन इसके बदले में इंद्र देव ने महिलाओं को वरदान दिया की पुरुषों की तुलना में महिलाएं काम का आनंद ज्यादा ले पायेंगी और तभी से महिलाओं में मासिक धर्म की शुरुवात हुई  |

TFOI Web Team