Ayodhya Ram Statue: Shaligram Stone नेपाल सरकार ने क्यों भेजा अयोध्या में दहेज

Updated: 02/02/2023 at 1:00 PM
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Ayodhya Ram Statue: इस बात से तो पूरी दुनिया वाकिफ है, कि उत्तरप्रदेश के अयोध्या के राम मंदिर की डंका पूरे विश्व भर में बज रही है. तो वहीं अयोध्या में रामलला की मूर्ति नेपाल के शालिग्राम शिला से बनेगी. धर्म ग्रंथ में शालिग्राम पत्थर को साक्षात भगवान श्री हरि का स्वरूप माना गया है,और मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम भगवान विष्णु का सातवां स्वरूप माने गए हैं. राम भगवान की मूर्ति को शालिग्राम पत्थर से बनाया जाएगा वह नेपाल की गंडकी नदी में पाया जाता है. अयोध्या वासियों ने और भारत के प्रधानमंत्री,और कई दिग्गज मंत्री,नेताओं और अभिनेत्रियों ने शालिग्राम शिला का बड़ी धूमधाम से भारत में अभिनंदन किया है.

क्यों शालीग्राम शिला से ही बनेगी रामलला की प्रतिमा(Ayodhya Ram Statue):-

धार्मिक मान्यता के अनुसार देखा जाए तो शालिग्राम पत्थर को बेहद ही चमत्कारी पत्थर माना गया है. असल में इसे पत्थर के रूप में देखा ही नहीं जाता है, इसे अयोध्यावासी ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्व में भगवान् श्री हरी विष्णु का स्वरूप और उनके रूप में देखा जाता है. कहा गया है कि जहां शालिग्राम की पूजा होती है वहां माल लक्ष्मी का वास होता है, क्योंकि ऐसा करने से मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होती है. तो वहीं गंडकी नदी के शालिग्राम शिला को लेकर पौराणिक कथा है, कि एक बार भगवान विष्णु ने वृंदा यानी (मां तुलसी) के पति शंखचूड़ को छल से मार दिया था. जब वृंदा को इस बात का पता चला तो उन्होंने भगवान विष्णु को पत्थर का रूप लेकर धरती पर निवास करने का श्राप दे दिया, क्योंकि वृंदा श्रीहरि विष्णू की परम भक्त थी, तभी मां तुलसी की तपस्या से प्रसन्न होकर श्री हरि विष्णु जी ने कहा कि तुम गंडकी नदी के रूप में जानी जाओगी, और मैं शालिग्राम बनकर इस नदी के पास वास करूंगा. बताया जाता है की गंडकी नदी में जो शालिग्राम शिला मौजूद है, उन पर शंख,चक्र, गदा, और भगवान श्री हरि विष्णु से जुड़े तमाम चिन्ह पाए जाते हैं.

जानिए कितना (Ayodhya Ram Statue) महत्वपूर्ण है शालिग्राम शिला:-

हिंदू धर्म ही नहीं, परंतु हिंदू ग्रंथों, वेदों, और पुराणों में शालिग्राम शीला का खास महत्व बताया गया है. हिंदुओं में ब्रह्मा, विष्णु, और महेश की पूजा अलग-अलग प्रकार से की जाती है. जैसे ब्रह्मा जी की पूजा शंख के रूप में है, और भगवान शिव की उपासना शिवलिंग के रूप में की जाती है ,ठीक उसी तरह भगवान विष्णु की उपासना भगवान शालिग्राम के रूप में की जाती है. कहा गया हैं कि के शालिग्राम कुल 33 प्रकार के होते हैं. इन सभी को भगवान श्री हरि विष्णु के 24 अवतारों से जोड़ा गया है . पुराणों में बताया गया है कि उनके गोपाल रूप में गोलाकार शालिग्राम की पूजा होती है. मछली के आकार में शालिग्राम को मत्स्य अवतार का रूप माना जाता है. कछुए के आकार को कूर्म अवतार का प्रतीक, और जिन शालिग्राम पत्थरों में रेखाएं होती है उन्हें श्री कृष्ण का रूप कहते हैं.

शालिग्राम शिला से जुड़ी है मां लक्ष्मी की प्रसन्नता:-

पुराणों के अनुसार बताया जाता है कि शालिग्राम स्वयंभू होते हैं. यानी स्वयंभू होने के कारण इनकी प्राण प्रतिष्ठा (Ayodhya Ram Statue) की आवश्यकता नहीं होती है. तो भक्तजन इन्हें घर अथवा मंदिर में सीधे ही पूज सकते हैं. शालिग्राम शिला को चमत्कारी माना गया है. कहते हैं कि, जिस घर या मंदिर में शालिग्राम विराजते हैं, वहां के भक्तों पर मां लक्ष्मी अपनी कृपा बनाए रखती हैं. साथ ही (Ayodhya Ram Statue)वह संपूर्ण दान,पुण्य तथा पृथ्वी की प्रदक्षिणा के उत्तम फल के अधिकारी बन सकते हैं.

संपूर्ण विश्व में राम मंदिर की जय जयकार हो रही है:-

जानकी मंदिर से जुड़े महंत राम रोशन दास जी ने कहा कि “शालिग्राम शिला को विष्णु भगवान का अवतार माना जाता है, शालिग्राम शिला में प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जाती है”. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूरा विश्व राम मंदिर का हार्दिक अभिनंदन कर रहा है. राम मंदिर बन भी रहा है. उन्होंने यह भी कहा ही की,” यहा हम लोगों से कहा गया था कि अगर मिथिला, नेपाल में इस आकार और इस गुणवत्ता का पत्थर उपलब्ध होगा, तो हम राम मंदिर की बाल स्वरूप प्रतिमा उसी से बनाएंगे”. तमाम भारत वासी ना केवल भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार का अभिनंदन कर रहे हैं, परंतु साथ ही व नेपाल सरकार का भी अभिनंदन कर रहे हैं, कि जिस तरह उन्होंने राम मंदिर में अपना इतना बड़ा सहयोग दिखाया है और योगदान दिया है.
Ayodhya Ram Statue
Ayodhya Ram Statue

क्या CM योगी पहुच सकतें हैं शालिग्राम शीला का पूजन करने:-

आपको यह जानकारी दे कि शालिग्राम खिलाओ का रामसेवकपूरम में ही अयोध्या के संत पूजन कर उन्हें राम मंदिर के लिए भेंट करेंगे. इसके लिए अयोध्या के करीब सौ महंतो को आमंत्रित किया गया है.साथ आपको बता दें कि आज यानी 2 फरवरी 2023 दिन, बुधवार को भोर में 3:00 बजे शालिग्राम शिला अयोध्या पहुंच गई है. ऐसे में सूत्रों के मुताबिक यह खबर मिल रही है, कि सीएम योगी आदित्यनाथ भी शालिग्राम शिला की पूजन करने आ सकते हैं. यह देखना बहुत दिलचस्प होगा कि CM योगी आदित्यनाथ संग भारत के और कितने नेता शालिग्राम शिला का आशीर्वाद लेने पहुंचंगे.न्यायविद हनुमान मंदिर पर सुंदरकांड पाठ का आयोजनHanuman Ji Marriage story: विवाह के बाद भी क्यों ब्रह्मचारी बने रहे हनुमान |
First Published on: 02/02/2023 at 1:00 PM
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