प्रत्येक माह में दो एकादशी होती है। एक कृष्ण पक्ष और एक शुक्ल पक्ष में। वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 26 अप्रैल को है। वैशाख माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। सनातन धर्म में सभी व्रतों में एकादशी व्रत( Ekadashi Vrat) को श्रेष्ठ बताया गया है। इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। वरुथिनी एकादशी को कल्याणकारी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि प्रत्येक माह की एकादशी का व्रत नियमपूर्वक करने से सभी पापों का नाश होता है। साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन में सुखों का आगमन होता है, लेकिन शास्त्रों में एकादशी व्रत (Ekadashi Vrat) से संबंधित कुछ नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन करना बहुत आवश्यक होता है। इसके अलावा कुछ ऐसे कार्य हैं जो इस दिन नहीं करने चाहिए। तो आइए जानते हैं कि इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं.
एकादशी एक दिन के रूप में माना जाता है हिन्दू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। यह दिन हिन्दू महीने में होने वाले दो चन्द्र चरणों के ग्यारहवां दिन को कहा जाता है। चन्द्र चरणो दो होते है शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। यह दिन हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार एक वर्ष में 24 बार आता है। कभी-कभी, दो अतिरिक्त एकादशी होती हैं जो एक लीप वर्ष में होती हैं। प्रत्येक एकादशी के दिन विशिष्ट लाभों और आशीर्वादों को प्राप्त किया जाता है जो विशिष्ट गतिविधियों के प्रदर्शन से प्राप्त होते हैं। भागवत् पुराण में भी एकादशी के बारे में बताया गया है।
हिन्दू धर्म और जैन धर्म में एकादशी को आध्यात्मिक दिन माना जाता है। इस दिन महिलायें और पुरुष एकादशी का उपवास करते है। निर्जला एकादशी के दिन ना ही कुछ खाया जाता है और ना ही पानी पीया जाता है। इस दिन ज्यादातर चावल नहीं खाया जाता है। इस दिन सब्जी और दूध उत्पाद का ही सेवन किया जाता है।
एकादशी के दिन भगवान श्री हरि विष्णु जी की पूजा का प्रावधान है। एकादशी तिथि पर विष्णु जी के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करें और पूरे दिन ईश्वर का ध्यान करते हुए व्रत करें। एकादशी व्रत (Ekadashi Vrat) का पारण द्वादशी तिथि यानी एकादशी के अगले दिन किया जाता है।
एक बात का ध्यान रखें कि एकादशी का पारण द्वादशी समाप्त होने से पहले करना चाहिए। हरिवासर में कभी भी एकादशी व्रत का पारण नहीं करना चाहिए। एकादशी के दिन दान-पुण्य करने का भी बहुत महत्व माना गया है, इसलिए एकादशी तिथि को दान कर्म अवश्य करें।
इसके अलावा एकादशी तिथि (Ekadashi Vrat) को भगवान विष्णु के तुलसी का भोग अवश्य अर्पित करें। तुलसी नारायण को अत्यंत प्रिय हैं। वहीं यदि आपने एकादशी व्रत (Ekadashi Vrat) नहीं भी किया है तब भी इस दिन केवल सात्विक चीजों का ही सेवन करें।
एकादशी तिथि को मांस मदिरा और अन्य किसी भी प्रकार की नशीली एवं तामसिक चीजों का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। साथ ही एकादशी के दिन चावल का सेवन वर्जित माना गया है, इसलिए इस दिन यदि व्रत नहीं भी रखा तो भी चावल का सेवन न करें।
एकादशी तिथि को क्रोध न करें और किसी के लिए भी अपशब्दों का प्रयोग न करें। इसके अलावा एकादशी तिथि पर पूरी तरह से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
एकादशी तिथियों की सूची
जनवरी में एकादशी तिथि
पौष पुत्रदा एकादशी
गुरुवार, 13 जनवरी 2022
प्रारंभ – 12 जनवरी 2022 अपराह्न 04:49 बजे
समाप्त – 13 जनवरी 2022 शाम 07:49 बजे
षटतिला एकादशी, माघ, कृष्ण एकादशी
शुक्रवार, 28 जनवरी 2022
प्रारंभ – 28 जनवरी 2022 पूर्वाह्न 02:16 बजे
समाप्त – 28 जनवरी 2022 रात 11:35 बजे
फरवरी में एकादशी तिथि
जया एकादशी, माघ, शुक्ल एकादशी
शनिवार, 12 फरवरी 2022
प्रारंभ – 11 फरवरी 2022 दोपहर 01:52 बजे
समाप्त – 12 फरवरी 2022 शाम 04:27 बजे
विजया एकादशी, फाल्गुन, कृष्ण एकादशी
शनिवार, 26 फरवरी 2022
प्रारंभ – 26 फरवरी 2022 सुबह 10:39 बजे
समाप्त – 27 फरवरी 2022 सुबह 08:12 बजे
मार्च में एकादशी तिथि
आमलकी एकादशी, फाल्गुन, शुक्ल एकादशी
सोमवार, 14 मार्च 2022
प्रारंभ – 13 मार्च 2022 पूर्वाह्न 10:21 बजे
समाप्त – 14 मार्च 2022 दोपहर 12:05 बजे
पापमोचनी एकादशी, चैत्र, कृष्ण एकादशी
सोमवार, 28 मार्च 2022
प्रारंभ – 27 मार्च 2022 शाम 06:04 बजे
समाप्त – 28 मार्च 2022 शाम 04:15 बजे
अप्रैल में एकादशी तिथि
कामदा एकादशी, चैत्र, शुक्ल एकादशी
मंगलवार, 12 अप्रैल 2022
प्रारंभ – 12 अप्रैल 2022 प्रातः 04:30 बजे
समाप्त – 13 अप्रैल 2022 पूर्वाह्न 05:02 बजे
वरुथिनी एकादशी, वैशाख, कृष्ण एकादशी
मंगलवार, 26 अप्रैल 2022
प्रारंभ – 26 अप्रैल 2022 पूर्वाह्न 01:37 बजे
समाप्त – 27 अप्रैल 2022 पूर्वाह्न 00:47 बजे
मई में एकादशी तिथि
मोहिनी एकादशी, वैशाख, शुक्ल एकादशी
गुरुवार, 12 मई 2022
प्रारंभ – 11 मई 2022 शाम 07:31 बजे
समाप्त – 12 मई 2022 शाम 06:51 बजे
अपरा एकादशी, ज्येष्ठ, कृष्ण एकादशी
गुरुवार, 26 मई 2022
प्रारंभ – 25 मई 2022 सुबह 10:32 बजे
समाप्त – 26 मई 2022 सुबह 10:54 बजे
जून में एकादशी तिथि
निर्जला एकादशी, ज्येष्ठ, शुक्ल एकादशी
शुक्रवार, 10 जून 2022
प्रारंभ – 10 जून 2022 पूर्वाह्न 07:25 बजे
समाप्त – 11 जून 2022 पूर्वाह्न 05:45 बजे
योगिनी एकादशी, आषाढ़, कृष्ण एकादशी
शुक्रवार, 24 जून 2022
प्रारंभ – 23 जून 2022 रात 09:41 बजे
समाप्त – 24 जून 2022 रात 11:12 बजे
जुलाई में एकादशी तिथि
देवशयनी एकादशी, आषाढ़, शुक्ल एकादशी
रविवार, 10 जुलाई 2022
प्रारंभ – 09 जुलाई 2022 अपराह्न 04:39 बजे
समाप्त – 10 जुलाई 2022 दोपहर 02:13 बजे
कामिका एकादशी, श्रावण, कृष्ण एकादशी
रविवार, 24 जुलाई 2022
प्रारंभ – 23 जुलाई 2022 पूर्वाह्न 11:27 बजे
समाप्त – 24 जुलाई 2022 दोपहर 01:45 बजे
अगस्त में एकादशी तिथि
श्रावण पुत्रदा एकादशी, श्रावण, शुक्ल एकादशी
सोमवार, 08 अगस्त 2022
प्रारंभ – 07 अगस्त 2022 रात 11:50 बजे
समाप्त – 08 अगस्त 2022 रात 09:00 बजे
आजा एकादशी, भाद्रपद, कृष्ण एकादशी
मंगलवार, 23 अगस्त 2022
प्रारंभ – 22 अगस्त 2022 दोपहर 03:35 बजे
समाप्त – 23 अगस्त 2022 सुबह 06:06 बजे
सितंबर में एकादशी तिथि
पार्श्व एकादशी, भाद्रपद, शुक्ल एकादशी
मंगलवार, 06 सितंबर 2022
प्रारंभ – 06 सितंबर 2022 पूर्वाह्न 05:54 बजे
समाप्त – 07 सितंबर 2022 पूर्वाह्न 03:04 बजे
इंदिरा एकादशी, अश्विना, कृष्ण एकादशी
बुधवार, 21 सितंबर 2022
प्रारंभ – 20 सितंबर 2022 रात 09:26 बजे
समाप्त – 21 सितंबर 2022 रात 11:34 बजे
अक्टूबर में एकादशी तिथि
पापंकुशा एकादशी, अश्विना, शुक्ल एकादशी
गुरुवार, 06 अक्टूबर 2022
प्रारंभ – 05 अक्टूबर 2022 दोपहर 12:00 बजे
समाप्त – 06 अक्टूबर 2022 पूर्वाह्न 09:40 बजे
रमा एकादशी, कार्तिका, कृष्ण एकादशी
शुक्रवार, 21 अक्टूबर 2022
प्रारंभ – 20 अक्टूबर 2022 शाम 04:04 बजे
समाप्त – 21 अक्टूबर 2022 शाम 05:22 बजे
नवंबर में एकादशी तिथि
देवउठना एकादशी, कार्तिका, शुक्ल एकादशी
शुक्रवार, 04 नवंबर 2022
प्रारंभ – 03 नवंबर 2022 शाम 07:30 बजे
समाप्त – 04 नवंबर 2022 शाम 06:08 बजे
उत्पन्ना एकादशी, मार्गशीर्ष, कृष्ण एकादशी
रविवार, 20 नवंबर 2022
प्रारंभ – 19 नवंबर 2022 सुबह 10:29 बजे
समाप्त – 20 नवंबर 2022 सुबह 10:41 बजे
दिसंबर में एकादशी तिथि
मोक्षदा एकादशी, मार्गशीर्ष, शुक्ल एकादशी
शनिवार, 03 दिसंबर 2022
प्रारंभ – 03 दिसंबर 2022 पूर्वाह्न 05:39 बजे
समाप्त – 04 दिसंबर 2022 पूर्वाह्न 05:34 बजे
सफला एकादशी, पौष, कृष्ण एकादशी
सोमवार, 19 दिसंबर 2022
प्रारंभ – 19 दिसंबर 2022 पूर्वाह्न 03:32 बजे
समाप्त – 20 दिसंबर 2022 पूर्वाह्न 02:32 बजे