▪️श्रवण शर्मा / मुंबई▪️

मुंबई सहित पूरे देश में आज 16 अप्रैल 2022 को ‘हनुमान जयंती’ का उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर ‘हनुमान’ मंदिरों में पूजा अर्चना करके तथा ‘चूरमा’ का भोग लगाकर उन्हें प्रसन्न करने में भक्तों का हजूम देखा गया।
ज्ञात हो कि, “हनुमान जयंती” को एक पावन हिन्दू पर्व की तरह मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। यह पर्व ‘चैत्र’ माह की ‘पूर्णिमा’ को मनाया जाता है। ऐसी अवधारणा है कि, इसी दिन “हनुमान” जी का जन्म हुआ था। “हनुमान” जी को कलयुग में सबसे प्रभावशाली देवताओं में से एक माना जाता है।
प्राचीन काल के ग्रंथों में उल्लेख किया गया है कि, भगवान ‘विष्णु’ जी के ‘राम’ अवतार के बाद ‘रावण’ को अनेक दिव्य शक्ति मिल गई थी। तत्पश्चात रावण ने अपनी मोक्ष प्राप्ति हेतु भगवान ‘शिव’ से मोक्ष प्रदान करने हेतु कोई उपाय पूछा। तब भगवान ‘शिव’ ने राम के हाथों मोक्ष प्रदान करने के लिए एक लीला रची। ‘शिवजी’ की लीला के अनुसार उन्होंने पवनपुत्र ‘हनुमान’ के रूप में जन्म लिया ताकि रावण को मोक्ष दिलवा सके। इस कार्य में भगवान ‘विष्णु’ के अवतार ‘श्रीराम’ जी का साथ देने हेतु स्वयं ‘शिव’ जी के अवतार ‘हनुमान’ जी आये थे, जो की, सदा के लिए अमर हो गए। रावण के वरदान के साथ-साथ उसे मोक्ष भी दिलवाया।

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शास्त्रों में प्राप्त विवरण के अनुसार देवताओं के राजा ‘इन्द्र’ के वज्र प्रहार से “हनुमान” जी की ठुड्डी (संस्कृत में हनु) टूट गई थी। इसलिये उनको “हनुमान” के नाम से पुकारा जाता है। इसके अलावा “हनुमान” जी को ‘बजरंगबली’, ‘मारुति’, ‘अंजनि सुत’, ‘पवनपुत्र’, ‘संकटमोचन’, ‘केसरीनन्दन’, ‘महावीर’, ‘कपीश’, ‘शंकर सुवन’ “बालाजी” आदि नामों से भी भक्तगणों द्वारा पुकारा जाता है।

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