काजल गुप्ता :-THE FACE OF INDIA
दिनभर निर्जला व्रत करने के बाद रात में चंद्रमा के दर्शन के बाद ही जल और अन्न ग्रहण करने का नियम है।
इस साल कार्तिक कृष्ण चतुर्थी 13 अक्टूबर को रात 1 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगी और 14 अक्टूबर को देर रात 03 बजकर 08 मिनट पर खत्म होगी. उदिया तिथि के कारण करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर को ही रखा जाएगा।
मान्यता ये भी है, जो भी स्त्री Karwa Chauth की कथा का पाठ करती है उसे सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है। इस संपूर्ण कथा के बारे में, आइए ज्योतिर्विद पं रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें।
एक समय की बात है। एक साहूकार था। साहूकार के सात पुत्र और एक पुत्री थी।साहूकार की पुत्री अपने भाइयों की इकलौती बहन थी इसी कारण से उसे सभी भाई बहुत प्रेम करते थे। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को साहूकार की पत्नी और उसकी सातों बहुओं और पुत्री ने भी करवा चौथ (Karwa Chauth) का व्रत रखा।
रात को जब साहूकार के सभी लड़के भोजन करने बैठे तो उन्होंने अपनी बहन से भी भोजन करने को कहा । इस बात पर बहन ने कहा कि भैया आज करवा चौथ का व्रत उसने भी रखा है और चंद्रमा के दर्शन के बाद ही कुछ खा सकती है। चांद के निकलने पर उसे अर्घ्य देकर ही वो अन्न और जल ग्रहण कर सकती है।
साहूकार के बेटे बहन से बहुत प्रेम करते थे और उन्हें अपनी बहन का भूख से परेशान चेहरा देख बेहद दुख हुआ। अपनी बहन का ये हाल देखकर उन्हें ऐसा सोच आया कि यदि चंद्रमा जल्दी ही निकल आए तो उनकी बहन व्रत का पारण कर सकती है। इस कारण से साहूकार के बेटे नगर के बाहर गए और वहां एक पेड़ पर चढ़ कर अग्नि जला दी। घर वापस आकर उन्होंने अपनी बहन से कहा- देखो बहन, चंद्रमा निकल आया है। अब तुम चंद्रमा को अर्घ्य देकर भोजन ग्रहण कर सकती हो।
बहन ने अपनी भाभियों से भी चंद्रमा के दर्शन करके व्रत खोलने को कहा, लेकिन उनकी भाभियों ने इस बात से मना कर दिया और कहा कि अभी चांद नहीं निकला है बल्कि उनके भाइयों ने बहन को भूख से परेशान देखकर ही नकली चांद दिखा दिया है।
साहूकार की बेटी ने भाभियों की बात पर ध्यान दिया और अपने भाइयों की बात मानकर भाइयों बनायें गए नकली चांद को अर्घ्य देकर अन्न जल ग्रहण कर लिया। इस वजह से बहन का करवा चौथ का व्रत भंग होने से भगवान श्री गणेश साहूकार की बेटी पर क्रोधित हो गए। गणेश जी की क्रोधित के कारण उस लड़की का पति जल्दी ही बीमार हो गया और घर में बचा हुआ सारा धन उसकी बीमारी में खर्च हो गया।
साहूकार की बेटी को जब अपने किए हुए दोषों का पता लगा तो उसे बहुत बुरा लगा । उसने गणेश जी से क्षमा प्रार्थना की और फिर से विधि पूर्वक चतुर्थी का व्रत शुरू कर दिया। उसने विधि से पूजन करके चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना उपवास पूर्ण किया और वहां उपस्थित सभी लोगों का आशीर्वाद लिया।
साहूकार की बेटी की भक्ति और श्रद्धा को देखकर भगवान गणेश जी उस पर प्रसन्न हो गए और उसके पति को जीवनदान दिया। साथ ही, उसे सभी प्रकार के रोगों से मुक्त करके धन, संपत्ति और वैभव से परिपूर्ण कर दिया।करवा चौथ माता की जय !
करवा चौथ व्रत कथा का महत्व :- ऐसी मान्यता है कि करवा चौथ Karwa Chauth की पूजा तभी पूरी मानी जाती है जब पूजा के साथ इस कथा का पाठ किया जाता है। जो स्त्रियां करवा चौथ के दिन पूजन के साथ इस कथा का पाठ करती हैं। और चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं ।करवा माता पति को लंबी आयु देती हैं और साहूकार की बेटी की ही तरह उनके पति पर भी सदैव भगवान गणपति का आशिर्वाद बना रहता है। करवा चौथ के दिन इस व्रत का एक बुक सामने रखकर करवा माता का ध्यान करते हुए यदि स्त्रियां इस कथा का पाठ करती हैं और दूसरों को भी कथा सुनाती हैं तो उनका सौभाग्य अखण्ड बना रहता है।करवा चौथ की ये कथा आपके जीवन में सुख समृद्धि का वरदान और वैवाहिक जीवन में खुशियां देगी।
करवा चौथ की रात को पति पत्नी क्या करते हैं:-
जिसमें महिलाएं पति के लिए निर्जला व्रत करती हैं। शाम को पूजा करती हैं और चांद देखकर अपना उपवास खोलती हैं। हर साल बड़ी संख्या में देशभर से अधिकतर सुहागिन महिलाएं यह व्रत रखती हैं।
ओम जय श्री चौथ मैया, बोलो जय श्री चौथ मैया
सच्चे मन से सुमिरे, सब दुःख दूर भया
ओम जय श्री चौथ मैया
ऊंचे पर्वत मंदिर, शोभा अति भारी
देखत रूप मनोहर, असुरन भयकारी
ओम जय श्री चौथ मैया
महासिंगार सुहावन, ऊपर छत्र फिरे
सिंह की सवारी सोहे, कर में खड्ग धरे
ओम जय श्री चौथ मैया
बाजत नौबत द्वारे, अरु मृदंग डैरु
चौसठ जोगन नाचत, नृत्य करे भैरू
ओम जय श्री चौथ मैया
बड़े बड़े बलशाली, तेरा ध्यान धरे
ऋषि मुनि नर देवा, चरणो आन पड़े
ओम जय श्री चौथ मैया।
चौथ माता की आरती, जो कोई सुहगन गावे
बढ़त सुहाग की लाली, सुख सम्पति पावे
ओम जय श्री चौथ मैया।
1-आए तो संग लाये खुशियां हजार,
हर साल मनाएं हम यह त्योहार,
भर दे हमारा दामन खुशियों के साथ,
दे जाए उम्र तुम्हें हजार हजार साल
करवाचौथ की हार्दिक शुभकामनाएं!!
2-पूरा दिन है आज हमारा उपवास ,
पति आए जल्दी यही है आस ,
ना तोड़ना हमारी ये आस ,
क्योंकि है करवा चौथ ,
आज के दिन मत करना हमारा उपहास
3-सुबह की किरण में सरगी मिलेगी
आज हर पत्नी दुल्हन की तरह सजेगी।
इस व्रत से हमारे पति की उमर बढ़ेगी
हर पत्नी को माता यह आशीर्वाद देगी।
4-सुख-दुःख में हम-तुम
हर पल साथ निभाएंगे
एक जन्म नहीं सातों जन्म
पति-पत्नी बन आएंगे
करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं।
5-चांद मे दिखती है मुझे मेरे पिया की सूरत,
चांद संग चांदनी सी है मुझे भी उनकी जरुरत
करवा चौथ की बधाई।
6-दिल खुशियों का आशियाना हैं
इसे दिल में बसाये रखना।
पत्नी रखती है व्रत आपके लिए
आप भी इन्हें ज़िन्दगी भर हसाए रखना।
7-करवा चौथ का पावन व्रत,
आपके लिए मैंने किया है क्यूंकि,
आप ही के प्रेम और सम्मान ने
जीवन को नया रंग दिया हैं.
करवा चौथ की शुभकामनाएं!!
8-मेहरबान है आज हम पर भगवान ,
हमको दिया है प्यारे पति का वरदान ,
यही है करवा चौथ की कामयाबी
और हमारा दिल करता है वाह-वाही।
हिंदू पंचांग के अनुसार 13 अक्तूबर 2022 को करवा चौथ Karwa Chauth पर पूजा का सबसे अच्छा मुहूर्त शाम 04 बजकर 08 मिनट से लेकर 05 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।