शारदीय नवरात्रि क्यों मनाया जाता हैं? जाने इसके पीछे के पौराणिक कथा

KAJAL GUPTA – THE FACE OF INDIA

हर साल आश्विम मास में शारदीय नवरात्रि मनाया जाता है। दुर्गा के 9 स्वरूपों की अलग-अलग दिन नवरात्रि में पूजा करने का विधान है।
○ हर साल 2 बार नवरात्रि मनाई जाती है। एक चैत्र महीना में और दूसरा अश्विनी महीने में। हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि शुरू होती है और दसवें दिन मां दुर्गा की मूर्ति को विसर्जन करते हैं । इस साल शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर को शुरू होकर 5 अक्टूबर 2022 को खत्म हो जायेगी ।
○हिंदू धार्मिक ग्रंथों में वर्णित कथाओं के अनुसार, शक्ति की अधिष्ठाता माँ दुर्गा ने महिषासुर का मार कर आसुरी शक्तियों का विनाश किया था। महिषासुर और दुर्गा मां का 9 दिनों तक युद्ध चला और दसवे दिन उन्होंने महिषासुर का वध कर दिया।पंचांग के अनुसार,आश्विन मास में शरद ऋतु का भी शुरू होता है, इसीलिए इस माह में शारदीय नवरात्रि मनाया जाता हैं। 10 वें दिन शारदीय नवरात्रि में विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है।


○ कई कथाएं नवरात्रि से प्रचलित है, जिनमें से पहला है कि माता भगवती देवी दुर्गा ने राक्षस महिषासुर के साथ 9 दिनों तक युद्ध किया और नवमी की रात को उसका वध कर दिया । इसी वजह से देवी माता को ‘महिषासुरमर्दिनी’ नाम से जाना जाता है। तभी से मां दुर्गा की पूजा होती हैं।

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○दूसरी कथा के अनुसार, बुराइयों से युक्त रावण का वध कर श्रीरामजी ने अच्छाइयों का विनाश होने से बचाया था । नारद ने श्रीराम से नवरात्रि व्रत का अनुष्ठान करने को कहा। लंका पर आक्रमण करने के पहले उन्होंने 9 दिन तक व्रत किया और वह सफल भी हुए । उन्होंने रावण का वध किया। कार्य सिद्धि के लिए नवरात्रि व्रत किया जाता है
○Disclaimer: यहां सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।यहां यह बताना जरूरी है कि The Face of india किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।

TFOI Web Team