शनि अमावस्या को लगेगा साल का अंतिम सूर्यग्रहण

पंडित आशीष कुमार तिवारी।

साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर 2021 दिन शनिवार को लगेगा ।यह ग्रहण वृश्चिक राशी में लगेगा ।
क्या होता सूर्यग्रहण …
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य पीड़ित हो जाते हैं, जिस कारण सूर्य की शुभता में कमी आ जाती है।
वैदिक शास्त्रों के अनुसार केतु ग्रह के कारण सूर्य ग्रहण होता है।
यानी केतु ग्रह जब सूर्य को ग्रसित कर लेता है तब सूर्यग्रहण होता है।
विज्ञान के दृष्टि से सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है। जब सूर्य व पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो चंद्रमा के पीछे सूर्य का बिम्ब कुछ समय के लिए ढंक जाता है, इसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है।

मार्गशीर्ष महीने की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है। सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर की सुबह 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगा, जो दोपहर 03 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगा।
यह ग्रहण भारत मे दिखाई नही देगा और शास्त्रों के अनुसार जिस जगह ग्रहण दिखाई ना दे वहां पर सूतक काल मान्य नही होता है।
कुल मिलाकर साल के अंतिम सूर्यग्रहण का सूतक हमारे देश मे नही लगेगा।
लेकिन ग्रहण के समय मे कोई भी शुभ कार्य प्रारम्भ नही करना चाहिये।
ग्रहण के समय पूजा पाठ गुरु मंत्र का जाप या अपने इष्ट की आराधना अवस्य करना चाहिये।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जहां पर ग्रहण दिखाई नही देता है उस जगह या देश मे सूर्यग्रहण का शुभ या अशुभ प्रभाव नही होता है।
यह ग्रहण अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा।
इन देशों में ग्रहण के अशुभ प्रभाव पड़ सकते हैं।
ग्रहण के समय क्या ना करें —
ग्रहण काल में नाखून काटना, बाल काटना, कंघी करना आदि काम भी नहीं करने चाहिए।
ग्रहण के समय सोना नहीं चाहिए ऐवम ब्रह्मचर्य का पालन अवस्य करना चाहिए।
ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय बाहर नहीं निकलना चाहिए।

TFOI Web Team