श्री कृष्ण गीता में कहते हैं कि जिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु भी निश्चित है लेकिन मनुष्य अपनी मृत्यु को हमेशा टालने की कोशिस करता है वह ये नहीं जानता है । की उसकी मृत्यु अटल है जब उसकी मृत्यु होने वाली होगी तब उसे स्वयं ही पता चल जाएगा की उसकी मृत्यु का समय अब निकट है मृत्यु के कुछ समय पहले ही मनुष्य को ये एहसास हो जाता है कि अब उसकी मृत्यु कुछ ही समय मे होने वाली है ।मृत्यु आने से पहले ही कुछ ऐसे संकेत दिखाई देने लगते है ।जिससे मनुष्य को ये पता चल जाएगा।की उसकी मृत्यु मात्र एक घंटे में होने वाली है ।श्री विष्नु ने ऐसे 5 संकेत बतायें थे ।जिससे मनुष्य अपनी मृत्यु के बारें में पता कर सकता है ।श्री कृष्ण के अनुसार ये संकेतो के माध्यम से मनुष्य अपने परिवार और मित्र जनों से अंतिम बातें कर सकता है जिन्हें मात्र मृत्यु से पहले ही की जा सकती है तो अब हम आपको बताते है उस पांच संकेतों के बारे में
1 पहली बात जीवन भर के कर्म दिखाई देना सिर्फ श्री कृष्ण के अनुसार जिस व्यक्ति की मृत्यु होने वाली है।उसे एक घंटा पहले अपने जीवन में किये गयें छोटे बड़े कर्म दिखाई देने लगते है उसे अपने जीवन मे किये गए सारे पाप और पुण्य परिवार जनों के साथ बिताये गए पल दिखाई देने लगते है ।वह मनुष्य ध्यान योग के अवस्था में पहुँच जाता है।जिसमें उसको केवल मात्र उसके कर्म ही दिखाई देते है ।उसे एहसास नही रहता कि वो कहाँ बैठा हुआ है ।
या उसके आस पास कौन बैठा हुआ है ये पहला संकेत कुछ ही समय के लिए होता है जिसके बाद वो मनुष्य वापस चेतना में आ जाता है।
2 दूसरा संकेत स्वपनों में स्वर्ग और नर्क के द्वार दिखाई देना इस प्रकार के सपने मनुष्य को उसकी मृत्यु के एक दिन पहले ही आने लगते है उसे अपने सपनों में एक स्वर्ग का द्वार और दूसरा नर्क का द्वार बारी बारी से दिखाई देंने लगता है।वह मनुष्य उन दोनों द्वार के बाहर खड़ा हुआ इंतजार करता है।सपनें में मनुष्य को न तो नर्क में दी जाने वाली सजाएँ दिखती है ।और नहीं स्वर्ग में मिलने वाला सुख दिखाई देता है केवल स्वर्ग और नर्क में प्रवेश करने वाले विशालकाय दरवाजे दिखाई देते हैं ।
3 तीसरा संकेत यह होता है कि यमराज के दूत श्री कृष्ण के अनुसार जिस व्यक्ति की मृत्यु में एक पहर यानी कि एक घंटे का समय अगर शेष रहता है ।उस मनुष्य को अपने आस पास यमराज के दूत होने का एहसास होता है और वह व्यक्ति असहज महसूस करने लगता हैं।उसे लगता है उसके आस पास में परिजनों के अलावा कोई और भी है लेकिन जिस व्यक्ति की मृत्यु में मात्र 21 सेकेंड शेष रह जाते हैं तब उसे यमराज के दूत दिखाई देने लगते है ।जिस कारण मरने वाला व्यक्ति इन दूतों को देख कर भय से रोने लगता हैं।लेकिन उनके परिजन ये समझ नही पातें की व्यक्ति क्यों रो रहा है ।जिसके कुछ ही समय बाद उसकी मृत्यु हो जाती है ।
4 संकेत अपने पूर्वजों को सपनें में देखना गरुण पुराण के अनुसार मृत्यु होने का यह सबसे बड़ा संकेत है ।कि उसकी मृत्यु के कुछ दिन पहले ही उसके पुर्वज उसके सपनें में दिखाई देने लगते है ।जिस व्यक्ति की मृत्यु होने वाली होती है ।उस व्यक्ति के परिवार वालें सदस्य जिनकी मृत्यु हो चुकीं है वह सभी बारी बारी से उस व्यक्ति के सपनें में दिखाई देने लगते हैं ।कुछ लोग इसे पित्र दोष मानने की भूल करते है लेकिन पूर्वजों का बार बार सपनें में कान मृत्यु का संकेत है ।
5 वा संकेत सपनें में उल्लू और जली हुई लकड़ी का दिखाई देना। श्री कृष्ण जी कहते है जिस व्यक्ति के सपनें में उल्लू अथवा जली हुई लकड़िया दिखाई देने लगती है ।उस व्यक्ति की मृत्यु निकट होती है ।ऐसे व्यक्ति की मृत्यु 21 से 51 वे दिन के भीतर ही हो जाती हैं।ऐसे व्यक्ति को अपना बचा हुआ समय परिवार जनों के साथ बैठ कर प्रेम से व्यतीत करना चाहिए।और अपने जीवन भर में की हुई गलतियों को सुधार लेना चाहिए सपनें में जली हुई लकड़ी उस मृत्यु को दर्षाती है जब कि उलू उसके काल को दिखाता है ।की वह निकट ही है ।श्री कृष्ण के अनुसार अगर जीवन मे ऐसे पांच संकेत दिखाई दें तो अवश्य ही समझ जाना चाहिए की उसकी मृत्यु निकट हैं । उस व्यक्ति को बचा हुआ समय अपने परिवार के साथ और मित्रगणों के साथ रहकर जीवन में की गई गलतियों को सुधारते रहना चाहिये । जीवन के मात्र कुछ पलों में भी जीवन में की गई बड़ी सी बड़ी गलतियों को सुधारा जा सकता है ।तो इस प्रकार भगवान श्री कृष्ण ने मृत्यु से पहले मिलने वाले पांच संकेतो के बारें में बतायें है ।