Categories: राज्य

हे ! वाग्वादिनी माँ

हे ! वाग्वादिनी माँ

हे ! वाग्वादिनी माँ

तू हमें ज्ञान दें

तू हमें ध्यान दें।

भटक रहें हम

जीवन पथ पर

आकर हमें तू अब थाम लें।

तू ब्राम्ह की माया

तू ही महामाया

हम फंसे मोहजाल

आकर हमें तू अब निकाल लें।

तू ज्ञान की मुद्रा

तू ध्यान की मुद्रा

हम गिरे अज्ञान में

आकर हमें तू अब ज्ञान दें।

तू सुर की वन्दिता

तू ही सुरवासिनी

हम हो रहें बे-सुरे

आकर हमें तू सुर का ज्ञान दें।

तू विद्या की धात्री

तू ही विद्युन्माला

हम धंस रहें अविद्या में

आकर हमें तू विद्या का वरदान दें

हे ! वाग्वादिनी माँ

हे ! वाग्वादिनी माँ

तू हमें ज्ञान दें

तू हमे ध्यान दें।

राजीव डोगरा

TFOI Web Team

Share
Published by
TFOI Web Team