1 दिसंबर विश्व एड्स दिवस: डरना नहीं समझना होगा तभी एचआईवी एड्स से बचना होगा – डॉक्टर आर.पी. कोरी
दमोह : विश्व एड्स दिवस के विविध कार्यक्रमों की श्रंखला में उप जेल हटा में विधिक साक्षरता शिविर में आज बंदियों एवं विचाराधीन बंदियों के बीच न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सुनील खरे की अध्यक्षता में एड्स रोग की जागरूकता एवं समानता से संबंधित जानकारी दी गई। विधिक साक्षरता के अंतर्गत न्यायाधीश द्वारा बंदियों को निशुल्क कानूनी सहायता से संबंधित जानकारी दी गई।
सी.डी.एम.ओ. सिविल अस्पताल हटा डॉक्टर आर.पी. कोरी द्वारा एड्स से संबंधित जानकारी देते हुए बताया कि एड्स रोग मुख्य रूप से चार प्रकार से फैलता है, इसमें पहला कारण है असुरक्षित यौन संबंध का बनाना, दूसरा संक्रमित रक्त का चढ़ाना, तीसरा संक्रमित गर्भवती माता से उत्पन्न संतान, चौथा संक्रमित सुई से एक से अधिक लोगों को इंजेक्शन लगाना। इन बातों को ध्यान में रखा जाए तो जीवन में एड्स कभी नहीं हो सकता। डॉ. सौरभ जैन द्वारा बताया कि सभी गर्भवती माताओं को जब गर्भ का पता चलता है तो 3 महीना के भीतर रक्त से संबंधित जांच उनमें एड्स की जांच भी प्रमुख है, अवश्य करवाना चाहिए जिससे होने वाली संतान को अगर संक्रमित माता जन्म देती है तो उसको इस रोग से बचाए जाने का इलाज है। डॉ. उमाशंकर पटेल द्वारा बताया गया कि रक्त वैसे तो समस्त प्रकार की जांच होकर ही मरीज को चढ़ाया जाता है फिर भी रक्त चढ़ाते समय सावधानी रखना चाहिए। एक मरीज को एक डिस्पोजल सिरिंज से ही सूजी लगवाना चाहिए। डिस्पोजल सिरिंज का बार-बार उपयोग नहीं होना चाहिए। एड्स काउंसलर उदय दुवे द्वारा बताया गया कि हटा क्षेत्र में एड्स के कई मरीज है। जिनकी जानकारी गोपनीय रखी जाती है।