अंजली माली | महाराष्ट्र मुंबई
मुंबई में सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट ने भक्तों के लिए प्रसाद बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले 16,000 लीटर शुद्ध घी की नीलामी करने का फैसला लिया गया हैं। पिछले साल मार्च महीने में 50 लाख रुपए में इस घी को खरीदा गया था, जिसकी नीलामी को महाराष्ट्र सरकार के कानून और न्यायपालिका विभाग ने हाल ही में मंजूरी दी है। लेकिन इसके साथ यह शर्त रखा गया है कि इसको किसी खाने की सामग्री में नहीं डाला जाना चाहिए।
16,000 लीटर घी उत्तर प्रदेश के बरेली में एक विक्रेता से खरीदा गया था, जिसने पिछले मार्च में लॉकडाउन लागू होने से पहले इसे थोक में बेचा था। आदेश बांदेकर ने बताया कि जब पहली बार लॉकडाउन लगा था तो स्थिति में जल्द सुधार आने की उम्मीद की गई थी, लेकिन मंदिर 5 नवंबर 2020 को ही खुला, जिससे घी के खराब होने का खतरा बढ़ गया इसलिए घी को त्यागने का फैसला लिया गया। सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष आदेश बांदेकर ने यह भी बताया कि सामान्य समय के दौरान लगभग 35,000 से 40,000 लड्डू बेचे जाते थे, जिनकी कीमत 10 रुपए होती थी। साथ ही अंगारकी संकष्टी जैसे विशेष अवसरों पर 1 लाख लड्डू बिक जाते थे, लेकिन पिछले साल से कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से प्रसाद के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराने वाले कई आपूर्तिकर्ताओं ने स्वेच्छा से उस स्टॉक को वापस ले लिया था। लेकिन घी की शेल्फ लाइफ कम होती है इस वजह से उसे वापस नहीं लिया गया।
आदेश बांदेकर के मुताबिक इस नीलामी से घी की खरीद में खर्च की गई राशि का कम से कम 60 से 70 फीसदी हासिल किया जा सकेगा। वहीं मंदिर में फिलहाल हर दिन 30,000 भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है जो मंगलवार को बढ़कर एक लाख तक हो जाती है।
Discussion about this post