बरहज, देवरिया। बरहज नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत बाबा राघव दास भगवान दास स्नाकोत्तर महाविद्यालय के सभागार में आयोजित किया गया। जिसके मुख्य अतिथि प्रोफेसर चितरंजन मिश्रा पुर्व प्रति कुलपति अंतराष्ट्रीय महात्मा गांधी केन्द्रीय विद्यालय वर्धा रहे। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर शंभू नाथ तिवारी प्राचार्य, डॉ अनंत मिश्र, गिरधर करूं ण एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता आश्रम पीठाधीश्वर आंजनेय दास जी महाराज ने की ।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा दिप प्रज्वलन एवं मां सरस्वती तथा डॉक्टर महेंद्र पांडे के चित्र पर माल्यार्पण के साथ शुरू हुआ सरस्वती वंदना सिद्धिदात्री तिवारी ने प्रस्तुत किया मुख्य अतिथि सहित विशिष्ट अतिथियों को अंग वस्त्र स्मृति चिन्ह एवं सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया स्वागत गीत रमेश तिवारी अनजान में प्रस्तुत किया स्वागत भाषण विद्यानंद पांडे ने प्रस्तुत किया कार्यक्रम में स्वर्गीय डॉ महेंद्र पांडे के स्मृतियों के बारे में डॉक्टर ओम प्रकाश शुक्ला मंगलमय त्रिपाठी अरविंद त्रिपाठी चतुरानन ओझा आदि मैं संस्मरण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर शंभू नाथ तिवारी ने कहा कि स्वर्गीय डॉ महेंद्र पांडे ने हिंदी विभागाध्यक्ष के रूप में बभनान पीजी कॉलेज सुशोभित किया और राम कथा के क्षेत्र में उन्होंने व्यापक स्तर पर कार्य किया उन्होंने कई पुस्तक लिखी। डॉक्टर अनंत मिश्रा ने की की डॉक्टर पांडे उम्र में हमसे छोटे थे, हम लोग गोरखपुर में एक ही साथ एक कमरे में रहकर अध्ययन अध्यापन का काम करते थे उनकी एक-एक बातें आज भी मुझे याद है वह फर्ज निभाना भली भांति जानते थे। कभी गिरधर करूं ने कहा कि डॉक्टर साहब से हमारे बड़े निकट के संबंध थे कई मंचों पर हमारी उनकी मुलाकात हुई थी। वह उदारवादी प्रवृत्ति के व्यक्ति थे और स्वाभिमानी थे झुकना नहीं जानते थे। मुख्य अतिथि डॉक्टर चितरंजन मिश्रा ने कहा कि हम लोग साथ-साथ रहते थे हम लोगों की सोच थी कि आप गोरखपुर विश्वविद्यालय में ही अध्यापन का कार्य करें कुछ समय के लिए उन्होंने गोरखपुर में रहकर विश्वविद्यालय में अध्यापन का कार्य भी किया लेकिन भाग्य के थप्पड़ों ने उन्हें बभनान पीजी कॉलेज में हिंदी विभाग के अध्यक्ष के रूप में स्थापित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आश्रम पीठाधीश्वर आंजनेय दास जी ने कहा हम लोगों का सौभाग्य है कि ऐसे हिंदी के मूर्धन्य विद्वान राम कथा के मर्मज्ञ आश्रम के राम कथा मंच पर भी अपने कथा के माध्यम से लोगों में एक छाप छोड़ी थी आज हम लोगों के बीच नहीं है ना रहते हुए भी उनकी स्मृतियां हमारे हृदय में विराजमान है।
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कार्यक्रम के आयोजन विद्यानंद पांडे ने विभिन्न क्षेत्रों से लोगों को अंग वस्त्र, सम्मान पत्र, भगवत गीता देकर सम्मानित किया। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के क्षेत्र से डॉ केपी सिंह ,डॉअमित राय ,डॉ एल सी गुप्ता, साहित्य के क्षेत्र से रमेश तिवारी अनजान, रामेश्वर यादव ,आध्यात्मिक एवं कथा प्रवचन के क्षेत्र से सुधाकर मणि तिवारी, गणेश मिश्र, विनय मिश्र ,शिक्षा के क्षेत्र से संतोष मद्धेशिया, पत्रकारिता के क्षेत्र से श्रवण गुप्ता ,जेपी श्रीवास्तव, भगवान उपाध्याय, सामाजिक क्षेत्र से रतन सोनकर ,अजीत जायसवाल, खेल के क्षेत्र से प्रतिक मद्धेशिया को अंग वस्त्र, सम्मान पत्र ,एवं भगवत गीता की पुस्तक देखकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में विद्यानंद पांडे ने आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम का संचालन विनय कुमार मिश्रा ने किया।