देवरिया, (सू0वि0) 8 जून।* जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने जन्म-मृत्यु पंजीकरण में हो रहे विलंब को जल्द से जल्द दूर करने के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी, डीपीआरओ, एवं समस्त नगर निकायों के अधिशासी अधिकारियों को निर्देशित किया है। उन्होंने कहा कि जन्म के साथ-साथ मृत्यु का ससमय पंजीकरण आवश्यक है। सभी संबंधित विभाग जन्म-मृत्यु पंजीकरण कार्य को गंभीरता पूर्वक निष्पादित करना सुनिश्चित करें। इसमें स्वास्थ्य विभाग, पंचायतीराज विभाग एवं नगर निकाय विभाग शत प्रतिशत पंजीकरण कर सीआरएस पोर्टल पर अपलोड कराएं।
इसकी जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. राजेश झा ने बताया कि जन्म-मृत्यु के पंजीकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले जन्म एवं मृत्यु का पंजीकरण अनिवार्य है। अभियान में आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण के दौरान जन्म, मृत्यु की सूचनाएं एकत्रित कर जिनका जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं है उनका पंजीकरण कराकर उनका प्रणाम पत्र बनवाने में सहयोग करेंगी। परिवार में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर परिजन 21 दिन के अंदर-अंदर मृत्यु प्रमाण पत्र के फार्म भरकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को दें या सीधे तौर पर प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों में जाकर दें। मृत्यु का प्रमाण पत्र परिवार के सदस्यों को पैतृक संपत्ति आदि के बंटवारे व अन्य कानूनी प्रक्रिया के दौरान जरूरी होता है। इसी प्रकार जन्म का पंजीकरण के दौरान भी यही प्रक्रिया अपनाई जाती है।
उन्होंने बताया कि जन्म-मृत्यु पंजीकरण के फार्म आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के पास उपलब्ध है। यह फार्म 21 दिन की अवधि में पूर्ण रूप से भर कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सरपंचों व बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को देना होता है या फिर सीधे तौर से ही यह फार्म भरकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी जमा करवाए जा सकते हैं।
सीएमओ ने बताया कि जन्म-मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 के अंतर्गत स्थानीय रजिस्ट्रार के कार्यालय में परिवार में किसी के जन्म और मृत्यु को पंजीकृत करवाना अनिवार्य है। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र एक अति आवश्यक एवं बहुउद्देशीय दस्तावेज है जो जीवन में समय-समय पर अनेक उद्देश्यों की पूर्ति करता है। उन्होंने बताया कि अब जन्म-मृत्यु पंजीकरण एवं प्रमाण पत्र हासिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। जन्म-मृत्यु का पंजीकरण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और नगरपालिका कार्यालयों में किया जा रहा है। इस दिशा में ग्राम पंचायत, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का सहयोग लिया जा रहा है। जन्म-मृत्यु पंजीकरण की निर्धारित 21 दिनों की समय अवधि के बाद 30 दिनों तक पंजीकरण रजिस्ट्रार की अनुमति से करवाया जाता है। 30 दिनों से अधिक समय से विलंबित घटना का पंजीकरण करने के लिए प्रार्थी को प्रार्थना पत्र सीधे रजिस्ट्रार को पूर्ण रूप से भरा हुआ सूचना फार्म, शपथ पत्र, विलंब शुल्क की रसीद,अनुपलब्धता प्रमाण पत्र, प्रार्थी के निवास से संबंधित प्रमाण, जन्म-मृत्यु घटना की तारीख संबंधी प्रमाण व रजिस्ट्रार की जांच रिपोर्ट आदि दस्तावेजों सहित देना होगा जिसे जिला रजिस्ट्रार की अनुमति के लिए भेजा जाता है। यदि जन्म या मृत्यु सरकारी अस्पताल में हुई हो तो वही पर पंजीकरण होगा। यदि गैर सरकारी पंजीकृत अस्पताल में हुई हो तो नगर के नगर परिषद में पंजीकरण मिलेगा।
उन्होंने बताया कि यह कागजात बहुत ही आवश्यक कागजात है। विदेशों में जाने के लिए पासपोर्ट बनवाने के लिए जन्म प्रमाण-पत्र का होना अति आवश्यक है। ऐसे में ग्रामीण इस मामले में पूरी गंभीरता के साथ निश्चित अवधि के दौरान ही यह फार्म जमा करवाएं ताकि उन्हें यह प्रमाण पत्र बनवाने में किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।
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