मनासा। नगर में 28 जनवरी शनिवार को विश्व हिंदू परिषद बजरंगदल का शोर्य संचलन भाटखेड़ी नाका संघ स्थान पर पूरे प्रखंड से बजरंग दल के कार्यकर्ता एकत्रित हुए, संचलन की विधिवत शुरुआत मंचासिन अतिथि मंगलेश सोनी बजरंग दल प्रांत साप्ताहिक मिलन प्रमुख, विभाग संयोजक लक्की बड़ोलिया, जिला अध्यक्ष सत्यनारायण पाटीदार, जिला मंत्री लक्ष्मण राठौर, जिला संयोजक दुर्गेश धनगर, जिला सहमंत्री समरथ बागवान ने रामदरबार व भारत मां के चित्र पर माल्यार्पण व द्विप प्रजव्वलित कर की, नगर में कदम ताल मिलाते हुए कार्यकर्ता संचलन में निकले, संचलन नगर के प्रमुख मार्ग केशव संघ स्थान से बाबा राम देव मंदिर, शिवाजी गली, राम मोहल्ला चौराया, वाल्मीकि बस्ती, कुशवाह मोहल्ला, रामपुरा नाका, सोमनाथ मंदिर, बद्री विशाल मंदिर, विजय स्तम्भ, जूना साथ, बोहरा गली, चोपड़ गटा, शिवा जी चौराया, नानक शाह इमली, पूर्बिया मोहल्ला, परमहंसः बालाजी, बाबा रामदेव मंदिर भाटखेड़ी नाका होते हुए पुनः केसव संघ स्थान पहुंचा, नगरवासियों द्वारा संचलन का जगह जगह पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत किया! कार्यक्रम के मुख्यवक्ता मंगलेश सोनी ने अपने उद्बोधन में कहा कि
“गुरु तेग बहादुर का शीश काटने से लेकर कन्हैय्या लाल तक जिहादी मानसिकता नही बदली”
सन 712 में मोह बिन कासिम का भारत पर आक्रमण इस्लाम का पहला आक्रमण था। उसके बाद से लेकर पाकिस्तानी आतंकवादी कसाब के आतंकवादी हमले तक यह जिहादी मानसिकता बिल्कुल नही बदली। इनका उद्देश्य एक ही रहा भारत को इस्लामिक झंडे के नीचे लाना, दारुल ए इस्लाम बनाना, परन्तु मैं आज इस नगर की पावन धरती से आप सबको वचन देता हूँ कि हम सभी राष्ट्रवादी युवाओं के रहते, बजरंग दल के रहते यह कभी संभव नही हो सकेगा। मोह कासिम के आक्रमण करने लेकर से अजमल कसाब के आक्रमण करने तक, गुरु तेगबहादुर सिंह जी का शीश काटने से लेकर राजस्थान में कन्हैयालाल का शीश काटने तक, नालन्दा विश्व विद्यालय को ध्वस्त करने जलाने से लेकर, बंगाल में हम हिंदुओं के घर जलाने तक, बंदा बहादुर शंभु राजे को क्षत विक्षत करने से लेकर श्रद्धा के 35 टुकड़े करने तक इस्लाम और उसके जिहादियों में कोई अंतर नही आया, प्रभु श्री राम चाहते तो 1 बाण से समुद्र सूखा सकते थे परन्तु वे जानते थे कि कलियुग में ये आसुरी शक्तियां प्रमाण मांगेगी, इसीलिए नील, नल, जामवंत, सुग्रीव की सेना के सहयोग से रामसेतु बनाया। जो राम को नही मानते थे, रामायण को काल्पनिक बताते थे, मस्जिदों मौलानाओं से वोट डालने के फतवे जारी करवाते थे, अब कोर्ट के आगे जनेऊ पहनकर दिखाते है कि हम भी हिन्दू है, मन्दिर जाते है, पूजा करते है। भारत की मूल प्रकृति ना होने के बावजूद यहां पर छुआछूत व ऊंच- नीच एक महामारी का रूप धारण कर चुकी थी डॉक्टर अंबेडकर का यह स्पष्ट मत था कि अगर भारत के संत महात्मा मिलकर यह घोषणा करें कि हिंदू धर्म शास्त्रों में छुआछूत का कोई स्थान नहीं है तो इस अभिशाप को समाप्त किया जा सकता है, सन 1969 में उडूपी में आयोजित विश्व हिंदू परिषद संत सम्मेलन में भारत के प्रमुख संतो के द्वारा सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसका मूल मंत्र था हिंद वह सोदरा सर्वे न हिन्दू पतितो भवेत सारे हिंदू भाई हैं संतों के उद्घोष के साथ ही संपूर्ण देश में स्थित अस्पृश्यता से मुक्ति पाने के लिए सार्थक प्रयास प्रारंभ हुआ अर्थात विश्व हिंदू परिषद भारत के महापुरुषों के विचारों के अनुसार ही देश की एकजुटता के लिए काम कर रहा है। यह परिवर्तन यह एकजुट हिन्दू समाज की शक्ति का परिणाम है।इस अवसर पर बजरंग दल मालवा प्रांत विद्यार्थी प्रमुख प्रेम कुशवाह, गोपाल सोनी, कैलाश मालवीय, अनिल सिसोदिया, हरिनारायण नंदवाना, तेजकरण मोदी, अर्जुन यजुर्वेदी, जगपाल फरक्या, गोपाल मोदी, लक्की शर्मा, कारुलाल धनगर, अविनाश आर्य, उपस्थित हुए, अतिथि परिचय प्रखंड मंत्री मंगल सिंह देवड़ा, संचालन प्रखंड संयोजक राहुल कुशवाह ने किया तो आभार प्रखंड सहसंयोजक सर्वेश झंवर ने किया।