रिपोर्ट उमाकांत विश्वकर्मा
स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार पूरी तरह मुस्तैद है और अपने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कड़ा निर्देश भी दे रखा है कि कहीं कोई लापरवाही ना हो जिससे मरीज परेशान हो। लेकिन सरकारी अस्पताल की बदहाली सुधारने का नाम नहीं ले रही है जी हां मामला है बलिया जनपद के रसड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का जहां रात्रि में एक मरीज को लेकर गए परिजनों ने बताया कि हम लोग करीब 9:00 बजे रात्रि को हॉस्पिटल पहुंचे जहां पर डॉक्टर ने उनके साथ बदतमीजी की और मरीज का इलाज तक नहीं किया और कहा कि हम इलाज नहीं करेंगे आनन-फानन में मरीज के परिजनों ने अपने मरीज को लेकर मऊ के लिए चले गए वहीं मरीजों के परिजनों ने आरोप लगाते हुए बताया कि रात्रि में इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉ मुकेश वर्मा नशे में धुत थे और काफी बदतमीजी से बात कर रहे थे उनका कहना है कि अगर डॉक्टर ही नशे में धुत रहेगा तो मरीज का इलाज कैसे होगा कहीं ऐसा ना हो कि किसी मरीज की जान नशे में धुत डॉक्टर द्वारा उल्टा सीधा इलाज कर मरीज की जान ले ली जाए.
डॉ मुकेश वर्मा द्वारा यह पहली लापरवाही नहीं है डॉ मुकेश वर्मा आए दिन मरीजों से गलत व्यवहार करते हैं जिससे मरीज निराश होकर कहीं और ले जाने को मजबूर हो जाते हैं वहीं मरीजों के परिजनों ने बताया कि उसी समय उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलिया को फोन लगाया लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ तब तक अपनी इमरजेंसी ड्यूटी छोड़ डॉ मुकेश वर्मा कहीं फरार हो गए।
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