बिरेन्द्र पाण्डेय | भागलपुर, देवरिया ( TFOI )
देवरिया जनपद के मईल गांव में सरयू तट के किनारे सिद्ध भूमि बनाने वाले महर्षि देवरहा बाबा अपने आप में अद्भुत थे। जनपद मुख्यालय से 40 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिणांचल के अंतिम छोर पर मईल गांव के पास बाबा का आश्रम है। यहां देवरहा बाबा काठ के मंच पर बैठकर लोगों को आशीर्वाद व दर्शन देते थे।
यहां देश के पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेई, चौधरी चरण सिंह, राजीव गांधी आदि ने बाबा का आशीर्वाद लिया था। अब जबकि देवरहा बाबा नहीं हैं, फिर भी आश्रम का महत्व कम नहीं है। विभिन्न मौकों पर देश के कोने-कोने से भक्त यहां पहुंचते रहते हैं।
देवरहा बाबा श्री राम और श्री कृष्ण को एक मानते थे और भक्तो को कष्ट से मुक्ति के लिए कृष्ण मंत्र भी देते थे। “ऊं कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणत: क्लेश नाशाय, गोविन्दाय नमो-नम:”।
बाबा को प्लावन सिद्धि भी प्राप्त थी, जिससे वह पानी के ऊपर भी चलते थे। बाबा जिस भक्त को अपने पैर के अंगूठे से स्पर्श कर देते थे, वह धन्य हो जाता था। बाबा ऐसे दिव्य संत थे जो भक्तों की बात को पहले ही जान जाते थे। उन्हें आशीर्वाद देते थे। बाबा ने कभी अन्न का सेवन नहीं किया। वह हमेशा गंगाजल, दूध, दही व श्रीफल का प्रयोग करते थे।
बाबा हमेशा मृग छाला पहनते थे। बाबा हमेशा गोसेवा और जीवों पर दया करो का संदेश देते थे। जीवन के अंतिम पड़ाव में वृंदावन में सरयू तट पर चले गए थे।
आश्रम के पीठाधीश्वर श्यामसुंदर दास ने बताया कि इस साल भी आश्रम पर उनकी पुण्यतिथि योगिनी एकादशी 5 जुलाई को मनाई जाएगी।
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