भनवापुर/सिद्धार्थनगर
सिद्धार्थ नगर जनपद का विकास खंड भनवापुर अपने कार्यों एवं कारनामों को लेकर हमेशा सुर्खियों में बना रहता है ताजा मामला है विकास खंड भनवापुर के सहायक विकास अधिकारी पंचायत कार्यालय का जहाँ के जिम्मेदारों द्वारा राज्य सूचना आयोग के आदेशों व निर्देशों का जमकर गला घोंटा जा रहा है जबकि राज्य सूचना आयोग को जुर्माना लगाने/ अर्थ दण्डित करने का अधिकार है.
आपको बताते चलें कि भनवापुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत मन्नीजोत निवासी सचिदानंद मिश्र ने जन सूचना अधिकार अधिनियम २००५ के धारा ६ (१) के अन्तर्गत भरवठिया मुस्तहकम, डोकम अमया आदि ग्राम पंचायतों से सूचना मांगी था निर्धारित शुल्क जमा करते हुए परन्तु समय- सीमा बीत जाने के बाद भी जब आवेदनकर्ता सचिदानंद मिश्र को चाही गयी बांक्षित सूचना उपलब्ध नहीं कराई तो वह धारा १९(१) के अन्तर्गत प्रथम अपील सहायक विकास अधिकारी पंचायत भनवापुर लाले भारती को किया फिर भी सूचना नहीं दिया गया बल्कि उक्त सूचना के लिए बार -बार दौडा़ कर उनका आर्थिक और मानसिक शोंषण किया गया जिससे क्षुब्ध होकर उन्होंने राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया और राज्य सूचना आयोग ने सहायक विकास अधिकारी पंचायत को नोटिस जारी करते हुए आयोग में तलब कर शीघ्र सूचना उपलब्ध कराने हेतु आदेशित एवं निर्देशित किया फिर भी आवेदनकर्ता सचिदानंद मिश्र को सूचना उपलब्ध नहीं कराने पर राज्य सूचना आयोग के आयुक्त श्रीमती रचना पाल द्वारा कडा़ रूख अख्तियार करते हुए सि0 -३-४९९/सी/२०२२ द्वारा दिनांक २४/११/२३ को स्पष्टीकरण के साथ तलब किया कि क्यों न आप के खिलाफ २५००० (पच्चीस हजार) रूपये का जुर्माना लगा दिया जाये.
दरअसल राज्य सूचना आयोग द्वारा जिस अधिकारी/ जन सूचना अधिकारी के ऊपर जुर्माना लगाया जाता है तो जुर्माने की धनराशि की कटौती सम्बंधित के बेतन से किये जाने का प्राविधान है. इस सम्बन्ध में ज्यादा जानकारी के लिए सहायक विकास अधिकारी पंचायत भनवापुर लाले भारती को फोन करने पर उन्होंने बताया कि इस समय हम जिला मुख्यालय से अटैच चल रहे हैं और इसी महीने में हमारी रिटायरमेंट भी भी है
जुर्माना लगेगा तो भनवापुर ब्लॉक के वर्तमान सहायक विकास अधिकारी पंचायत के ऊपर लगेगा इसके अब वही जिम्मेदार होंगे