बरहज, देवरिया।सरयू सत्संग समिति द्वारा चल रहे राम कथा के दूसरे दिन सायंकाल पंडित विनय मिश्रा ने कथा कहते हुए हनुमान जी के पावन चरित्र का वर्णन किया उन्होंने कहा कि जीवन में जीव के अंदर हनुमान जैसी भक्ति होनी चाहिए भक्ति प्राप्त करने का मार्ग बड़ा कठिन है लेकिन भगवान की कृपा हो जाए तो बड़ा सुलभ है भगवान के पावन नाम का स्मरण करके भगवान को अपने बस में कर लिया गोस्वामी तुलसीदास ने कहा सुमिरि पवनसुत पवन नामू , अपने बस करी रखेउ रामु । भगवान के नाम के बल पर चार सौ योजन का समुद्र लांघकर गये एवं मां के का पता लगे मां की विपदा दूर की भगवान के नाम की महिमा इतनी है कि रामचंद्र गन बरनई लगा, सुनतही सीता कर दुःख भागा। इसलिए मनुष्य को हमेशा भगवान के नाम रूप रूप लीला एवं धाम का स्मरण करना चाहिए जिससे मानव जीवन का कल्याण हो।
नगर पालिका परिषद में होगी स्थापित दुर्गा प्रसाद मिश्र एवं प्रेम प्रकाश सिंह की प्रतिमा