वरिष्ठ पत्रकार मनोज दुबे
होशंगाबाद सतपुड़ा के कलकल करते पर्वतों और नर्मदा सरोबर के बीच स्थित ग्राम बाबई में अपनी काव्यांजलि से प्रतिभा ने अपनी कविताओं से अपनी भावनाओं को जब कागज़ पर उतारने का प्रयास किया तब मानों उनकी कविताएं भावों का भव्य आलोक बन गई प्रतिभा
डॉ. प्रतिभा_ ने बचपन से ही अपनी भावनाओं को मानो साहित्य का रूप प्रदान कर दिया और नित कविताओं के सौन्दर्य को हृदय की गहराइयों से रूप प्रदान कर एक अलग पहचान बनाई ।
उनकी लिखी कविताएं आज की युवा पीढ़ी को मार्गदर्शन देती है।
मुम्बई की सामाजिक और सांस्कृतिक संस्था अदम्य द्वारा एवं साहित्यनामा पत्रिका द्वारा उन्हें प्रख्यात साहित्यकार श्रीयुत महेंद्र कुमार दुबे चिंतक लेखक और विचारक की स्मृति में राष्ट्रीय साहित्य रत्न सम्मान प्रदान करने का निर्णय लिया है।
डाक्टर प्रतिभा ने अपनी क्षमता योग्यता से साहित्य के क्षेत्र में साहित्य की कल्पना को मूर्तरूप प्रदान कर सामाजिक परिवेश को चिंतन की धारा से जोड़ने का जो कार्य किया वह अभूतपूर्व है।
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