Updated: 29/11/2023 at 7:46 PM
देवरिया, देवरिया की सुनबीम विद्यालय में वार्षिक महोत्सव बनाया गया जिसमें विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया छात्र-छात्राओं ने अपने संस्कृत एक कार्यक्रम की माध्यम से उपस्थित लोगों को यह जानकारी दी की आज के परिवेश में जो छात्र-छात्राएं पठान-पाटन का कार्य करने के लिए विद्यालय आते हैं और कुछ लोग अपने माता-पिता के सपनों को सरकार न करते हुए व्हाट्सएप फेसबुक ट्विटर इंस्टाग्राम जैसे संगत में पड़कर के और गलतफहमी का शिकार होते जा रहे हैं और अंत में उन्हें भारी पश्चाताप करना पड़ रहा है विद्यालय के छात्रों ने अपने संस्कृत कार्यक्रम के माध्यम से बताया कि इसमें बच्चों के साथ-साथ अभिभावक की भी कमी देखी जा रही है बच्चों को अपने घरों में न रखकर कुछ लोग कामवाली बाई के भरोसे चले जाते हैं और सुबह से शाम तक अपने जाब और काम में लगे रहते हैं वह अपने बच्चों के वास्तविक स्वभाव को नहीं देखते जिससे उनके बच्चे कहीं ना कहीं शरारती होते जा रहे हैं।
विद्यालय की प्रबंधक अवनीश मिश्रा ने आज के युवाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए बताया की धीरे-धीरे आज के युवा पश्चिमी सभ्यता की तरह आज से होते जा रहे हैं और हमारी भारतीय संस्कृति कुछ लोगों के नजरों में दिखावा बनकर रह गया है हमें अपने कल्चर को पहचानना होगा और शिक्षा के साथ भारतीय संस्कृति को भी जोड़ना होगा तभी हम अपने भारत के गौरव के साथ विश्व में अपना परचम लहराने में सफल रहेंगे। विद्यालय के प्रधानाचार्य अरविंद शुक्ला ने बताया की आज के समय में अधिक से अधिक अपने अच्छे इतिहास को याद रखने के लिए और अपने बच्चों को माता-पिता के प्रति आदर एवं देश के प्रति सम्मान की पहेलियां बताने की यदि हम अपने बच्चों को अपने माता-पिता एवं भारतीय संस्कृति की कहानी जो पहले बताए जाते थे सांस्कृतिक कार्यक्रम होते थे वह जोड़ा जाए तो निश्चित तौर पर हम पश्चिमी सभ्यता से दूर रहेंगे और समाज में जो चीज आज देखने को मिल रही है उसे पर अंकुश लगा पाने में सफल रहेंगे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से विद्यालय परिवार के साथ जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों के सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे.
विद्यालय की प्रबंधक अवनीश मिश्रा ने आज के युवाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए बताया की धीरे-धीरे आज के युवा पश्चिमी सभ्यता की तरह आज से होते जा रहे हैं और हमारी भारतीय संस्कृति कुछ लोगों के नजरों में दिखावा बनकर रह गया है हमें अपने कल्चर को पहचानना होगा और शिक्षा के साथ भारतीय संस्कृति को भी जोड़ना होगा तभी हम अपने भारत के गौरव के साथ विश्व में अपना परचम लहराने में सफल रहेंगे। विद्यालय के प्रधानाचार्य अरविंद शुक्ला ने बताया की आज के समय में अधिक से अधिक अपने अच्छे इतिहास को याद रखने के लिए और अपने बच्चों को माता-पिता के प्रति आदर एवं देश के प्रति सम्मान की पहेलियां बताने की यदि हम अपने बच्चों को अपने माता-पिता एवं भारतीय संस्कृति की कहानी जो पहले बताए जाते थे सांस्कृतिक कार्यक्रम होते थे वह जोड़ा जाए तो निश्चित तौर पर हम पश्चिमी सभ्यता से दूर रहेंगे और समाज में जो चीज आज देखने को मिल रही है उसे पर अंकुश लगा पाने में सफल रहेंगे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से विद्यालय परिवार के साथ जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों के सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे.
First Published on: 29/11/2023 at 7:45 PM
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