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Uttar Pradesh: Pm मोदी ने किया कल्कि धाम का शिलान्यास, आचार्य प्रमोद कृष्णम भी मौजूद

Uttar Pradesh: प्रधानमंत्री मोदी ने श्री कल्कि धाम मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान अपने भाषण में कहा कि आज उत्तर प्रदेश की धरती से भक्ति, भाव और अध्यात्म की एक और धारा प्रवाहित होने के लिए लालायित है. आज हमारे पूज्य संतों की साधना और जनमानस की भावना से एक और पवित्र धाम की नींव रखी जा रही है. मुझे विश्वास है कि श्री कल्कि धाम भारतीय आस्था के एक और विराट रूप में उभरकर सामने आएगा. कई ऐसे अच्छे काम हैं, जो कुछ लोग मेरे लिए छोड़ कर चले गए हैं. आगे भी जितने अच्छे काम बच रहे हैं, उनको भी संतों और जनता-जनार्दन के आशीर्वाद से हम जल्द पूरा करेंगे. प्रधनमंत्री को इस कार्यक्रम का निमंत्रण आचार्य प्रमोद कृष्णम ने दीया था और इस मौके पर वो भी यहां मौजूद थे. आपको बता दें कि पीएम को निमंत्रण देने के बाद ही कांग्रेस ने उन्हें अपनी पार्टी से निष्कासित कर दिया था.

प्रधानमंत्री मोदी ने शिवाजी महाराज को किया याद.

PM मोदी कल्कि धाम के शिलान्यास में आज 19 फ़रवरी को यूपी के संभल पहुंचे. यहां शिलान्यास के बाद अपने भाषण में उन्होंने शिवाजी महाराज को याद किया और कहा, ”आज छत्रपति शिवाजी महाराज की जन्म-जयंती है. इसलिए ये दिन और भी पवित्र और प्रेरणादायक हो जाता है. आज हम अपने देश में जो सांस्कृतिक पुनरोदय देख रहे हैं, और अपनी पहचान पर गर्व कर रहे हैं, ये प्रेरणा हमें छत्रपति शिवाजी महाराज से मिलती है. मैं इस पावन अवसर पर छत्रपति शिवाजी महाराज के चरणों में श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं।”

मन्दिर में होंगे 10 गर्भगृह, और 10 अवतारों की होगी पूजा.

प्रधनमंत्री मोदी ने कार्यक्रम में अपने भाषण के समय कहा कि ‘कई एकड़ में फैला ये विशाल कल्कि धाम कई मायनों में विशिष्ट होने वाला है. ये एक ऐसा मंदिर होगा, जिसमें 10 गर्भगृह होंगे और भगवान के सभी 10 अवतार यहां विराजमान होंगे. भगवान के 10 अवतारों के माध्यम से हमारे शास्त्रों में केवल मानव ही नहीं बल्कि अलग-अलग स्वरूपों में ईश्वरीय अवतार को प्रस्तुत किया गया है. यानी हमने हर जीवन में ईश्वर की ही चेतना के दर्शन किये हैं. उन्होंने आगे कहा पिछले महीने ही, इस देश ने अयोध्या में 500 साल के इंतज़ार को पूरा होते देखा. रामलला के विराजमान होने का वो अलौकिक अनुभव, वो दिव्य अनुभूति अब भी हमें भावुक कर जाती है. इसी बीच हम हमारे देश से सैकड़ों किमी दूर की धरती अरब पर, अबू धाबी में पहले विराट मंदिर के लोकार्पण के साक्षी बने हैं.’

Anjali Singh